शुक्रवार, 29 अप्रैल 2011

घरेलू नुस्खों से करें कोलेस्ट्रोल ठीक

बढ़ता कोलेस्ट्रोल निशानी है हृदय रोग होने की। हृदय रोग होने का मतलब है जीवन को खतरा। हमें जानकारी होनी चाहिए कि क्यों बढ़ता है रक्त का कोलेस्ट्रोल। कैसे पाएं इससे छुटकारा?
* कोलेस्ट्रोल का बढऩा, हृदय रोग का होना आमतौर पर वंशानुगत रोग है फिर भी खानपान की गलतियों के कारण किसी को भी हो सकता है।
* कोलेस्ट्रोल का अपना रंग पीला है। हल्का पीला रंग होता है। यह चर्बी व वसा लिये होता है।
* कोलेस्ट्रोल का होना जरूरी है। किंतु सामान्य से अधिक हो तो हानिकारक।
* व्यक्ति के भोजन का 30 प्रतिशत तक का भाग कोलेस्ट्रोल ही है। यह जिगर में बनता है। होता है यह सामान्य से अधिक।
* यह हमारे शरीर को हमारे भोजन से ही प्राप्त होता है। यह वसायुक्त पदार्थ है। यह हमारे भोजन में विद्यमान निम्रलिखित पदार्थों की ही उत्पत्ति है। शराब, धूम्रपान, मक्खन, घी, तले पदार्थ, तेल, मांस, अंडा या कोई भी अन्य चर्बीयुक्त पदार्थ।
कैसे करें कोलेस्ट्रोल कम ?
व्यायाम
योगासन जिस में प्राणायाम भी हो हल्के व्यायाम, खेलना, तैरना, पैदल चलना, बड़े कदमों से सैर, साइकिल चलाना, कम से कम समय आराम करना, शरीर चलाये रखना।
परहेज
अनाज व तले पदार्थों की जगह अधिक फलों का प्रयोग, फल ऐसे हों जो पेड़ पर ही पके हों। हरी सब्जियां खाना, सैर करना, लेटे नहीं रहना, जिन कारणों से यह रोग होता है उसे निकाल फेंकें।
उपचार
* कोलेस्ट्रोल कम करने का अर्थ है हृदय रोग का सही उपचार। इसके लिए प्रतिदिन प्रात: अंकुरित अनाज मुट्ठी भर जरूर खाएं।
* अंकुरित दालें भी खानी आरंभ करें।
* सोयाबीन का तेल अवश्य प्रयोग करें यह भी उपचार है।
* लहसुन, प्याज, इसके रस उपयोगी हैं।
* नींबू, आंवला जैसे भी ठीक लगे, प्रतिदिन लें।
* शराब या कोई नशा मत करें, बचें।
* इसबगोल के बीजों का तेल आधा चम्मच दिन में दो बार।
* रात के समय धनिया के दो चम्मच एक गिलास पानी में भिगो दें। प्रात: हिलाकर पानी पी लें। धनिया भी चबाकर निगल जाएं।
* आप धनिया को पानी में डालकर उबालकर, पीकर लाभ उठा सकते हैं।
* यदि आप अपने रक्त में कोलेस्ट्रोल की ठीक मात्रा रख सकें जो सामान्य तक रहे, बढ़े नहीं, ऐसे में यह रोग होगा ही नहीं। इन सब जानकारियों की चर्चा पहले ही अपने चिकित्सक से कर लें तो बेहतर होगा(सुदर्शन भाटिया,दैनिक ट्रिब्यून,28.4.11)।

3 टिप्‍पणियां:

  1. कोलेस्ट्रॉल यानि वसा की बढती मात्रा आज सच में ही सबसे बडी चुनौती बन चुकी है । आपने बहुत ही अच्छी जानकारी दी राधा रमण जी , विशेषकर घरेलू नुस्खे तो अचूक होते हैं हमेशा से ही । शुक्रिया

    जवाब देंहटाएं
  2. बेनामीअप्रैल 29, 2011

    इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  3. thia artical is veary impartent for every one.rajendra kashayap eklavyashakti.com

    जवाब देंहटाएं

एक से अधिक ब्लॉगों के स्वामी कृपया अपनी नई पोस्ट का लिंक छोड़ें।