सर्वेक्षणों में पाया गया है कि बड़े अस्पतालों के हड्डी रोग विभाग में रोज 50 से लेकर 500 तक ऐसे मरीज आते हैं, जिन्हें कमर दर्द की शिकायत रहती है। बावजूद इसके लोग दर्द की प्रारंभिक अवस्था में डॉक्टर को नहीं दिखाते। वे डॉक्टर के पास तक जाते हैं जब दर्द अधिक होने लगता है। आप कभी भी ऐसी लापरवाही न करें कि ऑपरेशन की स्थिति आ जाए।
विकासशील देशों में इस तरह के मामले दिन-ब-दिन तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। पीठ के निचले हिस्से में दर्द यानी कमर दर्द महानगरों में महामारी की तरह फैल रहा है। यह सही है कि आजकल की भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल, कम्प्यूटर पर लगातार बढ़ता काम और व्यायाम का अभाव रीढ़ की हड्डी पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। हमारे शरीर में कमर को सबसे मजबूत और अहम भाग माना जाता है। हमारी कमर की बनावट में हड्डियां, कार्टिलेज (डिस्क), जोड़, मांसपेशियां, लिगामेंट, नसें आदि शामिल हैं। इनमें से किसी के भी विकारग्रस्त होने से कमर दर्द उत्पन्न होता है। मैकेनिकल कारणों के साथ टीबी से लेकर कैंसर तक कोई भी कारण कमर दर्द पैदा कर सकता है।
कमर दर्द के कारण
कमर दर्द का किसी व्यक्ति के पेशे से गहरा संबंध है। ऐसा काम जो ज्यादा देर तक एक ही अवस्था में बैठकर करना पड़े व जिसमें हाथों का भारी प्रयोग हो, वे कमर दर्द की वजह बनते हैं।
-अधिक देर तक एक ही अवस्था में बैठकर काम करना और शारीरिक गतिविधि कम करना।
-भारी वजन उठाना या कमर की मांसपेशियों में मोच या खिंचाव।
-गर्भावस्था में वजन बढ़ना, ठीक से न बैठना, खड़ा होना, सही अवस्था में न सोना।
-शरीर में मेटाबोलिक रसायनों की कमी।
-रीढ़ की बनावट में खराबी की वजह से।
-हड्डियों की सघनता में कमी आना।
इस कारण होने वाली बीमारियां
कमर दर्द के कारण कई हैं और ये सभी कारण रीढ़ संबंधी बीमारियों को जन्म देते हैं। सर्वाइकल, स्पोंडिलाइटिस, टीबी, कमर में ट्यूमर, स्लिप्ड डिस्क आदि कमर दर्द के कारण होने वाली प्रमुख बीमारियां हैं। स्लिप डिस्क तो आज बेहद गंभीर समस्या बन चुकी है।
कमर दर्द से निजात पाने के उपाय
आमतौर पर कमर का दर्द मैकेनिकल ही होता है। इसमें रोग की शुरुआती अवस्था में दवाओं, फिजियोथेरेपी, एक्यूपंचर, लेजर थेरेपी, इलेक्ट्रिक स्टीम्यूलेशन, गरम सिकाई, ठंडी सिकाई, मेन्युल थेरेपी आदि का इस्तेमाल किया जाता है ताकि दर्द और मांसपेशियों की जकड़न कम हो। इसके बाद विशेष प्रकार के व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। ट्रेक्शन और लम्बर बेल्ट लगाने से भी आराम मिलता है।
सही इलाज
अगर दर्द तीन महीनों से अधिक रह जाए तो ये क्रॉनिक हो जाता है। कमर दर्द अगर क्रॉनिक हो तो इसका इलाज केवल ऑपरेशन ही रह जाता है। सर्जरी द्वारा या तो पूरी डिस्क को बाहर निकाल दिया जाता है या उसे आंशिक रूप से बाहर किया जाता है। यह सर्जरी जनरल एनेस्थिसिया देकर की जाती है। ऑपरेशन से पहले डॉक्टर कुछ टेस्ट करते हैं, जिसमें ये देखा जाता है कि नसों पर कितना दबाव पड़ रहा है।
इसके अलावा स्पाइन फ्यूजन भी एक ऐसा इलाज है, जिसके बाद कमर की मजबूती पुन: कायम की जा सकती है। इससे कमर दर्द में स्थायी तौर पर आराम मिलता है। स्पाइनल फ्यूजन में डिस्क को निकाल कर ऊपर नीचे की हड्डियों को आपस में जोड़ दिया जाता है।
डिस्क प्रत्यारोपण से न केवल कमर दर्द ठीक होता है, बल्कि स्पाइन का लचीलापन भी बना रहता है। इस प्रक्रिया में विकारग्रस्त डिस्क को निकाल दिया जाता है और उसकी जगह कृत्रिम डिस्क को प्रत्यारोपित कर दिया जाता है।
रिकवरी के लिए
90 प्रतिशत मरीजों को सर्जरी के बाद दर्द से मुक्ति मिल जाती है। ज्यादातर मामलों में मरीज को 24 घंटे में अस्पताल से छुट्टी भी मिल जाती है और चलने-फिरने की छूट भी। सर्जरी के बाद मरीज को कुछ खास हिदायतें दी जाती हैं। इन हिदायतों के तहत 4 हफ्ते तक ड्राइविंग न करना, लम्बे समय तक न बैठना, वजन न उठाना, आगे न झुकना आदि शामिल है।
ऐसे रखें कमर को स्वस्थ
कहते हैं सावधानी हमेशा बेहतर होती है। यही बात कमर दर्द में भी लागू होती है। अगर शुरू से ही सावधानी बरती जाए तो आप कमर दर्द का शिकार होने से बच सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि आप कुछ नियमों का पालन करें।
-नियमित योग और व्यायाम सर्वाधिक लाभकारी होता है।
-शारीरिक गतिविधियों को बंद न करें।
-उठने-बैठने के सही तरीके को आचरण में लाएं।
-सोने के लिए हमेशा ऐसे बिस्तर का चुनाव करें, जो आरामदायक हो।
-न ही आपका बिस्तर बहुत नर्म हो और न ही बहुत सख्त।
-ध्यान रहे कि सोते समय रीढ़ की हड्डी ‘एस’ आकार में हो।
-वजन उठाते समय सिर हमेशा पीछे की तरफ रखें।
-पीठ एकदम सीधी और घुटने मुड़े हुए होने चाहिए।
-किसी भी तरह के वजन को उस पर झुककर नहीं उठाना चाहिए।
-खड़े होते समय या बैठते समय सही पोश्चर रखना निहायत जरूरी है(मृदुला भारद्वाज,हिंदुस्तान,दिल्ली,5.10.11)।
बिलकुल सही है आजकल कमरदर्द शहरों में
जवाब देंहटाएंमहामारी की तरह फ़ैल रहा है !
बहुत अच्छी जानकारी आभार !
Nice .
जवाब देंहटाएंमैं किसे कहूं मेरे साथ चल,
यहाँ सब के सर पे सलीब है...
http://hbfint.blogspot.com/2011/10/12-tajmahal.html
हम तो इस बीमारी के तीस से अधिक वर्षों के मरीज़ हैं। प्रिकौशन और व्यायाम इसका सटीक उपचार है।
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