रविवार, 5 जून 2011

लिंग परीक्षण पर कठोर कार्रवाई की अपील

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया से लिंग परीक्षण करने वाले डाक्टरों और क्लीनिकों पर कठोर कार्रवाई करने की अपील की है। लड़कियों की घटती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि एमसीआइ अवैध लिंग परीक्षण और इसके बाद गर्भपात के मामलों पर तुरंत संज्ञान ले। उन्होंने कहा कि एमसीआइ को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि पीसी और पीएनडीटी अधिनियम का उल्लंघन करने वाले दोषी चिकित्सकों का पंजीकरण अधिनियम के प्रावधानों के तहत निलंबित या रद किया जाए।आजाद गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण तकनीक कानून (पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट), 1994 के नवगठित केंद्रीय अधीक्षण बोर्ड (सीएसबी) की पहली बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक की अध्यक्षता करते हुए मंत्री ने कहा कि लड़कियों को लेकर हमें अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है। समाज को इसके लिए पहल करनी होगी और नेताओं को अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में उत्प्रेरक का काम करना होगा। आजाद ने कहा कि लिंग परीक्षण के लिए चिकित्सकीय तकनीकों के गलत उपयोग को रोकने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय प्रतिबद्ध है जबकि पीसी एवं पीएनडीटी अधिनियम लागू करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है। उन्होंने कहा कि राज्यों में इसके लिए ढांचों एवं प्रणाली को मजबूत किए जाने की जरूरत है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार एनआरएचएम के तहत पीसी एवं पीएनडीटी पर गौर कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्यों में एवं जिला स्तर पर पीएनडीटी प्रकोष्ठ का गठन करने के लिए हम राज्यों को कोष मुहैया करा रहे हैं। लिंगानुपात में सबसे पीछे रहने वाले 18 राज्यों पर केंद्र सरकार ने ध्यान देना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार राष्ट्रीय निरीक्षण एवं निगरानी समिति गठित कर रहा है जो कही भी आकस्मिक निरीक्षण कर सकती है। हालांकि उन्होंने कहा कि लिंगानुपात पर कानूनों के पालन की जिम्मेदारी राज्यों पर ही है। उन्होंने कहा कि सरकार लिंगानुपात के घटते स्तर के खिलाफ काम कर रहे गैर सरकारी संगठनों को वित्तीय मदद बढ़ाने के विकल्प पर विचार हो रहा है(दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,5.6.11)।

2 टिप्‍पणियां:

एक से अधिक ब्लॉगों के स्वामी कृपया अपनी नई पोस्ट का लिंक छोड़ें।