डीसेंटरी एक प्रकार का संक्रामक रोग है, जो "शिजेला" नामक बैक्टेरिया की वजह से होता है। यह संक्रमण आँतों में होता है। शिजेला सोनेई के अलावा डीसेंटरी एस. फ्लेक्सनेरी, एस बॉयडी और एस. डाइसेंटेरी नामक बैक्टीरिया के कारण भी हो सकता है। डीसेंटरी का संक्रमण आमतौर पर हाथों के ज़रिए मुँह में पहुँचकर आँतों में फैल जाता है।
लक्षण
संक्रमित होने के छः घंटों से तीन दिनों के भीतर रोगी में लक्षण सामने आने लगते हैं जैसे-
पतले दस्त होना। कभी-कभी दस्त में खून और म्यूकस भी आता है।
मितली और उल्टियाँ होना।
पेटदर्द होना एवं बुखार आना।
किसे हो सकता है?
डीसेंटरी जैसे संक्रामक रोग के फैलने का खतरा भीड़-भाड़ भरे इलाकों में ज्यादा होता है। ऐसी जगहों पर अक्सर स्वच्छता पर ध्यान नहीं दिया जाता, जिससे वहाँ के निवासियों में संक्रमण आसानी से फैल जाता है। वैसे यह बीमारी दुनिया के हर हिस्से में और हर उम्र के लोगों में होती है।
रोकथाम
डीसेंटरी से बचने के लिए ये तरीके अपनाए जा सकते हैं-
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर और शौचालय का उपयोग करने के बाद हाथों को अच्छे से धोएँ।
संक्रमित व्यक्ति के साथ कम से कम संपर्क करें।
टॉवेल और रूमाल जैसी चीज़ों को दूसरों के साथ बाँटने से बचें। साफ कपड़े ही पहनें।
इलाज
आमतौर पर डीसेंटरी के मरीज़ों को आराम करने और पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहने की सलाह दी जाती है। रोगी को पूर्णतः ठीक होने तक आराम करना चाहिए। लक्षण पूरी तरह गायब होने के 48 घंटों के बाद ही स्कूल,कॉलेज या काम पर जाना शुरू करना चाहिए। डीसेंटरी के कुछ मामलों में रोगी को एंटीबायोटिक दवाएं भी दी जाती हैं और गंभीर स्थिति होने पर सलाइन चढ़ाई जा सकती है(डॉ. अनिल भदौरिया,सेहत,नई दुनिया,मई 2011 द्वितीयांक)।
बहुत काम की जानकारी राधारमण जी , गरमी के दिनों में इसकी शिकायत बढ जाती है
जवाब देंहटाएंइसे खूनी दस्त भी कहते हैं । डीसेंटरी में रक्त अवश्य होता है । इसके लिए एंटीबायोटिक्स लेना भी आवश्यक होता है ।
जवाब देंहटाएंगर्मियों में बाहर का खाना जितना कम खाया जाए उतना ही अच्छा है , विशेषकर पटरी पर , खुले में और कटा हुआ फल आदि । चाट पापड़ी भी एक बढ़िया सोर्स है संक्रमण का ।