गुरुवार, 3 नवंबर 2011

लौकी जूस से डरने की ज़रूरत नहीं: रामदेव

दीपावली के एक दिन पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा लौकी के जूस को लेकर जारी सलाह (एडवायजरी) को योग गुरु बाबा रामदेव ने नकार दिया है। उन्होंने कहा है कि लौकी का छिलका निकाल कर उसका जूस पीने से कोई हानि हो ही नहीं सकती। उन्होंने लोगों से कहा है कि वे लौकी के जूस पीने से डरें नहीं। 

हालांकि मंत्रालय की एडवायजरी में भी लोगों को लौकी का जूस पीने से मना नहीं किया गया है, लेकिन इससे रामदेव के इस "हेल्थ टॉनिक" के सामने बहुत बड़ा सवाल जरूर खड़ा हो गया है। रामदेव की वजह से यह जूस पूरे देश में काफी पॉपुलर हो गया था, लेकिन पिछले साल जुलाई में दिल्ली के एक स्वास्थ्य वैज्ञानिक की ही इस जूस को पीने से मौत हो गई थी। वे मधुमेह के इलाज के लिए उसका उपयोग कर रहे थे। 

रामदेव ने नोएडा में 27 अक्टूबर को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा लौकी का छिलका निकाल कर उसका जूस निकालने के बाद कोई खतरा नहीं है। रासायनिक खादों के उपयोग से लौकी का छिलका प्रदूषित हो जाए यह संभव है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अकेले लौकी का जूस हानिकारक हो, ऐसा हो ही नहीं सकता है।

मंत्रालय ने लौकी के जूस से बीमार हुए लोगों का इलाज करने वाले डॉक्टरों के लिए भी एडवायजरी (दिशा-निर्देश) जारी की है। एडवायजरी में कहा गया है कि लौकी का जूस तीता हो तो उसे कतई न पीएं। पिछले साल लौकी के जूस से मौत की घटना के बाद स्वास्थ्य की वैज्ञानिक बिरादरी में रामदेव की खासी छीछालेदर हुई थी।

मौत की घटना के बाद मंत्रालय ने एम्स के मेडिसिन प्रमुख डॉ.एसके शर्मा के नेतृत्व में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की टीम गठित की थी। टीम की रिपोर्ट आने के बाद मंत्रालय ने यह एडवायजरी जारी की है। इस टीम ने लौकी के जूस के तमाम पहलुओं का अध्ययन किया है। टीम ने कहा है कि लौकी का जूस निकालने के पहले उसके एक टुकड़े को चख कर देख लें वह तीता तो नहीं। अगर तीता है तो फिर उसका जूस कतई न पीएं। लौकी के जूस को किसी दूसरे जूस से नहीं मिलाना चाहिए। लौकी का जूस पीने के बाद अगर मन में घबड़ाहट, उल्टी (खून की भी), डायरिया जैसे लक्षण दिखें तो पीने वाले को तत्काल नजदीक के अस्पताल में ले जाना चाहिए। 

चिकित्सकों को लौकी जूस पीए किसी मरीज के आने पर उसका इलाज तत्काल शुरू कर देने की सलाह दी गई है। उन्हें मरीज का हीमोग्राम, पेशाब जांच, लीवर और किडनी आदि कई जांच करने की सलाह दी गई है(नई दुनिया,दिल्ली,28.10.11)। 
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शाम सात बजे पढ़िएः 


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4 टिप्‍पणियां:

  1. यदि कोई शंका है तो पीने की ज़रुरत ही क्या है .
    वैसे हमने तो यही पढ़ा था की कड़वा जूस घातक हो सकता है .

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  2. रमण जी
    आपकी आलेखसे बहुतौको फायदा पहुचती है ! आपने दुनियाके लोगोके लिए यह ब्लग सुरु किया है ! इसकेलिए आप धन्यबाद्की पत्र तो हे ही है !आपको मालुम होगा हि कि सरकार रामदेव बाबा जी के पीछे हाथ धो कर पडी हे यह तो पक्का है ! लौकी की बजह से एक बैज्ञानिक की जान भी चली गई है ! लेकिन एकबात पक्की है की वोह लौकी जो जूस बनाई गई थी उसमे पक्का कोही केमिकल इंजेक्ट किया गया होगा उसकी ग्रोथ के लिए ! हजारौ लाखौ लोग प्रति दिन लौकी की जूस पीते है अगर सभी लौकी बिष युक्त होती तो सभी लोग मर न जाते ! बस यह एक संयोग था उन्होंने केमिकल युक्त लौकी की जूस पी ली थी ! इसीलिए उनकी मृतु हो गई थी मुझे ऐसा लगता है !
    http://herbo-life.blogspot.com

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  3. achchi jankari ke liye dhanyawaad..
    jai hind jai bharat

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  4. वैसे आज तक ये सुनने एमिन भी नहीं आया की लौकी के जूस से किसी को भी नुक्सान हुवा है ... पता नहीं ये एड्वैसरी जारी करने की क्या जरूरत आन पड़ी ...

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