जीवन शैली का बदलाव आम लोगों के लिए परेशानियों का सबब तो बना ही अब सरकार के लिए भी चिंता का विषय बन गया है। धीमा जहर के नाम से मशहूर मधुमेह रोग की रोकथाम अब पूरे देश में चलेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की इस महत्वाकांक्षी योजना में 30 साल की उम्र पार कर चुके सभी युवाओं के स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित होगी। इस योजना पर खर्च होने वाली राशि में 80 फीसदी हिस्सेदारी केंद्र सरकार देगी। जबकि राज्य सरकार मात्र 20 फीसदी खर्च करेगी। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस योजना पर लगभग पच्चीस हजार रुपये खर्च होगी। इसके लिए 12वीं पंचवर्षीय योजना में विशेष व्यवस्था की जाएगी।
केंद्र सरकार ने पिछले साल देश के 15 राज्यों के 100 जिले में जीवन शैली से जुड़े रोगों की जांच शुरू की। बीमारियों की जांच पर लगभग 499.38 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। योजना की सफलता से उत्साहित केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अब इसे पूरे देश में शुरू करने की योजना बना रहा है। देश के कुल 625 जिले में योजना शुरू करने के लिए लगभग पच्चीस हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी। इसके लिए केंद्र सरकार आम बजट में विशेष व्यवस्था करने जा रही है। मंत्रालय के अधिकारियों की माने तो 30 साल की उम्र पार कर चुके युवा और 35 साल की उम्र पार कर चुकी महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच सुनिश्चित हो सकेगी।
मंत्रालय का दावा है कि यह कार्यक्रम देश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय कार्यक्रम होगा। क्योंकि मधुमेह, हृदय रोग, कैंसर और स्ट्रोक से 42 फीसदी लोग मरते हैं। 35 से 64 वर्ष की आयु के लोगों की मौत से आर्थिक पहलू प्रभावित होता है। योजना के तहत स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर युवाओं और महिलाओं का पारिवारिक इतिहास पूछा जाएगा। साथ ही ग्लूकोमीटर व ईसीजी मशीन से मधुमेह व दिल की जांच की जाएगी। जिन लोगों के पारिवारिक इतिहास में इन बीमारियों का पता चलेगा उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व जिला अस्पताल भेजकर ईको करवाई जाएगी। ऐसे लोगों को खानपान पर नियंत्रण व व्यायाम की सलाह डॉक्टर देंगे। ताकि बीमारी की चपेट में आने से रोका जा सके(अमर उजाला,दिल्ली,8.2.11)।
मंत्रालय का दावा है कि यह कार्यक्रम देश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय कार्यक्रम होगा। क्योंकि मधुमेह, हृदय रोग, कैंसर और स्ट्रोक से 42 फीसदी लोग मरते हैं। 35 से 64 वर्ष की आयु के लोगों की मौत से आर्थिक पहलू प्रभावित होता है। योजना के तहत स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर युवाओं और महिलाओं का पारिवारिक इतिहास पूछा जाएगा। साथ ही ग्लूकोमीटर व ईसीजी मशीन से मधुमेह व दिल की जांच की जाएगी। जिन लोगों के पारिवारिक इतिहास में इन बीमारियों का पता चलेगा उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व जिला अस्पताल भेजकर ईको करवाई जाएगी। ऐसे लोगों को खानपान पर नियंत्रण व व्यायाम की सलाह डॉक्टर देंगे। ताकि बीमारी की चपेट में आने से रोका जा सके(अमर उजाला,दिल्ली,8.2.11)।
अच्छी जानकारी....
जवाब देंहटाएंबसंत पंचमी पर बधाई...
यह पहल कारगर है।
जवाब देंहटाएंबसन्तपञ्चमी की शुभकामनाएँ!
अच्छी जानकारी. आभार.
जवाब देंहटाएंआप को वसंत पंचमी की ढेरों शुभकामनाएं!
सादर,
डोरोथी.
इन बातों की ओर ध्यान देना ज़रूरी है......बसंतोत्सव की शुभकामनाये
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