गुरुवार, 22 सितंबर 2011

अल्सर में पेनकिलर का प्रयोग ज़रा संभलकर

आप पेन किलर का मनमाना प्रयोग कर रहे हैं तो मानकर चलिए आप एक बड़े दर्द को न्यौता दे रहे हैं । पेन किलर यानी दर्द निवारक दवा पेट के अल्सर की बड़ी वजह बन रही है । अल्सर (पेट में घाव) को भरने की बेहद प्रभावी दवाइयां भले ही बाजार में आ गई हों लेकिन वे तभी प्रभावी हो सकती हैं जब मरीज पेन किलर से तौबा कर ले । पेन किलर के अलावा एच पायलोरी नामक कीटाणु (बैक्टीरिया) भी पेट में अल्सर का बड़ा कारक है । उसका भी प्रभावी इलाज मिल गया है । जंक फूड सीधे तो अल्सर की वजह नहीं है लेकिन वह अल्सर से होने वाली कठिनाइयां बढ़ा जरूर देता है । 

अल्सर के अनेक दुष्परिणाम हो सकते हैं इसलिए इसके इलाज में कोताही कतई नहीं करनी चाहिए । आपके पेट में होने वाली क्रियाएं ही आपके जीवन का आधार होती हैं । अल्सर पेट की दशा बुरी तरह से बिगाड़ देता है । यह असहनीय पेट दर्द की वजह तो बनता ही, साथ ही साथ, खून की उलटी एवं अल्सर के फटने जैसी जटिल परिस्थितियां पैदा हो सकती हैं। अल्सर के फटने से पेट सुन्न हो जाता है । विकट स्थिति तब पैदा होती है जब अल्सर की वजह से पचे हुए भोजन के बाहर निकलने का रास्ता ही सिकुड़ जाता है। तब पुराने भोजन के मुंह से होकर निकलने की नौबत आ जाती है । 

अल्सर से हुआ रक्तस्राव खतरनाक है लेकिन राहत की बात यह है कि अब इन सब जटिलताओं से छुटकारे का प्रभावी इलाज बाजार में उपलब्ध है । करीब दो दशक पहले इन जटिलताओं से मुक्त होना टेढ़ी खीर थी । अल्सर ने पचे हुए भोजन के बाहर निकलने के रास्ते को बंद कर दिया तो उसे बैलूनिंग विधि से आसानी से खोला जा सकता है । अल्सर के कारक कीटाणु एच पायलोरी को खत्म करने की प्रभावी एंटी बायॉटिक भी आ गई है । अल्सर से शुरू हुई ब्लीडिंग (रक्तस्राव ) अगर नहीं रुकी तो वह अंततः जानलेवा भी हो सकती है । इसलिए डॉक्टर के पास जाने में देरी कतई नहीं करनी चाहिए । समय से अगर अल्सर का पता चल जाए तो उसकी जटिलताओं को हम बखूबी रोक सकते हैं । ऐसे में बार-बार पेट में दर्द होने लगे तो एंडोस्कोपी कराकर जरूर निश्चिंत हो जाएं । इस विधि से अल्सर की पहचान ही नहीं बल्कि उसका इलाज भी हो जाता है । (डॉ. मोनिका जैन से धनंजय की बातचीत पर आधारित यह आलेख संडे नई दुनिया,18 सितम्बर,2011 में प्रकाशित हुआ है।)

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