मंगलवार, 5 अप्रैल 2011

सेक्सः धारणा और वास्तविकता

क्या आपको सेक्स के बारे में सबकुछ पता है? आपको लगता होगा कि आप सब जानते हैं, लेकिन इससे जुड़ी कुछ गलतफहमियों को लोग दिल से लगाए रखते हैं, जबकि सच कुछ और ही होता है। क्या आपने भी कोई ऐसी गलतफहमी पाल रखी है? तो ज़रा यह पढ़ें-

मिथ: मीनोपॉज़ के साथ घट जाती है सेक्स में रुचि
सच्चाई: कई महिलाएं में मीनोपॉज़ के दौरान भी हार्मोन बैलेंस बरकरार रहता है, जिससे उनकी सेक्स में रुचि बनी रहती है। प्रेग्नेंसी और पीरियड्स बड़ा मुद्दा नहीं है क्योंकि इस दौरान सेक्स स्वेच्छा पर निर्भर करता है। हां, इतना जरूर है कि महिलाएं क्या चाहती हैं, इसे लेकर अब वह ज्यादा कॉन्फिडेंट और जानकार हैं, इसलिए सेक्स ऐसी चीज है जिसे अब वह बेहतर तरीके से इंजॉय करती हैं।

मिथ: कामोत्तेजना के लिए सिर्फ टेस्टॉसटेरॉन हॉर्मोन ही जिम्मेदार
सच्चाई: हालांकि, पुरुषों और महिलाओं में सेक्शुअल फंक्शन और कामोत्तेजना के लिए यह महत्वपूर्ण हॉर्मोन है, लेकिन इसमें अन्य हॉर्मोन्स की भी अहम भूमिका होती है। महिला और पुरुषों में कामोत्तेजना के लिए एस्ट्रोजेन हॉर्मोन की भी अहम भूमिका होती है। उत्तेजना बढ़ाने में कॉर्टिसोल और फाइट या फ्लाइट हॉर्मोन भी काम करती है। अगर आपके शरीर को पता है कि अपनी लाइफ के लिए आप भाग-दौड़ रहे हैं, तो यकीन मानिए यह सेक्स में आपकी रुचि को कम कर देगा।

मिथ: अगर आप किसी से प्यार करते हैं तो सेक्स की इच्छा और उत्तेजना आसानी से आती है
सच्चाई: जब आप किसी रिलेशनशिप में होते हैं तब भी आपको उससे जुड़ने में वक्त लगता है। आपके रिश्ते को भी उतनी ही अटेंशन की जरुरत होती है, जितनी दूसरी चीजों को। अपने पार्टनर की केयर, उसकी रुचियों पर ध्यान देना अगर आपकी प्रायॉरिटी लिस्ट में ऊपर हैं तो आप देखेंगे कि आप दोनों को एक-दूसरे की चाहत और नज़दीक ले आएगी और रिलेशनशिप में पैशन कायम रहेगा।

मिथ: अगर आप स्वस्थ हैं तो आपमें हर समय सेक्स की इच्छा होनी चाहिए
सच्चाई: सेक्स की इच्छा हर इंसान में अलग-अलग होती है। अगर आपमें सेक्स की उतनी इच्छा है, जिससे कि आप और आपका साथी खुश है तो खुद को किसी और से तुलना करने की कोई ज़रूरत नहीं।

मिथ: अगर आप पार्टनर से भावानात्मक रूप से जुड़े हैं तो आपको उससे कभी यह नहीं कहना चाहिए कि आप उससे क्या चाहते हैं
सच्चाई: अगर इससे पहले आपने और आपके पार्टनर ने सेक्स के बारे में एक-दूसरे से बातचीत नहीं की है, तो बेहतर होगा कि बातचीत शुरू कर दें। खासकर यह तब और जरूरी हो जाता है, जब आप दोनों लाइफ के एक नए फेज़ में कदम रखने जा रहे हों, जैसे बच्चे का जन्म, मीनोपॉज़ या एंड्रोपॉज़ (पुरुष मीनोपॉज़) वगैरह। अगर आप अपने शरीर या सेक्शुअल डिज़ायर को लेकर खुद में किसी तरह का बदलाव महसूस कर रहे हों, तो और भी ज़रूरी हो जाता है कि इस बदलाव के बारे में आप अपने साथी को बताएं। याद रखें, आपको क्या अच्छा लगता है, क्या नहीं, इस बारे में एक-दूसरे को बताना हमेशा आपके अनुभवों को बढ़ाने में मददगार साबित होता है।

मिथ: अगर आपके पास पार्टनर नहीं है तो कामोत्तेजना का कोई मतलब नहीं
सच्चाई: खुद से प्यार भरा रिश्ता बहुत ज़रूरी होता है। भले ही आपका कोई पार्टनर न हो, लेकिन सेंशुअल और डिज़ायरेबल अहसास कई तरह से आपकी लाइफ में जुनून भर देता है। प्लेज़र का अहसास एक अहम खूबी है। अपने पार्टनर को सेक्स के लिए तैयार करना उसमें उत्तेजना जगाना एक स्किल है, जो आपकी रिलेशनशिप के लिए जरूरी होती है।

मिथ: सिर्फ महिलाओं में ही सेक्स उत्तेजना नहीं होने की समस्या होती है 
सच्चाई: हालांकि, महिलाओं में सेक्शुअल डिज़ायर कम होना बहुत कॉमन है, लेकिन ऐसा पुरुषों में भी होता है। इसकी वजह ऐल्कॉहॉल, अलग-अलग दवाइयां, स्ट्रेस, हॉर्मोनल असंतुलन, ब्रेन ट्यूमर (जो हॉर्मोन प्रोलैक्टीन प्रड्यूस करता है), डायबीटीज़ और अन्य कैंसर जैसी अन्य मुख्य बीमारियां हो सकती हैं।

मिथ: महिलाओं में कम उत्तेजना की वजह हॉर्मोन है
सच्चाई: हॉर्मोन असंतुलन, जैसे लो एस्ट्रोजेन, लो टेस्टॉसटेरॉन, हाइपोथाइरॉइडिज़्म और स्ट्रेस के कारण हाई कॉर्टिसोल जैसे हॉर्मोन महिलाओं में कम उत्तेजना की तो वजह होते ही हैं, साथ ही कई अन्य वजहें भी होती हैं। फ़िज़िकल प्रॉब्लम, जैसे कि वज़ाइनल पेन या ड्राइनेस, निराशा को बढ़ाता हैं और कामोत्तेजना को कम करता हैं। सर्जरी, हाई ब्लड प्रेशर, आर्थराइटिस जैसी बीमारियां भी सेक्स के लिए उत्तेजना में कमी की वजहें हैं। इसके अलावा डिप्रेशन, शराब, तंबाकू जैसी चीजों का सेवन और शरीर का वजन भी अहम है(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,4.4.11)।

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