बुधवार, 6 अप्रैल 2011

कुट्टू के बारे में कितना जानते हैं आप?

आज दिल्ली के सभी अखबारों के,कुट्टू खाने से कई लोगों के अस्पताल पहुंचने की खबर प्रमुखता से छपी है। मगर इसका अर्थ यह नहीं है कि कुट्टू का सेवन ठीक नहीं है। खासकर नवरात्र के दिनों में कुट्टू का सेवन पारंपरिक रूप से होता रहा है। आज इस बारे में दैनिक जागरण में राहुल आनंद और अमित कसाना की रिपोर्ट कहती है कि इस बार व्रतियों के लिए कुट्टू से बना खाना जहर इसलिए साबित हुआ कि कुट्टू का आटा अपने अंदर बड़े गुण तो छिपाए है, मगर पुराना होने पर यह जहरीला भी हो जाता है। जानकारों की मानें तो कुट्टू का आटा बनने के एक माह तक ही खाने लायक रहता है। इससे पुराना होने पर वह जहरीला हो जाता है। 

क्या होता है कुट्टू
दिल्ली व आसपास के इलाकों में कुट्टू कहे जाने वाले आटे को अंग्रेजी में बकवीट तो पंजाब में ओखला के नाम से जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम फैगोपाइरम एसक्युल्युटम है। बकवीट का पौधा होता है जो काफी तेजी के साथ बढ़ता है और 6 हफ्ते में इसकी लंबाई 50 इंच तक बढ़ जाती है। हल्की गर्मियों के दिनों में दो फसलों के बीच किसान इसकी खेती करते हैं जो जमीन की उपजाऊ क्षमता को भी बढ़ाता है। बकवीट के सफेद फूल में से बीज निकाला जाता है जिसे महीन पीसकर कुट्टू का आटा तैयार होता है। इस आटे में दुकानदार सिंघाड़ा गिरी को पीसकर बनाया गया आटा भी मिला देते हैं। नवरात्र व महाशिवरात्री में लोग इस आटे की पूड़ी व पकौड़े बनाकर व्रत खोलते हैं। राजधानी की खारी बाबली के गड़ौदिया मार्केट में इसका थोक बाजार है। व्यापारी सत्येंद्र चौहान की मानें तो साबूत कुट्टू कुछ दिनों के बाद खराब हो जाता है, इसमें कीड़ा लग जाता है।

बकवीट से बनती हैं दवाएं भी
बकवीट शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसमें 75 प्रतिशत कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट होते हैं और 25 प्रतिशत हाई क्वालिटी प्रोटीन की मात्रा होती है। जो शरीर का वजन कम करने में सहायक है। इसमें मैगनीशियम, फाइबर, विटामिन-बी, आयरन, फासफोरस की मात्रा अधिक होती है। कई दवाइयों में बकवीट का उपयोग किया जाता है। अपोलो अस्पताल की आहार विशेषज्ञ डॉ. शुभा का कहना है कि इसमें ग्लूकोसाइड पाया जाता है। इसके खाने से जहां एक ओर उच्च रक्तचाप नियंत्रित रहता है, वहीं माइक्रोसर्कुलेशन बढ़ाता है। यह टाइप टू डाइबिटिक लोगों के लिए भी फायदेमंद है। वहीं इस बारे में वरिष्ठ आहार विशेषज्ञ प्रतिमा बानी का कहना है कि इसमें प्रोटीन, आयरन, सल्फर आदि प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। यह एंटीऑक्सीडेंटस बढ़ाने में भी सहायक होता है। लेकिन यह सब फायदा तभी मिल पाता है जब आप शुद्ध कट्टू के आटे का प्रयोग करें।

क्यों जहरीला हो जाता है कुट्टू
स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के डीन प्रो. राजेंद्र गुप्ता बताते हैं कि कुट्टू के आटे में फंगस बिना साफ किए कुट्टू के पीसने से उत्पन्न होता है। कई बार-छोटे-छोटे बैक्टीरिया व कीड़े बिना सफाई के कुट्टू में पिस जाते हैं, कीडे़-मकोड़ों के आटे में पिसने से माइक्रो-टॉक्सिन उसमें बन जाते हैं। जिनके विषैलपन से फूड-प्वायजनिंग हो जाती है। इसके अलावा दही के साथ कुट्टू खाने से भी फूडप्वाइजिंग हो जाती है। व्रत में कुट्टू का विकल्प आचार्य नरेश वशिष्ठ और आचार्य मनोज का कहना है कि व्रत में लोग अन्न का सेवन नहीं करते हैं। कुट्टू एक फल होता है, लिहाजा व्रत में इसका सेवन किया जाता है। मिलावटखोरों की नजर इस पर बढ़ती जा रही है लिहाजा अब लोगों को एक बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि वे व्रत के दिन अधिक से अधिक फल और तरल पदार्थ का सेवन करें जिसमें फल का जूस आदि शामिल है। उन्होंने कहा कि जरूरी नहीं है केवल कुट्टू ही एक मात्र विकल्प है। सिंघाड़े का आटा, शामक के चावल, साबूदाना, चौलाई आदि बहुत बढि़या विकल्प हैं। 

व्रत में उल्टी-दस्त होने पर 
-खूब साफ पानी पीएं 
-नमक, नींबू, ग्लूकोज का पानी लाभदायक होता है 
-अगर फिर भी आराम न आए तो तुरंत डॉक्टर की सलाह से दवाई लें।

8 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत उपयोगी जानकारी .कुट्टू खाना हो तो सावधानी रखना बहुत आवश्यक है .
    आभार !

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  2. स्वाद पर भी तो नियन्त्रण रखना चाहिये..

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  3. हमारे क्षेत्र में इन व्रत के दिनों में सिंघाडे के आटे के साथ ही मोरधन का आटा चलता है । अब क्या यही मोरधन कुट्टू कहलाता है ?

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  4. वैद्यराज, आपका लाख-लाख आभारी हूँ.
    आपने समय रहते आँखें खोल दीं.
    भक्तजनों की घबराहट उपवास का आहार लेते डर रही थी.

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  5. कुट्टू के बारे में कितना जानते हैं आप?

    इतना ही कि हमारे यहाँ १०० से ज्यादा रोगी भर्ती हुए हैं ।
    धार्मिक आस्था और भ्रष्टाचार की डेडली कॉकटेल !

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