शनिवार, 23 अप्रैल 2011

दस फीसदी महिलाएं पॉलिसिस्टिक ओवरी की शिकार

लगभग दस प्रतिशत महिलाएं स्टेन लेवेंथल सिंड्रोम या पॉलिसिस्टिक ओवरी डिसीज की चपेट आ रही हैं। इसका समय पर इलाज न होने से बांझपन होने के अलावा एंडोमेट्रियल कैंसर या कार्डिक की बीमारी भी हो सकती है। यह कहना है मुम्बई की विशेषज्ञ डा. अनी बीआर गांधी का। उन्होंने लखनऊ में चिकित्सा विविद्यालय के ह्वाइट हाल में आयोजित सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम में,किशोरावस्था के दौरान होने वाली दिक्कतों के निदान पर चर्चा की गयी। डा. अनी ने कहा कि अगर लगातार उच्चचाप रहता हो, मुंहासे ज्यादा हो रहे हों, टाइप-टू की स्टेज में डायबिटीज में जल्दी पहुंच गया हो। इसके अलावा सिर के बाल खासकर माथे पर पतले हो रहे हों तो डाक्टर से तुरंत जांच कराना चाहिए। इस बीमारी में मोटापा शरीर के मध्य भाग में तेजी से बढ़ता है। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ डाक्टर की सलाह से दवाओं, आहार व व्यायाम से उपचार किया जा सकता है। परन्तु समय पर इलाज न होने से बांझपन हो सकता है और कारणों का पता भी जल्दी नही चल पाता। उन्होंने कहा कि ज्यादातर किशोरावस्था में ज्यादातर दिक्कतों के बारे में अभिभावकों से चर्चा नहीं कर पाते और समस्या तेजी से बढ़ती जाती है। उन्होंने कहा कि इसके लिए डाक्टरों से सलाह लेनी चाहिए। क्वीन मेरी अस्पताल की वरिष्ठ डाक्टर एसपी जायसवार ने बताया कि किशोरावस्था में होने वाली दिक्कतों के लिए उनके यहां विशेष क्लीनिक चलायी जाती है। इसमें विशेषज्ञ डाक्टरों के द्वारा किशोरियों को सलाह दी जाती है और इलाज किया जाता है। कार्यक्रम में कु लपति डा.डीके गुप्ता ने कहा कि सही समय पर जानकारी होने से कई गंभीर बीमारियों व भ्रामक जानकारियों से बचा जा सकता है(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,23.4.11)।

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