हर दिन दस हजार से ज्यादा मरीजों का दबाव झेलने वाले देश के सर्वोच्च स्वास्थ्य संस्थान एम्स ने मरीजों की सुविधा के लिए टोकन सिस्टम लागू किया है। हाल ही में शुरू किए गए सिस्टम के तहत अब मरीजों को ओपीडी कार्ड बनवाने के लिए घंटों लाइन में इंतजार नहीं करना पड़ेगा। चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर डीके शर्मा के अनुसार, मरीजों को पंजीकरण कराने से पहले काउंटर पर टोकन नंबर दिया जाएगा। जिस मरीज को टोकन नंबर दिया जाएगा, उसका ओपीडी कार्ड बनना निश्चित है। उसके बाद वहां लगे स्क्रीन पर जब टोकन नंबर डिस्पले किया जाएगा, तब मरीज काउंटर पर जाकर पंजीकरण करा सकेंगे। उससे मरीजों को धक्का-मुक्की से निजात मिलेगी और एम्स के कर्मचारियों का समय भी बचेगा। एम्स के राजकुमारी अमृत कौर ओपीडी का हाल ही में पुनर्निर्माण किया गया है। कम्प्यूटरीकृत व्यवस्था के तहत अब इस ओपीडी में छह काउंटर बनाए गए हैं। उसमें बराबर संख्या में मरीजों का ओपीडी कार्ड बनाया जाएगा, जो एक सीरीज के तहत होगा। बीच में कोई दूसरा नंबर नहीं होगा। सुबह साढ़े आठ बजे से दस बजे तक बनने वाले ओपीडी कार्ड के लिए मरीजों को मौके पर ही रहना होगा, ताकि उनका नंबर आने पर वे अपना कार्ड बनवा सकें। एक बार नंबर आने पर चूक होने की स्थिति में समस्या होगी। एक सवाल के जवाब में डॉक्टर शर्मा ने कहा कि पुराने तरीके में मरीजों का नाम व पता आदि लिखने में काफी समय लग जाता था। उससे मरीजों को दिक्कत होती थी। गलत तरीके से भी लोग कार्ड बनवा लेते थे। इस सिस्टम में ऐसा संभव नहीं होगा। अस्पताल सूत्रों का कहना है कि सिस्टम गैर कानूनी तरीके से ओपीडी कार्ड बनने पर रोक लगाने में सहायक होगा। अस्पताल की इस पहल से लोगों को लाभ होने की उम्मीद है(दैनिक जागरण,दिल्ली,11.4.11)।
दस हज़ार मरीज़ --छै काउंटर और डेढ़ घंटे का समय ! पता नहीं कैसे चलेगा यह सिस्टम ?
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