रविवार, 13 फ़रवरी 2011

भारत में बनी पुरुष गर्भनिरोधक दवा की बढ़ रही है मांग

रिसर्च के क्षेत्र में भारतीय वैज्ञानिकों की धूम है। अब अमेरिका ने भी भारत के वैज्ञानिकों के दिमाग का लोहा मानते हुए भारत से पुरुष गर्भनिरोधक दवाई मांगी है। भारत ने अमेरिका की डिमांड पर विचार करते हुए उसे इस माह ही दवा दे दी है।

भारतीय वैज्ञानिकों ने इसे अमेरिका में पेटेंट करवा लिया है, ताकि कोई ये दवा बगैर इजाजत के न बना सके। ये खुलासा एनडीआरआई में आईआईटी खड़कपुर के वैज्ञानिक डा. एके गुहा ने दैनिक भास्कर से बातचीत में किया। उनके अनुसार अमेरिका में दवा को भेजने में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तथा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद्  का योगदान रहा है।

आईआईटी खड़गपुर में बनाई जा रही है दवा
बकौल डा. एसके गुहा रिवर्सेबल इंहेबिटेशन ऑफ स्पर्म अंडर गाइडेंस नामक इस दवा को बनाने के लिए आईआईटी खड़कपुर में एक कंपनी द्वारा बनाया जा रहा है। इस दवा को बनाने में स्टायराइन मेलिक एनहाइड्राइडडाईमिथाइल सल्पोक्साइड नामक केमिकल का प्रयोग किया जाता है।

इंडोनेशिया व मलेशिया में भी डिमांड
इस भारतीय दवा की अमेरिका के साथ- साथ इंडोनेशिया व मलेशिया से भी डिमांड आई है। जिसे देखते हुए भारतीय वैज्ञानिकों ने इसे इंडोनेशिया व मलेशिया में भी पेटेंट करवा लिया है।

एड्स मैनेजमेंट में सहायक
बकौल डा. एसके गुहा उनका उद्देश्य तेजी से बढ़ रहे एड्स को कंट्रोल करना है। उनकी यह दवा एड्स मैनेजमेंट में भी कारगर होगी, क्योंकि यह दवा स्पर्म की निगेटिव एनर्जी को पॉजिटिव कर उसे न्यूट्रल कर देती है, जिससे वह निष्क्रिय हो जाता है।इसी तरह अब महिलाओं के लिए भी यह दवा बनाई जा रही है। इससे मेल से फिमेल में तथा फिमेल से मेल में ट्रांसफर होने वाली यौन संबंधी रोग कंट्रोल हो सकेंगे।
(प्रवीन कुमार,दैनिक भास्कर,करनाल,12.2.11)

2 टिप्‍पणियां:

  1. नाज़ है हिंदुस्तान के वैज्ञानिकों की काबिलियत पर ।

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  2. ये बहुत अच्छी बात है की गर्भ निरोधन के साथ साथ रोग से बचाव भी....
    मुझे लगता है की स्त्री-पुरुष दोनों अगर इसका सेवन करें फिर तो जो थोड़ी बहुत failure के chances हैं वो भी नहीं रहेंगे....बढ़िया आविष्कार...

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