तंबाकू की लत छोड़ने की जिद्दोजहद में लगे लोगों को यह जान कर राहत मिल सकती है कि इस कोशिश में मदद करने वाली दवाओं की कीमत घटाने की कोशिश की जा रही है। स्वास्थ्य सचिव के. चंद्रमौलि ने राष्ट्रीय औषधि मूल्य नियंत्रण प्राधिकरण (एनपीपीए) के अध्यक्ष को पत्र लिख कर इस संबंध में तुरंत कदम उठाने को कहा है। बीड़ी, सिगरेट और गुटखा सहित सभी तरह के तंबाकू उत्पादों की लत छुड़ाने की दवा इस समय काफी महंगी हैं। निजी क्षेत्र की दो बड़ी कंपनियां निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी की यह दवाएं बनाती हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने तंबाकू की लत से मुक्ति दिलाने में इन दवाओं के प्रभाव को देखते हुए इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों की पहुंच में लाने की कोशिश शुरू कर दी है। इसके लिए एनपीपीए को अनुरोध किया गया है। एनपीपीए रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत आता है। यह आवश्यक दवाओं की श्रेणी में शामिल दवाओं के मूल्य की निगरानी करता है। साथ ही आवश्यक दवाओं की सूची के बाहर की दवाओं की कीमत भी बहुत अधिक नहीं हो, यह सुनिश्चित करता है। कुछ समय पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऐसी दवा बनाने वाली कंपनियों के अधिकारियों के साथ बैठक भी की थी। इस दौरान भी उनसे अनुरोध किया गया था कि वे इन दवाओं की कीमत कम करें(दैनिक जागरण,दिल्ली,31.5.11)।
यहाँ भी सावधानी की ज़रुरत है । दवाओं का रोल तो सीमित ही होता है । छोड़ने के लिए आत्मबल और इच्छा शक्ति की आवश्यकता है ।
जवाब देंहटाएंसच है आत्म-बल से हर बात संभव है ... आज ये संकल्प लेने का सही दिन है ...
जवाब देंहटाएंachhi jakari hetu abhaar........
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी जानकारी ....कोशिश की जाये तो सब मुमकिन है....
जवाब देंहटाएंदराल साहब ने लाख टके की बात कही...
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