पिछले साल से चिकित्सा खर्च पर सेवा कर का भुगतान करने वाले नियोक्ताओं और बीमा कंपनियों को अब एक मई ऐसा नहीं करना होगा। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने कहा है कि पिछले साल लगाए गया यह शुल्क एक मई से हट जाएगा। स्वास्थ्य सेवाओं पर सेवा कर जुलाई, 2010 में लगाया गया था। यह सेवा ऐसी स्वास्थ्य जांच या इलाज, जहां भुगतान कारोबारी इकाई या बीमा कंपनी द्वारा अस्पताल को किया जा रहा है, पर लगता है। फिलहाल यह कर स्वास्थ्य सेवाओं के मूल्य पर 10 प्रतिशत की दर से लगता है। इसके अलावा नियोक्ता या बीमा कंपनी को सेवा कर पर तीन प्रतिशत का शिक्षा उपकर भी देना पड़ता है। सरकार द्वारा बजट 2011-12 में 25 बिस्तरों या अधिक के अस्पतालों द्वारा दी जा रही सभी स्वास्थ्य सेवाओं पर कर लगाने का प्रस्ताव किया गया था, जिसे बाद में वापस लेने का फैसला किया गया। इसी के मद्देनजर स्वास्थ्य सेवाओं पर सेवा कर हटाने का फैसला किया गया है। सीबीईसी ने कहा है कि एक मई से जीवन बीमा सेवा के तहत पॉलिसीधारक को मिलने वाली सभी सेवाएं आएंगी(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,28.4.11)।
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