अस्वच्छता से देश की 88 फीसदी महिलाओं में ग्रीवा कैंसर का खतरा मंडरा रहा है। इतना ही नहीं यह अस्वच्छता मातृत्व शिशु मृत्यु दर को भी प्रभावित कर रहा है। इस बात का खुलासा एक सर्वेक्षण से हुआ है। प्लान इंडिया और एसी नेल्शन ने मंगलवार को जारी सर्वेक्षण में कहा है कि लड़कियों व महिलाओं के द्वारा अस्वच्छता अपनाए जाने के कारण 70 फीसदी महिलाओं का मूत्र मार्ग संक्रमित पाया गया। सर्वेक्षण में नौ राज्यों के 1033 ग्रामीण महिलाओं के बीच किया गया जिसमें 151 स्त्री रोग विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया।
सर्वेक्षण से जुड़ी एम्स की स्त्री रोग विशेषज्ञ प्रो. अलका कृपलानी का कहना है कि अस्वच्छ सेनेटरी अपनाने से पेशाब मार्ग संक्रमित हो जाता है जिससे ग्रीवा के कैंसर की चपेट में महिलाएं आ जाती हैं। भारत में 355 मिलियन महिलाओं में से 12 फीसदी ही स्वच्छ नैपकिन का उपयोग करती है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि 70 फीसदी महिलाओं में प्रजनन मार्ग संक्रमित पाया गया। ग्रामीण क्षेत्रों की चंद महिलाएं ही सेनेटरी नेपकिन का प्रयोग करती हैं। विडंबना यह है कि इन महिलाओं को स्वच्छता के बारे में कुछ भी पता नहीं है। कैंसर से मरने वाली महिलाओं में ग्रीवा के कैंसर का स्थान दूसरा है। जबकि स्तन कैंसर का स्थान पहला है। खास बात यह है कि सेनेटरी नेपकिन खरीदने और उसके उपयोग की क्षमता ग्रामीण महिलाओं की नहीं है। 70 फीसदी महिलाएं खुले तौर पर कहा कि वह नेपकिन खरीदने में असमर्थ है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि 88 फीसदी महिलाएं सेनेटरी नेपकिन के बदले में कपड़े का इस्तेमाल करती हैं। भारत में ग्रीवा कैंसर के मामले पूरी दुनिया के एक चौथाई हैं। आंकड़ों के हिसाब से 1,32,000 महिलाओं की प्रत्येक साल जांच की जाती है(अमर उजाला,दिल्ली,9.2.11)।
यह तो चिंता की बात है।
जवाब देंहटाएं---------
पुत्र प्राप्ति के उपय।
क्या आप मॉं बनने वाली हैं ?
gramin mahilaye to abhi bhi kapada hi istemal karti . ha magar shahron ki sthiti dusari hai. bahut hi vicharniya lekh.........
जवाब देंहटाएंjankariparak evam jeevanopyogi lekh ke liye
जवाब देंहटाएंbahut-bahut dhanyvad!
Woh!yah to bahut chinta ka kaaran hai..
जवाब देंहटाएंजानकारी बहुत बढ़िया है। इस ज्ञानवर्धक लेख के लिए आपका आभार....
जवाब देंहटाएं