त्योहारों का मौसम आते ही महिलाओं को फीकी त्वचा की देखभाल का जुनून सवार हो जाता है। घरेलू कामकाज का बोझ इतना हो जाता है कि रूप चौदस के आने तक वे झटपट त्वचा को चमका लेना चाहती हैं। यद्यपि यह समय त्वचा के किसी खास उपचार का नहीं है लेकिन फौरी तौर पर कई देशी उपाए किए जा सकते हैं।
बारिश के बीतने और सर्दियाँ आने के बीच क्वाँर यानी तेज धूप का मौसम रहता है। खुश्की का मौसम शुरू होते ही त्वचा की नमी सूखने लगती है। नमी त्वचा का रक्षा कवच होती है जिसके नहीं रहने से कई समस्याएँ खड़ी होने लगती हैं। खुश्क त्वचा को ठीक होने में वक्त लगता है। मौसम की मार से बचने के लिए पहले से तैयारी रखना बहुत जरूरी है। जैसे ही बारिश बीतती है सूरज की तीखी किरणें त्वचा पर सीधा वार करती हैं। चूँकि बारिश शुरू होते ही सनटैन लोशन ड्रेसिंग टेबलों से गायब हो जाते हैं इसलिए यह तय करने में वक्त लग जाता है कि तीखी धूप से कैसे बचें। किसी क्रीम या लोशन की शरण में आने तक अल्ट्रावॉयलेट किरणें त्वचा पर अपना असर छोड़ चुकी होती हैं। दरअसल, धूप त्वचा की सेहत का सबसे अधिक नुकसान करती है इसलिए किसी भी मौसम में तेज धूप से बचना त्वचा के लिए फायदेमंद होता है। खासतौर पर सुबह ११ से शाम ५ बजे तक की धूप का सामना करना हो तो सनटैन लोशन (२५-४० एसपीएफ) का रक्षा कवच जरूर लगा होना चाहिए। शरीर की त्वचा आती सर्दियों का सामना करने के लिए तैयार रहे इसके लिए समय रहते देखभाल करना ठीक होता है, क्योंकि शॉलों और स्वेटरों की कई तहों के नीचे छुपी त्वचा कई तरह से नजरअंदाज कर दी जाती है।
हम में से अधिकांश यह मानते हैं कि सर्दियों में त्वचा की देखभाल की उतनी जरूरत नहीं जितनी गर्मियों के मौसम में होती है। यह सच नहीं है, क्योंकि इस मौसम में भी अल्ट्रावॉयलेट किरणें उतनी ही तीव्रता से हमला करती हैं इसलिए धूप में निकलने से ३० मिनट पहले २५- ४० एसपीएफ का सन प्रोटेक्शन लोशन जरूर लगा लें। इस मौसम में हिन्दुओं के बड़े तीज-त्योहार आते हैं इसलिए सभी अपने सर्वश्रेष्ठ रूप में सबके सामने दिखाई देना चाहते हैं। शहरी जीवन का तनाव और लगातार बदलता हुआ वातावरण शरीर की ऊर्जा सोख लेता है। प्रदूषण और धूल त्वचा की दुश्मन हैं। कामकाजी महिलाएँ घर के बने हुए सौंदर्य उत्पादों की "लक्जरी" का आनंद नहीं ले सकतीं। उनके लिए दौड़ते हुए ब्यूटी पॉर्लर तक जाना और रात को सोने से पहले कोई क्रीम लगा लेने का विकल्प ही शेष रह जाता है। सोने से पहले नाइट क्रीम जरूर लगाएँ, साथ ही पूरे शरीर के स्वास्थ्य पर भी ध्यान दें। आंतरिक स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने पर त्वचा की ऊपरी देखभाल अर्थहीन है। सर्दियों में शरीर से मृत त्वचा को हटाना अच्छा होता है। इसके लिए नायलॉन का अच्छा लूफा ले लें या बादिंग स्क्रब खरीद लें। बॉडी ऑइल में थोड़ी-सी शकर अथवा नमक मिला लें। इसमें दो-तीन बूँदें इसेंशियल ऑइल की मिला लें। इसे हल्के-से थपथपाते हुए लगा लें। स्क्रबर अथवा लूफा से गोल-गोल घुमाते हुए रगड़कर मैल साफ कर लें। घुटनों, कोहनियों और एड़ियों पर विशेष ध्यान दें। याद रखिए कि इस दौरान शॉवर चालू रहे।
सर्दियों के मौसम की सबसे बड़ी समस्या है-वातावरण का कम तापमान। इस मौसम में गर्म पानी से नहाए बगैर काम नहीं चलता। त्वचा की समस्याओं की जड़ यहीं छिपी है। गर्म पानी की बूंदे त्वचा की सतह को नुकसान पहुंचा सकती हैं। कोशिश करके देखिए हल्के कुनकुने पानी से किया गया स्नान अधिक तरो-ताज़गी देगा। ठंड के मौसम में शरीर का तापमान बढ़ाने के लिए हमें बहुत सारी ऊर्जा की ज़रूरत होती है। इसके लिए ढेर सारे तरल पेय लिए जा सकते हैं। चॉकलेट,मसाला चाय,कॉफी सभी आपको ऊर्जा प्रदान करते हैं। नहाने से पहले पानी में एप्सोम सॉल्ट(मैग्नीशइयम सल्फेट) मिला लें। इसे खस-खस नमक भी कहते हैं। यह आसानी से किसी मेडिकल स्टोर पर मिल जाता है। इससे त्वचा साफ करने में मदद मिलती है।
सर्दियों में नहाने के बाद कभी भी शरीर पर बॉडी क्रीम लगाकर देखिए। आपको महसूस होगा कि त्वचा कितनी तेज़ी से इसे सोख रही है। यही वजह है कि सर्दियं में नहाने कसे पहले तेल मालिश की सलाह दी जाती है। आधुनिक युग में तेल मालिश दूर की बात है,आप तो जल्दी से अच्छा बॉडी ऑयल लगाइए और नहा लीजिए। इसके बाद आपको रगड़कर नहीं पोंछना है। याद रखिए कि टॉवेल से थपथपाकर शरीर सुखाना है। रगड़कर पोछेंगी तो त्वचा की नमी और प्राकृतिक तेल-दोनों बाहर निकल जाएंगे। शरीर पर रह गई हल्की-सी नमी की मदद से तेल या लोशन त्वचा में जज्ब हो जाएंगे। त्यौहार के मौके पर अपना रूप सजाने के लिए चने के आटे और हल्दी पर भरोसा करें। देसी उबटन हमेशा किचन में उपलब्ध रहते हैं।
ब्यूटी पार्लर जाने का वक्त न हो तो इन्हें आजमाएं
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चने के आटे को कुनकुने दूध में भिगो दें। थोड़ी देर रखने के बाद इसमें चंद बूंदें नींबू का रस निचोड़ दें। थोड़ी हल्दी मिलाएं और चेहरे पर लगा लें। सूखने तक यह उबटन लगा रहने दें। दस मिनट बाद इसे कुनकुने पानी की मदद से निकाल दें। याद रखें कि यह उबटन है,कोई स्क्रब नहीं जिसे रगड़कर निकालना पड़े।
-रूखी त्वचा पर आप फलों का रस या गूदा इस्तेमाल कर सकती हैं। खूब पका हुआ केला जिसे घर में कोई खाना न चाहे उसे मैश करें और शहद मिला लें। इसमें नींबू का रस मिला सकती हैं। इसे चेहरे पर लगाकर कुछ समय के लिए छोड़ दें। कुनकुने पानी से धो लें। केला पका तो हो लेकिन खराब नहीं होना चाहिए यह ध्यान रखें। कुनकुने पानी से त्वचा के रोमकूप खुल जाते हैं। इससे अंदर छुपा हुआ मैल भी बाहर निकल आएगा। उबटन के प्रयोग के कुछ समय बाद अच्छा टोनर लगा सकती हैं। गुलाबजल एक उत्तम टोनर है(डॉ अप्रतिम गोयल,सेहत,नई दुनिया,अक्टूबर तृतीयांक 2011)।
शाम सात बजे पढ़िएः
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उत्तराखंड में धन्वंतरि पद्धति की सफलता के बारे में
कुछ दिनों से लग रहा है सर्दी के दिन आ गए है
जवाब देंहटाएंऐसे में काफी उपयोगी जानकारी है !
बेसन,दूध निम्बू,हल्दी मिश्रित उबटन का
प्रयोग सच में अच्छा होता है !
मौसम बदलते ही आपका यह आलेख आ जाना बहुत ज़रूरी टिप्स दे गया। काम आएगा।
जवाब देंहटाएंहाथरसी काका पर मेरा, यह शोध पत्रिका पढ़ा
जवाब देंहटाएंदेखभाल कर त्वचा की सुन्दर, सर्दी का रंग चढ़ा
पढ़ते-पढ़ते रोक डाल्टन, स्वाद बारूद लगा
जिंदगी का सफ़र दीवाली, बदला रूप भला
आपकी उत्कृष्ट पोस्ट का लिंक है क्या ??
आइये --
फिर आ जाइए -
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http://charchamanch.blogspot.com/
बेहद उपयोगी और जनहितकारी जानकारी है।
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