आज की मॉडर्न जीवनशैली में ये बात एक बार फिर से साबित हो गई है कि योग से बेहतर कोई विकल्प नहीं। वैसे तो भारत में सदियों से योग की परंपरा चली आ रही है। योगासन ही एक ऐसी प्राकृतिक चिकित्सा है जिससे आप न सिर्फ अपने रोगों को दूर कर सकते हैं बल्कि चुस्त-दुरुस्त भी रह सकते हैं। योग एक ऐसा विकल्प है जिसके माध्यम से तमाम तरह की बड़ी बीमारियों से निजात पाई जा सकती हैं। आज हम कुछ ऐसे योगासन के बारे में बताएंगे जिन्हें आप आसानी से कर अपनी समस्या को दूर कर सकते हैं।
सर्वाइकल व स्लिप डिस्क
गर्दन का दर्द यानी सर्वाइकल पेन ज्यादा वज़न उठाने, लगातार झुककर काम करना, अचानक झटका आना, मांसपेशियां कमजोर होना, सोने के ग़लत तौर-तरीके ग़लत पॉश्चर के कारण गर्दन की नसों पर दबाव पड़ता है, जिससे एजिंग प्रोसेस तेज़ हो जाता है और डिस्क कोलैप्स हो जाती है। इसी के साथ ही स्लिप डिस्क में पीठ और गर्दन में तेज दर्द की समस्या होती है।
ज्यादातर मामलों में कंप्यूटर पर लंबे समय तक काम करने, टू-व्हीलर से लंबी दूरी की यात्रा के कारण, ज्यादा वजन उठाने, कंधे पर भारी बैग टांग कर चलने, रीढ़ की हड्डी में चोट लगने के कारण स्लिप डिस्क की वजह बन रहे हैं। रीढ़ की हड्डी की नार्मल डिस्क से बाहर निकली डिस्क को स्लिप डिस्क कहा जाता है। स्लिप डिस्क पीठ के आसपास की नस को दबाती है, जिससे दर्द शुरू हो जाता है। दर्द के कारण मरीज को दैनिक क्रियाकलापों में भी समस्या का सामना करना पड़ता है। इन समस्याओं से निजात पाने के लिए भुजंगासन, सुप्त वज्रासन, अश्वासन, मत्स्यासन, ताड़ासन, उष्ट्रासन, अर्द्ध मतरून्द्रासन इत्यादि आसन करने चाहिए।
हृदय रोग (कोरोनरी आर्टरी)
हृदय की मांसपेशियों को जिंदा रहने के लिए आहार और ऑक्सीजन चाहिए। मांसपेशियों के भीतर धमनियां होती हैं जो हृदय की इन मांसपेशियों को आहार और ऑक्सीजन पहुंचाती हैं। इन धमनियों को कोरोनरी आर्टरीज कहा जाता है। जब इनमें से कोई एक या ज्यादा धमनी संकरी या आंशिक रूप से अवरुद्घ हो जाती हैं तो इससे कोरोनरी आर्टरी डिजीज यानी हृदय रोग हो जाता है। जब ऐसी एक या ज्यादा आर्टरी अवरुद्घ हो जाती है तो इस अवस्था में हार्ट अटैक आता है। लेकिन हृदय रोगों से बचने के लिए श्वासन, नाड़ी शोधन बिना कुंभक गौमुखासन सबसे बढ़िया आसन हैं।
मोटापा
मोटापा वो स्थिति होती है, जब अत्यधिक शारीरिक वसा शरीर पर इस सीमा तक एकत्रित हो जाती है कि वो स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालने लगती है। मोटापे से बहुत से रोग हो जाते हैं। जैसे हृदय रोग, मधुमेह, कई प्रकार के कैंसर और आस्टियोर्थ्राइटिस। मोटापे अत्यधिक कैलोरी वाला खाना खाने से, शारीरिक श्रम न करने से से हो जाता है। मोटापे को प्रतिदिन दस-पंद्रह मिनट योग मुद्रा, चक्रासन, धनुरासन, मयूरासान, नौकासन, उत्तानपादासन करने से दूर किया जा सकता हैं।
अनिद्रा रोग
अनिद्रा यानी नींद न आना। ये एक ऐसा भयंकर रोग है जिससे इंसान पागल तक हो सकता है। इस रोग के कई कारण हैं। सोने से पहले अधिक भोजन करना, अधिक दिमागी काम करना, शारीरिक श्रम बिल्कुल न करना, कमरे से ठीक से रोशनी की व्यस्था न होना, चाय-कॉफी का अधिक सेवन, मानसिक उत्तेजना, उत्तेजनापूर्ण साहित्य का अध्ययन और आत्मग्लानि। इस रोग को प्रतिदिन योगासन से दूर किया जा सकता है। इसको करने के कुछ आसन हैं। शीर्षासन, हलासन, सर्वांगासन, श्वासन।
चिंता और तनाव
भागदौड़ के समय में हर कोई तनावग्रस्त रहता है। अकारण क्रोध से, निराशा के डर से, समस्याओं से भागने से, चंचलता, घबराहट, समय पर खाना न खान से लोग चिंता और तनावग्रस्त हो जाते हैं। अमेरिका के मनोचिकित्सक डॉ़ होम्स की माने तो एक साल में यदि एक व्यक्ति में 3 अच्छे-बुरे परिवर्तन हो जाएं तो वह तनावग्रस्त होकर कई बीमारियों का शिकार हो जाता है। तनाव और चिंता मुक्त रहने के लिए अश्वासन, पवन मुक्तासन, सुप्त वज्रासन, धनुरासन, हलासन, शवासन जैसे बहुत लाभकारी होते हैं। जाड़े की जकड़न से बाहर आकर इन्हें शुरू करना भी आसान है।
तो देर किस बात की?
आसन से पहले की जरूरी सावधानियां
- योगासन करने से पूर्व पेट बिल्कुल खाली होना चाहिए
- शाम का आसन करने के लिए चार घंटे पहले ही खाना खा लें
- योगासन खुली जगह पर करें
- महिलाएं पीरियड के दौरान योगासन न करें
- योगासन बलपूर्वक न करें
- योगासन करते समय बातचीत न करें
- रोजाना थोड़ा समय देकर प्रतिदिन योगासन करने से शरीर स्वस्थ, लचीला और रोगमुक्त रहता है
- मन को शांत रखें
- मल-मूत्र त्याग कर,और नहाकर आसन करना चाहिए
- योगासन करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें
(अनुराधा गोयल,हिंदुस्तान,दिल्ली,22.2.11)
आसन से पहले की जरूरी सावधानियां
- योगासन करने से पूर्व पेट बिल्कुल खाली होना चाहिए
- शाम का आसन करने के लिए चार घंटे पहले ही खाना खा लें
- योगासन खुली जगह पर करें
- महिलाएं पीरियड के दौरान योगासन न करें
- योगासन बलपूर्वक न करें
- योगासन करते समय बातचीत न करें
- रोजाना थोड़ा समय देकर प्रतिदिन योगासन करने से शरीर स्वस्थ, लचीला और रोगमुक्त रहता है
- मन को शांत रखें
- मल-मूत्र त्याग कर,और नहाकर आसन करना चाहिए
- योगासन करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें
(अनुराधा गोयल,हिंदुस्तान,दिल्ली,22.2.11)
सुखपूर्वक कुछ देर एक स्थिति में बने रहने को आसन कहते हैं.
जवाब देंहटाएंऔर
वही स्थिति जब हम दोहराने लग जाएँ तो व्यायाम कहलाती है.
.......... समग्र जानकारी पढ़कर मन ने भी पुष्पासन लगा लिया.
सारी रोग जिनका इस पोस्ट में विवरण हैं एक-एक कर धरते ही रहते हैं।
जवाब देंहटाएंबड़े काम की जानकारी।
BAhut Upyogi...
जवाब देंहटाएंyoga jeewn ka mool aadhar bana lain
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