मंगलवार, 1 नवंबर 2011

डायरियाःफैक्ट शीट

डायरिया एक ऐसी बीमारी है जो विश्वभर में पाँच साल से कम उम्र के बच्चों की मौत का सबसे बड़ा कारण है। इससे मरने वाले बच्चों की संख्या एड्स, मलेरिया और मीज़ल्स से मरने वाले कुल मरीज़ों से भी अधिक है। भारत में डायरिया की वजह से सबसे ज़्यादा जानें जाती हैं। इसकी वजह से करीब ५ लाख बच्चों की हर साल मौत हो जाती है। ऐसी स्थिति में डायरिया, इससे बचाव और इलाज के बारे में जागरूकता बहुत ज़रूरी है, ताकि इससे हो रही मौतों को रोका जा सके। डायरिया से होने वाले निर्जलीकरण और खनिज पदार्थों की कमी मृत्यु का प्रमुख कारण होते हैं। मौत के लिए ज़िम्मेदार दूसरा सबसे कारण कुपोषण है। डायरिया से पीड़ित बच्चे को पुनः स्वस्थ होने के लिए पोषक आहार की ज़रूरत होती है। डायरिया से बचाव और इलाज़ के लिए उचित साफ-सफाई रखना ज़रूरी है। डायरिया से बचाव और इलाज़ से जुड़े तीन साधारण से नियम हैं जो काफी कारगर साबित होते हैं- 

1. हाथ धोने के लिए साबुन का इस्तेमालःखाना बनाने,खाने और खिलाने से पहले व शौच के बाद साबुन से अच्छी तरह हाथों को धोना चाहिए। 

2. पीने के पानी की सफाईःपानी को उबालकर,फिल्टर करके या क्लोरीन से ट्रीट करके ही पीएं। पानी के बर्तन और स्थान की साफ-सफाई का ध्यान रखें। 

3. दस्त हो रही हो तो मरीज़ को तुरंत जीवनरक्षक घोल देना शुरू कर दें। स्तनपान जारी रखें और पोषक आहार दें (सेहत,नई दुनिया,अक्टूबर द्वितीयांक 2011)। 


ओआरएस का इस्तेमाल.. 
बच्चों में दस्त की समस्या बहुत ही जल्दी गंभीर रूप धारण कर सकती है। दस्त के कारण पहले से ही कमज़ोर बच्चों में निर्जलीकरण की आशंका अधिक होती है। पर्याप्त मात्रा में शुद्घ पेय जल पिलाना आवश्यक होता है। अक्सर दस्त से निढाल बच्चा पानी अथवा किसी तरह के पेय की माँग नहीं करता अतः पालकों को चाहिए कि वे समय-समय पर तरल पदार्थों की आपूर्ति करते रहें। 


- एक लीटर पानी में ओआरएस घोल का एक बड़ा पैकेट मिलाएँ। इसे २४ घंटे के अंदर सेवन कर समाप्त करें। अगली बार के लिए बचा कर न रखें। 


शरीर में द्रव की भरपाई करना बेहद महत्वपूर्ण है नहीं तो निर्जलीकरण का खतरा बढ़ जाता है, जिससे डायरिया गंभीर हो सकता है। दो साल से बड़े बच्चे के लिए, आधा गिलास या १०० एमएल तक ओआरएस प्रत्येक दस्त के बाद दिए जाने की जरूरत होती है(सेहत,नई दुनिया,अक्टूबर तृतीयांक 2011)।  


अंतर्मंथन और चित्रकथा ब्लॉगों के स्वामी डाक्टर टी एस दराल साहब की यह पोस्ट काबिले-गौर है।
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आज शाम सात बजे जानिएः 


क्या है ऑपरेशन में प्रयुक्त होने वाला एनेस्थीसिया

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