मंगलवार, 25 जनवरी 2011

रक्तदान

किसी की जिंदगी को बचाने से बड़ा पुण्य भला क्या हो सकता है ! शायद इसीलिए लोग ब्लड डोनेट करके एक अलग तरह का संतोष महसूस करते हैं। कोई भी सेहतमंद शख्स ब्लड डोनेट कर सकता है क्योंकि इससे कोई नुकसान नहीं होता। एक्सपर्ट्स की मदद से इस बारे में पूरी जानकारी आपको दे रहे हैं नरेश तनेजा-

ब्लड की बेसिक बातें
- 1901 में ऑस्ट्रिया के डॉक्टर कार्ल लैंडस्टीनर ने तीन इंसानी ब्लड ग्रुपों की खोज की थी। 14 जून को हर साल उनके जन्मदिन पर वर्ल्ड ब्लड डोनर्स डे मनाया जाता है।

- भारत में नैशनल ब्लड डोनेशन डे 1 अक्टूबर को मनाया जाता है।

- ए, बी, ओ और एबी, ये चार ब्लड ग्रुप होते हैं। इन सभी में प्लस और माइनस होता है। ए1बी, ए ग्रुप के ब्लड का सब गुप है, जो पॉजिटिव और नेगेटिव दोनों में पाया जाता है।

- ' ओ' ग्रुप यूनिवर्सल डोनर है। इसके लोग सभी पॉजिटिव ग्रुप वालों को ब्लड दे सकते हैं।

- ' ओ' नेगेटिव वाले सभी ग्रुप के लोगों को दे सकते हैं।

- जरूरी नहीं कि कोई ग्रुप सेम ग्रुप को चढ़ ही जाएगा। डॉक्टर्स मैचिंग करने के बाद ही तय करते हैं कि वह ग्रुप चढ़ने लायक है या नहीं।

- कोई भी ग्रुप उपलब्ध नहीं हो, तो 'ओ' नेगेटिव बेस्ट है। इससे किसी तरह का नुकसान नहीं होता।

कौन दे सकता है, कौन नहीं दे सकता

दे सकते हैं अगर-
- आपकी उम्र 18 से 60 साल (महिला और पुरुष दोनों के लिए) के बीच है।
- वजन 45 किलो या उससे ज्यादा है।
- पल्स और बीपी दोनों ठीक हैं।
- हीमोग्लोबिन (एचबी) कम-से-कम 12.5 है।
- पहले भी ब्लड दिया है तो कम-से-कम तीन महीने बीत चुके हैं।

ये भी दे सकते हैं-
- अगर कोई शख्स किसी बीमारी में आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक या यूनानी दवाएं ले रहा है तो वह ब्लड दे सकता है, बशर्ते उसे कोई गंभीर बीमारी न हो।
- सिगरेट, बीड़ी, तंबाकू, गुटका, ड्रग्स और शराब पीने वाला ब्लड दे सकता है, बशर्ते उसने ब्लड देने से पहले इनमें से कुछ नहीं लिया हो। ड्रिंक किए हुए 24 घंटे हो चुके हों, तभी ब्लड देना सेफ होता है। इन चीजों का खराब असर ब्लड लेने वाले के ब्लड में नहीं जाएगा, बल्कि इससे ब्लड देने वाले के अंग ही खराब होंगे।
- धूल, धुएं, आग-भट्ठी के सामने और केमिकल्स में काम करने वाले ब्लड दे सकते हैं, बशर्ते उन्हें कोई अलर्जी न हो।

नहीं दे सकते-
- किसी भी वजह से जिनकी सेहत ठीक नहीं है।
- प्रेग्नेंट या दूध पिलाने वाली महिलाएं या जिन्हें किसी भी तरह की ब्लीडिंग हो रही हो। पीरियड्स के दौरान भी महिलाएं ब्लड नहीं दे सकतीं।
- जिन्हें वायरल इंफेक्शन है। दरअसल, ब्लड के साथ इंफेक्शन दूसरे शख्स में पहुंचने की आशंका होती है।
- जिन्हें लिवर, हार्ट, किडनी, ब्रेन या लंग्स की बीमारी है।
- जिन्हें अस्थमा, कैंसर या हिपेटाइटिस है या जिनकी बीपी की दवा चल रही है। बीपी कंट्रोल में हो, तो दे सकते हैं।
- थायरॉयड या हॉर्मोंस असंतुलन की बीमारी वाले।
- किसी को खुद ब्लड चढ़ा हो तो उसे एक साल बाद ही देना चाहिए क्योंकि इस दौरान बीमारी ट्रांसफर हो सकती है।
- जिन्हें जिनेटिक डिस्ऑर्डर या दिमागी बीमारी है। डिप्रेशन की दवा खाने वाले भी नहीं दे सकते।
- वे महिलाएं जिनके अबॉर्शन को छह महीने से कम वक्त हुआ है या ऑपरेशन से बच्चा हुए अभी एक साल पूरा नहीं हुआ है।
- जिन्हें कुत्ता काटने का इंजेक्शन लगा है और अभी एक साल पूरा नहीं हुआ है। अगर इंजेक्शन नहीं लगे, तो कभी नहीं दे सकते। - फ्रैक्चर, ऑपरेशन या गॉल ब्लैडर हटे हुए अगर छह महीने पूरे नहीं हुए हैं।
- मिर्गी या कुष्ठ रोग वाले।
- एक से ज्यादा सेक्स पार्टनर रखने वाले।
- जिन्होंने टैटू बनवाया हो। ये लोग टैटू बनवाने के छह महीने बाद दे सकते हैं।
- दांत की फिलिंग या इलाज कराने वाले। ऐसे लोग इलाज के तीन महीने बाद दे सकते हैं।
- मलेरिया और टाइफाइड वाले। मलेरिया वाले ठीक होने के तीन महीने बाद और टाइफाइड ठीक होने के एक साल बाद खून दे सकते हैं।
- टेटनस या प्लेग वाले ठीक होने के 15 दिन बाद दे सकते हैं।
- जिनका वजन एकदम पांच-दस किलो कम हो जाए। ऐसे लोगों को जांच के बाद ही ब्लड देना चाहिए।
- जिन्हें एड्स का कोई भी लक्षण है।
- जिनका हीमोग्लोबिन 18 या 19 से ऊपर चला जाए। (ऐसे लोग कभी नहीं दे सकते।)
- जो इंसुलिन ले रहे हैं। शुगर अगर दवाओं के जरिये कंट्रोल में है तो दे सकते हैं।
- जिन्हें सिरदर्द है या जिनका पेट खराब है।

ब्लड की जरूरत
इन स्थितियों में ब्लड चढ़ाने की जरूरत पड़ती है:
- एक्सिडेंट के मामले।
- डिलिवरी के मामले।
- किसी भी तरह की ब्लीडिंग में।
- सभी बड़े ऑपरेशनों में।
- अंग ट्रांसप्लांटेशन में।
- थैलीसीमिया, एप्लास्टिक एनीमिया, कैंसर के इलाज के वक्त, कीमोथैरपी के वक्त, डायलिसिस, हीमोफीलिया और संबंधित बीमारियों में।
- डेंगू, प्लेटलेट्स की कमी और प्लाज्मा में रेड सेल कम होने पर। इसके अलावा भी बहुत-सी बीमारियां हैं जिनमें ब्लड चढ़ाने की जरूरत पड़ती है।
- एनीमिया है या कमजोरी है, तो ब्लड न चढ़वाएं। ऐसे लोग अपना हीमोग्लोबिन बिना ब्लड चढ़वाए दूसरे तरीकों से भी बढ़ा सकते हैं। जैसे आयरन सप्लिमेंट, आयरन इंजेक्शन या आयरन वाले खानपान से। किसी को ब्लीडिंग है तो पहले ब्लीडिंग रोक दें।

डोनेशन करने वाले रखें ध्यान
देने से पहले
- जब भी खुद को फ्री और स्वस्थ महसूस करें, तनाव में न हों, ब्लड दे सकते हैं।
- सुबह नाश्ता करने के एक-डेढ़ घंटे के अंदर ब्लड दे सकते हैं, पर फौरन बाद नहीं।
- खाली पेट ब्लड नहीं देना है। सामान्य खाना खाने के बाद ही ब्लड दें।
- ईमानदारी से अपनी बीमारियों के बारे में पूरी जानकारी डॉक्टर को दें। यह ब्लड लेने व देने वाले दोनों की सुरक्षा के लिए जरूरी है। यह भी बताएं कि कौन-कौन सी दवाएं ले रहे हैं।
- मान्यता प्राप्त बैंक में ही ब्लड दें। इसकी पहचान उनके फॉर्म पर लिखे लाइसेंस नंबर से हो जाएगी। वे आपको अपना कार्ड देंगे जिस पर पूरी डिटेल लिखी होगी।
- नाको की वेबसाइट से भी मान्यता प्राप्त संस्थानों का पता लगाया जा सकता है।

देने के बाद
- डोनेशन के बाद पांच से दस मिनट आराम करना होता है।
- उस दिन नॉर्मल डाइट ही लें, फिर भी पानी, दूध, चाय-कॉफी, जूस आदि लिक्विड ज्यादा लेना अच्छा रहता है।
- ब्लड डोनेट करने के बाद ड्राइविंग समेत सभी रुटीन काम किए जा सकते हैं।
- ब्लड देने के बाद जिम नहीं जाना है और सीढि़यां भी नहीं चढ़नी हैं। एक दिन के बाद से ये काम भी कर सकते हैं।
- उस दिन स्मोकिंग और ड्रिंक न करें।
- ब्लड देने के तीन महीने बाद ही दोबारा ब्लड दिया जा सकता है। जिनके ब्लड से प्लाज्मा या प्लेटलेट्स लिए गए हैं, अगर उनमें सब कुछ नॉर्मल है, तो वे हफ्ते-दस दिन बाद भी ब्लड दे सकते हैं।

डरें नहीं, कुछ फैक्ट्स जान लें
- ब्लड बैग दो तरह के होते हैं। एक, साढ़े तीन सौ एमएल का और दूसरा साढ़े चार सौ एमएल का। जिनका वजन 60 किलो से कम है, उनसे साढ़े तीन सौ एमएल ब्लड ही लेते हैं। जिनका 60 किलो से ज्यादा है, उनसे साढ़े चार सौ एमएल लिया जाता है।

- डोनेशन के वक्त जितना खून लिया जाता है, वह 21 दिन में शरीर फिर से बना लेता है। ब्लड का वॉल्यूम बॉडी 24 से 72 घंटे में पूरा बना लेती है।

- अगर आप सामान्य ब्लड डोनेशन करते हैं तो आप तीन जिंदगियां बचाते हैं क्योंकि आपके ब्लड में प्लेटलेट्स, आरबीसी और प्लाज्मा होते हैं, जो तीन लोगों के काम आ सकते हैं।

- ब्लड देने से इंफेक्शन नहीं होता क्योंकि इसमें डिस्पोजेबल सिरिंज और सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है।

- अगर किसी का ब्लड एचआईवी पॉजिटिव निकल आए तो ब्लड बैंक द्वारा उसे फोन से जानकारी दी जाती है। फिर सरकारी विभाग को जानकारी दी जाती है, जो पॉजिटिव शख्स को बुलाकर उसकी काउंसलिंग करते हैं। ऐसे शख्स से लिए गए ब्लड को इस्तेमाल नहीं किया जाता। उसे नष्ट कर दिया जाता है।

अकसर पूछे जाने वाले कुछ सवाल
ब्लड डोनेट करने से क्या कमजोरी आती है?
कोई कमजोरी नहीं आती। हां, घबराहट की वजह से कुछ लोगों की पल्स तेज हो जाती है, पसीना आ सकता है, बीपी कम हो सकता है, उल्टी-सी महसूस हो सकती है। किसी-किसी को झटके भी आ सकते है, पर इन सबसे घबराने की जरूरत नहीं है। थोड़ी देर में अपने आप सब ठीक हो जाता। ब्लड देने के बाद कुछ खाने को देते हैं। उससे भी सब ठीक हो जाता है।

लगातार ब्लड देने वालों को एनीमिया जैसी बीमारी हो सकती है?
ऐसा नहीं होता। दरअसल, शरीर में ब्लड की उम्र तीन महीने ही होती है यानी तीन महीने बाद दोबारा रेड सेल्स बनते हैं। अगर ब्लड डोनेट नहीं करेंगे तो सेल तीन महीने बाद खत्म हो ही जाएंगे। बोन मैरो ब्लड बनाता है। इसे नहीं नहीं लिया जाता, सिर्फ रेड सेल लिए जाते हैं। ब्लड देने से कॉलेस्ट्रॉल और चर्बी जैसी चीजें निकल जाती हैं। सौ-सौ बार ब्लड देने वालों का हीमोग्लोबिन भी 14-15 बना रहता है। जो लोग रेगुलर ब्लड देते हैं, वे ज्यादा स्वस्थ रहते हैं। उनके दिल आदि अंग ज्यादा अच्छी तरह काम करते हैं। दिल से संबंधित बीमारी नहीं होती। ऐसे लोगों के चेहरे पर चमक बनी रहती है। पूरा चैकअप भी हो जाता है और समाज सेवा भी हो जाती है।

ब्लड देने के बाद चक्कर आ जाए, तो क्या करें?
अगर खाली पेट ब्लड दे रहे हैं तो कई बार चक्कर आ सकता है। कुछ लोगों को घबराहट, उलटी होना, पसीना आना या थोड़ी देर के लिए कमजोरी महसूस हो सकती है, पर इसमें घबराने की बात नहीं है। ऐसे में थोड़ी देर बैठ जाएं या लेट जाएं और पैरों को ऊपर कर दें जिससे खून का बहाव दिल की तरफ हो जाए। पल्स और बीपी ठीक है तो कपड़े ढीले करके लेट जाएं और आराम करें। माथे और गर्दन पर थोड़ा पानी लगा दें और कुछ पानी पिला दें। पहली बार ब्लड देने वालों के साथ ऐसा हो सकता है। यह स्थिति 5-7 मिनट में ठीक हो जाती है।

कितना समय लगता है ब्लड डोनेशन में?
अगर लाइन न लगी हो, तो फॉर्म भरने से लेकर डॉक्टरी जांच, ब्लड डोनेशन और रिफ्रेशमेंट लेने तक में आधा घंटा लग सकता है।

ब्लड बैंक
- ब्लड बैंक से ब्लड पैसे देकर नहीं लिया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने प्रफेशनल डोनर्स को 1998 में बैन कर दिया था। ब्लड के बदले ब्लड दिया जाता है।
- मजबूरी में बिना डोनर के भी स्वैच्छिक संस्थाएं ब्लड देती हैं। उनके पास अच्छा स्टॉक और ब्लड देने वाले लोगों का डेटा बैंक होता है। इसके लिए चार्ज लिया जाता है।
- अगर मरीज सरकारी अस्पताल में है और इमरजेंसी है तो ब्लड फ्री में ही जाता है, लेकिन सामान्य स्थिति में डोनर चाहिए। कुछ बैंक थैलीसीमिया वालों को फ्री में देते हैं। केस देखकर जरूरत के हिसाब से भी बिना डोनर या पैसे के मिल जाता है।
- दिल्ली में बाहर से आए या एक्सिडेंट और इमरजेंसी मामलों में भी बिना डोनर के ब्लड दे दिया जाता है।
- प्राइवेट अस्पतालों में दाखिल मरीजों को सर्विस चार्ज लेकर ही देते हैं।
- प्राइवेट अस्पताल में एडमिट होने वालों को आमतौर पर प्राइवेट ब्लड बैंक फ्री नहीं देते ।
- कुछ ग्रुप्स भी हैं जो ब्लड डोनेट करते हैं, जिनका पता इंटरनेट से लग सकता है।
- दिल्ली में 53 ब्लड बैंक हैं जिनमें 22 नाको समर्थित हैं।

डोनर्स
- डोनर दो तरह के होते हैं : रिप्लेसमेंट डोनर और वॉलंट्री डोनर।
- रिप्लेसमेंट डोनर के मामले में ब्लड देने के बदले में किसी और का ब्लड लिया जाता है। रिप्लेसमेंट डोनर का कंसेप्ट अब बंद हो रहा है क्योंकि इसमें भी घपले हो रहे हैं। अक्सर इन मामलों में पैसा लेकर खून बेचने वाले प्रफेशनल आकर ब्लड डोनेट कर देते हैं। वे अपना ब्लड बेचते हैं। ऐसा ब्लड लेने में जबर्दस्त रिस्क है।

- अपनी इच्छा से ब्लड देने वालों को वॉलंट्री डोनर कहा जाता है। ब्लड देने के बाद उन्हें पता नहीं कि उनका ब्लड किसे चढ़ाया जाएगा।

कहां करें ब्लड डोनेट
इन संस्थाओं में ब्लड डोनेट किया जा सकता है :

1. इंडियन रेडक्रॉस ब्लड बैंक
पता : रेडक्रॉस रोड, नई दिल्ली-110001
फोन : 2371 1551, 2371 6441/2/3 (एक्स 331, 332),
वेबसाइट : www.indianredcross.org
समय : सुबह 8 से रात 8 बजे तक
दिन : सातों दिन
ये लोग तमाम संस्थाओं में कैंप भी लगाते रहते हैं।

2. लॉयंस क्लब ब्लड बैंक
पता : एके 100, लायंस ब्लड बैंक, नियर ए. एल. ब्लॉक, शालीमार बाग, नई दिल्ली
फोन : 9717 897 500 व 9717 897 520
लैंडलाइन : 4225 8080 व 4225 8494
वेबसाइट : www.lionsbloodbank.org
ईमेल : lionsbloodbank@hotmail.com
समय : सुबह 9 से शाम 6 बजे तक
दिन : संडे समेत सातों दिन फोन करके आएं
ये लोग तमाम संस्थाओं में कैंप भी लगाते हैं। इनके लगभग सभी कर्मचारी रेगुलर ब्लड डोनर हैं।

3. रोटरी क्लब ब्लड बैंक
पता : 56, 57 तुगलकाबाद इंस्टिट्यूशनल एरिया, नई दिल्ली-110062
फोन : 2905 4066/7/8/9
वेबसाइट : www.rotarybloodbank.org
समय : सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक
दिन : सोमवार से शनिवार तक
ये लोग तमाम संस्थाओं में कैंप भी लगाते हैं।

4. स्माइल फॉर ऑल
पता : पीपी-8 पीतमपुरा, नजदीक गोपाल मंदिर, दिल्ली-88
ब्लड ऑन डिमांड उपलब्ध है, जिसके तहत भारत में कहीं भी कभी भी जरूरत पड़ने पर इमरजेंसी निशुल्क रक्तदाता उपलब्ध करवाया जाता है। संस्था के अध्यक्ष जीएस कपूर के मुताबिक, दिन-रात कभी भी इन नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है : 9212 131 416 / 9266 666 666 / 9266 616 161 / 9266 636 363. यहां आप ब्लड डोनर के रूप में अपना नाम भी लिखवा सकते हैं। वेबसाइट है : www.smileforall.org

5. सत्य सांई ऑर्गनाइजेशन
श्री सत्य साई सेवा ऑर्गेनाइजेशन के दिल्ली इंचार्ज जतिंदर चीमा का कहना है कि ब्लड लेने वाले इस वेबसाइट पर जाकर अपनी जरूरत बताकर ब्लड ले सकते हैं। वेबसाइट है- www.saidelhi.org

6. सेल्फलैस सर्विस सोसायटी
युवाओं द्वारा बनाई गई यह संस्था वेबसाइट के माध्यम से काम करती है। संस्था के सेक्रेट्री अंशुल का कहना है कि संस्था से बड़ी संख्या में डोनर्स जुड़े हुए हैं। ब्लड डोनेट करने और ब्लड लेने के लिए पूरे भारत में इस वेबसाइट से संपर्क किया जा सकता है।
वेबसाइट- www.selflessservice.org
ईमेल-service.selfless@gmail.com
फोन-999999-6860
समय-किसी भी समय संपर्क किया जा सकता है।
दिन-सातों दिन

ये संस्थाएं ब्लड डोनेशन के लिए स्कूल और कॉलेजों में कैंप लगाती हैं, रेडियो व टीवी पर कार्यक्रम देती हैं और पोस्टर व अखबारों में विज्ञापनों के जरिये भी ब्लड इकट्ठा करती हैं। इन संस्थाओं के अलावा तमाम सरकारी अस्पतालों में जाकर भी ब्लड डोनेट किया जा सकता है।

एक्सर्पट्स पैनल
डॉ. वनश्री सिंह, डायरेक्टर, इंडियन रेडक्रॉस ब्लड बैंक
डॉ. सुनील देवानी, ब्लड ट्रांसफ्यूजन ऑफिसर, कालरा हॉस्पिटल
डॉ. पूनम श्रीवास्तव, मेडिकल डायरेक्टर, लॉयंस ब्लड बैंक
डॉ. अंजू वर्मा, चीफ मेडिकल ऑफिसर, रोटरी ब्लड बैंक
जी. एस. कपूर, अध्यक्ष, स्माइल फॉर ऑल
(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,23.1.11)

6 टिप्‍पणियां:

  1. शानदार जानकारी है, बहुउपयोगी!!

    प्रतिवर्ष हम हमारी संस्था के बेनर में इंडियन रेडक्रॉस के सहयोग से 200 व उससे अधिक रक्त-बोतल का संकलन कर रेडक्रॉस के संग्रह में देते है।
    रक्त की आवश्यकता वालो को रेडक्रॉस से उपलब्ध भी करवाते है।
    साधुवाद!! इस प्रस्तुति के लिये।

    'निरामिष' के योगदानकर्ता लेखक समूह में जुडने का आमंत्रण!!

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  2. रक्‍तदान के सम्‍बंध में तमाम भ्रान्तियों को दूर करती एक सार्थक रचना।

    -------
    क्‍या आपको मालूम है कि हिन्‍दी के सर्वाधिक चर्चित ब्‍लॉग कौन से हैं?

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  3. आद.राधारमण जी,
    रक्त दान से सम्बंधित बहुत ही महत्वपूर्ण बातों को आपने इस पोस्ट में रेखांकित किया है !
    मानवता के लिए ऐसे जानकारीपरक लेख के लिए बहुत बहुत धन्यवाद

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  4. bahut hi achchhi evam prernaprad jankari. do bar ham bhi dan kar chuke hai aur bilhul kuchh bhi pata nahin chalta....

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  5. very good information sir.wish you a happy republic day.

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