शुक्रवार, 18 फ़रवरी 2011

तय मात्रा में जरूरी है पोटेशियम

खून में पोटेशियम की जांच यह बताती है कि ब्लड में इसकी कितनी मात्रा मौजूद है। यह कोशिकाओं में पाया जाने वाला मुख्य पॉजिटिव आयन है।

क्या है पोटेशियम
नई दिल्ली स्थित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल के सीएमओ (डॉ़) विनीत कुमार सोनी के अनुसार पोटेशियम एक अवयव और इलेक्ट्रॉलाइट भी है जो शारीरिक विकास और उसके रख-रखाव के लिए महत्वपूर्ण है। शरीर की कोशिकाओं और द्रव के बीच में पानी की नियत मात्रा बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है। मांसपेशियों में संकुचन और तंत्रिकाओं में उत्तेजना पैदा करने वाली प्रतिक्रियाओं के लिए भी पोटैशियम जिम्मेदार है। कोशिकाओं में मौजूद एंजाइम्स को सुचारू रूप से कार्य करने के लिए पोटैशियम की आवश्यकता होती है।

पोटेशियम लेवल में बदलाव
अक्सर सोडियम लेवल के साथ पोटेशियम लेवल बदलता रहता है। जब खून में सोडियम की मात्रा बढ़ती है तो पोटेशियम का लेवल कम हो जाता है और जब सोडियम का लेवल कम होता है तो पोटैशियम लेवल बढ़ जाता है। पोटैशियम का लेवल एल्डोस्टेरॉन नामक हारमोन से प्रभावित होता है जो कि एड्रेनल ग्रंथियों से बना होता है।

पोटेशियम लेवल अन्य कई कारणों से भी प्रभावित होता है, जैसे कि मरीज की किडनी किस तरह से काम कर रही है, खून में की मात्र कितनी है, पोटेशियम की कितनी मात्र आप खाने के माध्यम से ले रहे हैं, शरीर में हारमोन लेवल क्या है, बहुत ज्यादा कै होना या कुछ खास तरह की दवाएं लेने सहित पोटैषियम की गोलियां लेना आदि। कैंसर का उपचार करा रहे कुछ मरीजों में भी पोटेशियम लेवल बढ़ सकता है क्योंकि उपचार के दौरान कभी-कभी कुछ खास दवाएं कैंसर कोशिकाओं को खत्म कर देती हैं।

खाने की कई चीजें जैसे, आलू, अंजीर, केला, आलूबुखारा का जूस, संतरे का जूस और षरबत में भी पोटेशियम की मात्र काफी होती है। एक संतुलित आहार में शरीर की जरूरत के अनुसार पर्याप्त मात्रा में पोटैशियम मौजूद होता है। सामान्यत: शरीर से पोटैशियम की मात्रा मूत्र के जरिए बाहर निकल जाता है। खून में इसकी मात्र कम होने पर भी यूरीन के जरिए यह शरीर से बाहर निकल जाता है, तब बॉडी में इसकी मात्रा और भी कम हो जाती है।

पोटेशियम की नियत मात्रा है जरूरी
डॉ़ सोनी कहते हैं कि शरीर में पोटेशियम का लेवल बहुत ज्यादा हो जाता है या फिर बहुत कम, दोनों ही सूरतों में यह खतरनाक साबित हो सकता है। कोशिकाओं के सामान्य रूप से कार्य करने के लिए पोटेशियम की नियत मात्रा आवश्यक है। यूं तो शरीर में पोटेशियम की जरूरत कई कार्यों को पूरा करने के लिए महसूस होती है, लेकिन मुख्य रूप से यह दिल की धड़कनें सामान्य रखने और मांसपेशियों के सुचारू रूप से कार्य करने में सहायक होता है। शरीर में पोटेशियम की मात्रा ज्यादा या कम हो जाए तो तंत्रिका या दिल की धड़कन से जुड़ी समस्याएं होने का खतरा रहता है जबकि यह इसकी मात्रा में बहुत ज्यादा परिवर्तन हो जाए तो यह मौत की वजह भी बन सकती है।

हाइपरकैलीमिया या पोटेशियम की मात्रा का बढ़ जाना
शरीर में जब पोटेशियम की मात्रा बढ़ जाती है तो उसे हाइपरकैलीमिया कहा जाता है। सामान्यत: पोटेशियम का निष्कासन किडनी के जरिए होता है और जब पूरी तरह से यह बाहर नहीं निकल पाता तो शरीर में इसकी मात्रा बढ़ जाती है। यही वजह है कि इसे हाइपरकैलीमिया कहा जाता है।

पोटेशियम की मात्रा कम होना
हाइपोकैलीमिया या शरीर में पोटेशियम की मात्र का कम हो जाना भी किडनी से जुड़ी समस्याओं की वजह से होता है। बहुत ज्यादा पसीना निकलने, कै आने या डायरिया, खाने-पीने की आदतों से जुड़ी समस्याएं, कुछ खास दवाएं या अन्य कई कारणों से यह हो सकता है।

नियत मात्रा
खून में पोटेशियम की नियत मात्रा 3.5 से लेकर 5.0 एमईक्यू प्रति लीटर होनी चाहिए।

परिणाम
पोटेशियम लेवल नियत न होने से मांसपेशियों में संकुचन या कमजोरी, भूख न लगने, डायरिया, जल्दी-जल्दी पेशाब आना, शरीर में पानी की कमी यानी डीहाइड्रेशन, लो ब्लड प्रेशर, कंफ्यूजन, चिड़चिड़ापन, लकवा और दिल की धड़कनें से जुड़ी समस्याएं शुरू हो सकती हैं।

नोट :- खून में पोटेशियम की जांच के दौरान अन्य इलेक्ट्रोलाइट्स जैसे कि सोडियम, कैल्शियम, क्लोराइड, मैगनीशियम और फॉस्फेट वगैरह की जांच भी की जा सकती है।

क्यों कराएं जांच
- किडनी से जुड़ी बीमारियों का इलाज करा रहे मरीजों के लिए आवश्यक।
- खून में पोटेशियम की मात्रा बहुत कम या ज्यादा पाए गए मरीजों का इलाज कितना कारगर है, इसे जानने के लिए।
- हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों की जांच के लिए कि कहीं उन्हें किडनी या एड्रेनल ग्रंथियों से जुड़ी बीमारी भी तो नहीं है।
- पोटेशियम लेवल पर अतिरिक्त न्यूट्रिशन का प्रभाव जानने के लिए।

कहां कराएं जांच
डॉ़ सोनी के अनुसार खून में पोटेशियम की जांच के लिए विशेष तैयारी की जरूरत नहीं होती, चिकित्सक की सलाह ले लें। अपने नजदीकी सरकारी या निजी किसी भी अस्पताल से आप यह जांच करा सकते हैं। इसके लिए आपको मात्रा 50 से 100 रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं।
(हिंदुस्तान,दिल्ली,8.2.11)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

एक से अधिक ब्लॉगों के स्वामी कृपया अपनी नई पोस्ट का लिंक छोड़ें।