हमारे भोजन में फलों का अपना ही महत्व है। परन्तु हम यह नहीं जानते कि फल कब कैसे और क्यों खाना चाहिए। प्रत्येक चीज खाने के कुछ नियम हैं और यदि हम नियमों का पालन कर खायें या पीयें तो स्वास्थ के लिए अधिक लाभदायक होंगे।
हम सोचते हैं कि हमने फल खरीद लिये और उन्हें जब चाहा खा लिया। परंतु ऐसा नहीं है। हमें यह जानना आवश्यक और महत्वपूर्ण है कि फलों को किस प्रकार और कब खायें। फलों के खाने का सही तरीका क्या है? फलों को खाना खाने के बाद नहीं खाना चाहिए। फलों को खाली पेट खाना चाहिए। इससे आपके पाचन तंत्र की विषाक्तता दूर होगी और जीवन की कार्यशीलता में वृद्धि होगी, वजन घटने पर भी ऊर्जा शक्ति पर्याप्त मात्रा में मिलेगी।
फल एक बहुत महत्वपूर्ण भोजन है। यदि आप डबल रोटी की दो स्लाइस खाते हैं और उसके बाद फल की फांक (स्लाइस) यह फल की एक फांक पेट से आंतों में सीधी जा सकती थी परंतु ऐसा होने में रुकावट पैदा हो गई। इस बीच सारा भोजन क्षय (सड़) जाता है उसका खमीर बन जाता है जो कि तेजाब में बदल जाता है। पेट के अंदर थोड़ा-सा भी फल अन्न के संपर्क में आने पर और पाचन रसों से मिलने पर सारा भोजन बर्बाद होना शुरू हो जाता है। इसलिए फलों को खाली पेट खायें या भोजन करने से पहले।
आपने सुना होगा कि लोग अकसर शिकायत करते हैं कि तरबूज खाने पर डकार आती है और जब केला खाते हैं तो पाखाने जाने की इच्छा महसूस होती है इत्यादि। यदि आप फल खाली पेट खाएंगे तो कुछ नहीं होगा। यदि फलों को सडऩ पैदा करने वाले भोजन के साथ मिलाकर खाएंगे तो वायु (गैस) बनेगी और पेट फूलेगा।
आप यदि फलों का जूस पीना चाहते हैं तो केवल ताजे फलों का जूस ही पीयें न कि डिब्बों में बंद जूस। गर्म किये हुए जूस न पीएं। फलों को आग पर पकाकर नहीं खाना चाहिए, फलों को पकाने से उनके विटामिन समाप्त हो जाते हैं और फल का लाभ नहीं मिलेगा, केवल स्वाद ही मिलेगा। फल का जूस पीने की जगह यदि आप पूरा फल खायें तो वह अधिक लाभदायक होगा। यदि आपको फलों का जूस ही पीना है तो धीरे-धीरे पीयें इससे जूस आपकी लार से मिलकर पेट में जाएगा जो पाचन क्रिया में लाभदायक होगा।
यदि आप फलों को खाली पेट खाएंगे तो आपके बाल सफेद नहीं होंगे, गंजापन नहीं होगा, नसें नहीं फटेंगी और आंख के नीचे काले धब्बे नहीं होंगे। यदि आप तीन दिन केवल फल खाकर और फलों का जूस पीकर रहें तो आप के शरीर की सफाई हो जाएगी तथा आप देखोगे कि आपके सौंदर्य में निखार आ जाएगा, प्रफुल्लता अनुभव करेंगे।
डा. हरबर्ट शैल्टन के अनुसार कुछ फल जैसे संतरा, नींबू आदि अम्लीय हैं पर हमारे शरीर में जाकर सब क्षारीय परिवर्तित हो जाते हैं। यदि आपने फल खाने की सही विधि जान ली है व अपना ली है तो आप सुंदरता, दीर्घायु, स्वस्थ, शक्ति, प्रसन्नता तथा सामान्य वजन प्राप्त करने का रहस्य जान लेंगे।
कहते हैं कि सेब खाने से आप डाक्टर से दूर रहेंगे। सेब खाएं और स्वस्थ रहें। हृदय रोग व कोलन (वृहदांत्र) कैंसर होने की संभावना कम हो जाती है। संतरा सबसे मीठी दवाई है इससे कोलेस्ट्रोल कम होता है, गुर्दे के पत्थर को गलाता है और वृहदांत्र के कैंसर होने की संभावना कम करता है। तरबूज ठंडा प्यास बुझाने वाला फल है। इसमें 92′ पानी होता है।
यह पाचन क्रिया को प्रतिरक्षित करता है। इसमें विटामिन-सी व पोटाशियम होता है। अमरूद और पपीता में विटामिन- सी सबसे अधिक होता है। अमरूद में रेशे बहुत होते हैं जिससे कब्ज नहीं होता। पपीता आंखों के लिए बहुत लाभदायक है। कीवी फल छोटा है पर इसमें पोटाशियम, मेग्नीशियम विटामिन ई और रेशे बहुत मात्रा में होते हैं(विनोद शंकर गुप्त,दैनिक ट्रिब्यून,28.4.11)।
कहते हैं कि सेब खाने से आप डाक्टर से दूर रहेंगे। सेब खाएं और स्वस्थ रहें। हृदय रोग व कोलन (वृहदांत्र) कैंसर होने की संभावना कम हो जाती है। संतरा सबसे मीठी दवाई है इससे कोलेस्ट्रोल कम होता है, गुर्दे के पत्थर को गलाता है और वृहदांत्र के कैंसर होने की संभावना कम करता है। तरबूज ठंडा प्यास बुझाने वाला फल है। इसमें 92′ पानी होता है।
यह पाचन क्रिया को प्रतिरक्षित करता है। इसमें विटामिन-सी व पोटाशियम होता है। अमरूद और पपीता में विटामिन- सी सबसे अधिक होता है। अमरूद में रेशे बहुत होते हैं जिससे कब्ज नहीं होता। पपीता आंखों के लिए बहुत लाभदायक है। कीवी फल छोटा है पर इसमें पोटाशियम, मेग्नीशियम विटामिन ई और रेशे बहुत मात्रा में होते हैं(विनोद शंकर गुप्त,दैनिक ट्रिब्यून,28.4.11)।
बहुत सही जानकारी दी है आपने।
जवाब देंहटाएंएक उपयोगी पोस्ट।
बहुत उम्दा स्वास्थयवर्धक जानकारी.
जवाब देंहटाएंआपने बहुत ही आवश्यक जानकारी दी |जानकारी के लिए आभार |
जवाब देंहटाएंआशा
बहुत अच्छी जानकारी दी है ...आभार
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