बुधवार, 1 जून 2011

आवश्यक दवा की सूची में निकोटिन के शामिल होने के आसार

सिगरेट सहित तंबाकू की लत छु़ड़ाने के लिए निकोटिन को आवश्यक दवा की सूची में शामिल किए जाने की संभावना है। स्वास्थ्य मंत्रालय के इस प्रस्ताव पर रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय गंभीरता से विचार कर रहा है। आवश्यक दवा की सूची में शामिल किए जाने के बाद ही निकोटिन सस्ता हो सकेगा।

स्मोकिंग छो़ड़ने के लिए प्रेरित करने के लिए इस थेरेपी का सस्ता होना जरुरी है। सिगरेट सहित तम्बाकू उत्पादों की लत छु़ड़ाने की विधि "निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी" की सिफारिश विश्व स्वास्थ्य संगठन ने की है। दवा की कीमत पर नियंत्रण करने वाले केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि नैशनल फार्मास्यूटिकल्स प्राइसिंग अथॉरिटी के पास स्वास्थ्य मंत्रालय का यह प्रस्ताव आया है। कई कंपनियां इस थेरेपी के तौर पर निकोटिन की टेबलेट लांच करने की तैयारी में है। एक कंपनी पिछले साल उसे लांच भी कर चुकी है लेकिन वह महंगी है। माना जा रहा है कि अथॉरिटी निकोटिन के बाजार को नियंत्रित करे तभी भारत में यह प्रभावी हो सकेगा। तंबाकू लॉबी की ताकत के सामने बेबस स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब लत छु़ड़ाने पर अधिक जोर दिया है। सरकार पर तंबाकू लॉबी के प्रभाव की वजह से तंबाकू नियंत्रण के सारे प्रयास निष्प्रभावी साबित हो रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार इस थेरेपी से दुनिया में लाखों लोगों की जान बच रही है। सिगरेट के खतरों से वाकिफ लोग आदत को छो़ड़ना तो चाहते हैं लेकिन दवा के बिना ऐसा करना आसान नहीं है। स्टडीज के अनुसार ४ से ७ प्रतिशत लोग ही बिना मेडिसिन के स्मोकिंग छो़ड़ने में सफल हो पाते हैं । वैसे विशेषज्ञों के अनुसार सबसे अच्छी विधि है बिना किसी दवा की सहायता के तंबाकू के सेवन को अचानक छो़ड़ देना। इसे "कोल्ड टर्की" विधि कहते हैं। निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी में दवा के तौर पर निकोटिन दी जाती है जिससे तंबाकू उत्पादों की "भूख" मिट जाती है। एक अनुमान के अनुसार भारत में १२ करो़ड़ लोग स्मोकिंग करते हैं । वयस्कों की आबादी में ३५ प्रतिशत किसी न किसी तंबाकू उत्पाद का सेवन करते हैं(धनंजय,नई दुनिया,दिल्ली,1.6.11)।

2 टिप्‍पणियां:

एक से अधिक ब्लॉगों के स्वामी कृपया अपनी नई पोस्ट का लिंक छोड़ें।