भारत को उन अफ्रीकी देशों की सूची में शामिल किया गया है जहां इस एचआइवी वायरस से संक्रमित सबसे अधिक युवा रहते हैं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में इस वक्त 95 हजार किशोर इस जानलेवा वायरस की चपेट में हैं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट अपार्च्चुनिटी इन क्राइसिस : प्रीवेंटिंग एचआइवी फ्रॉम अर्ली अडोलेसेंस टू यंग एडल्टहुड में कहा गया है भारत में 10 से 19 वर्ष की आयु समूह वाली 46 हजार लड़कियां और 49 हजार लड़के एचआइवी से संक्रमित हैं। इसके मद्देनजर भारत को वर्ष 2009 में सबसे अधिक एचआइवी संक्रमित देशों की सूची में दसवें स्थान पर रखा गया है। इस सूची में एचआइवी संक्रमित दो लाख दस हजार लड़कियों और 82 हजार लड़कों के साथ दक्षिण अफ्रीका शीर्ष पर है जबकि नाइजीरिया दूसरे स्थान है जहां एक लाख 80 हजार लड़कियां और एक लाख लड़के संक्रमित हैं। इसके बाद केन्या का नंबर है। गुरुवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे अधिक संक्रमित किशोर उप सहारा अफ्रीकी देशों में हैं जिनमें अधिकतर संख्या महिलाओं की है जिन्हें अपनी स्थिति के बारे में जानकारी ही नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, विश्वभर में एचआइवी से संक्रमित सभी युवाओं में 60 फीसदी से ज्यादा महिलाएं हैं। यूनीसेफ के कार्यकारी निदेशक एंथोन लेक ने कहा, अधिकतर युवा लोगों में एचआइवी संक्रमण का कारण लापरवाही है, छूट और उल्लंघन है जो परिवारों, समुदायों, सामाजिक और राजनीतिक अगुवाओं की जानकारी में रहते होता है। रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिदिन करीब 2500 लोग एचआइवी से संक्रमित हो जाते हैं। वर्ष 2009 में 15-24 साल के बीच की उम्र वाले संक्रमित युवाओं में 41 फीसदी नए संक्रमण वाले युवा थे। यह पहली बार है जब यूएन एजेंसियां वर्तमान आंकड़ों पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि एचआइवी का विस्तार युवा लोगों के बीच कुछ कम हुआ है। फिर भी युवा महिलाएं और किशोरियां जैविक संवेदनशीलता, सामाजिक असमानता और प्रतिरोध के कारण संक्रमण के सर्वाधिक खतरे का सामना कर रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में बड़े पैमाने पर यह बीमारी वेश्यावृत्ति करने वाली महिलाओं द्वारा फैल रही है। देश में इस धंधे में लिप्त 4.9 फीसदी महिलाएं एचआइवी पॉजीटिव हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत सामाजिक-सांस्कृतिक और राजनीतिक विरोध से बाहर निकलकर यौन शिक्षा की दिशा में प्रगति कर रहा है(दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,3.6.11)।
एड्स से पीड़ित लोगों में ९०-९५ % को एड्स यौन संबंधों द्वारा होती है । ज़ाहिर है सेक्स वर्कर्स पर ध्यान देने की बहुत ज़रुरत है ।
जवाब देंहटाएंबहुत गम्भीर मुद्दा है... युवाओं को ध्यान देना चाहिये...
जवाब देंहटाएंचौंकाने वाला आंकड़ा है यह।
जवाब देंहटाएंबहुत गम्भीर ...
जवाब देंहटाएंचिंतनीय......
जवाब देंहटाएंयह तो सचमुच चिंता का विषय है।
जवाब देंहटाएं---------
कौमार्य के प्रमाण पत्र की ज़रूरत है?
ब्लॉग समीक्षा का 17वाँ एपीसोड।
बहुत ही चिंतनीय
जवाब देंहटाएंविवेक जैन vivj2000.blogspot.com