सर्दियों के मौसम में गरम-गरम खाना बहुत अच्छा लगता है। लेकिन आपको जानना चाहिए कि बहुत ज्यादा गर्म और मसालेदार खाना आपके पेट और सेहत पर पर भारी पड़ सकता है। इसके कारण आपकी तबीयत कुछ नासाज भी हो सकती है। आहार विशेषज्ञों का कहना है कि बहुत ज्यादा ठंड में भी बेहद गर्म और मसालेदार खाने से बचना चाहिए क्योंकि यह शरीर पर प्रतिकूल असर डाल सकता है।
बहुत गर्म खाना हमारे शरीर के तापमान को भी बढ़ा देता है, जिससे शरीर के उपापचय की दर भी प्रभावित होती है। लंबे समय तक गर्म और मसालेदार खाने से कोशिकाओं के जीर्णन की दर भी तेज हो जाती है और सीने में जलन की समस्या स्थायी रूप से सताने लगती है।
बाल रोग विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि बच्चों को सर्दी के मौसम में सूप देते समय यह जरूर ध्यान रखें कि वह तेज मसाले युक्त न हो। डॉक्टरों के मुताबिक इन दिनों किशोर व युवाओं को अमूमन सूप पसंद आता है और वे लगातार इसकी मांग करते हैं, लेकिन कोशिश करें कि उन्हें घर में बना ताजा सूप ही दिया जाए, जो कम मसाले वाला हो। तेज गर्म और ज्यादा मसाले वाला सूप सभी के पेट और सीने में जलन की समस्या पैदा कर सकता है।
खासतौर पर सर्दियों में बच्चों को तो चाट—पकौड़ी जैसा भोजन भी रास आता है, लेकिन लगातार और सीमा से ज्यादा मसालेदार खाना उनकी त्वचा और म्यूकस मेंब्रेन में जलन के साथ उत्तेजना पैदा कर सकता है। मसालेदार भोजन के शारीरिक तंत्र पर बुरे प्रभाव के संबंध में डॉ़ अनिल पांडे की मानें तो तो बहुत मसालेदार मांसाहार से पाचन तंत्र पर स्थाई प्रभाव और हदय रोगों की आशंका बढ़ जाती है।
उनके मुताबिक मांसाहार को बहुत मसाले डाल कर पकाना आम प्रवृत्ति है, लेकिन इसका सबसे बुरा और सीधा असर हमारे हृदय पर पड़ता है। लंबे समय तक ऐसा आहार लेना अचानक दिल के दौरे तक का कारण भी बन सकता है।
इसीलिए चिकित्सकों की सलाह है कि सरदी में बहुत भाने के बावजूद कोशिश करें कि ऐसा भोजन सिर्फ दिन के समय ही लिया जाए। इससे इसके पचने में आसानी होती है और धमनियों में ब्लॉकेज की आशंका कम हो जाती है। लेकिन रात के समय कम मसालेदार और कम गरम भोजन लेना ही उचित रहता है। बहुत स्वाद लगे, तब भी सीमित भोजन करें। खाने के तुरंत बाद ठंडा पानी न पीएं। आधा घंटा बाद पानी लें। भोजनोरांत थोड़ा टहलने के बाद ही सोएं(हिंदुस्तान,दिल्ली,16.1.11)।
उनके मुताबिक मांसाहार को बहुत मसाले डाल कर पकाना आम प्रवृत्ति है, लेकिन इसका सबसे बुरा और सीधा असर हमारे हृदय पर पड़ता है। लंबे समय तक ऐसा आहार लेना अचानक दिल के दौरे तक का कारण भी बन सकता है।
इसीलिए चिकित्सकों की सलाह है कि सरदी में बहुत भाने के बावजूद कोशिश करें कि ऐसा भोजन सिर्फ दिन के समय ही लिया जाए। इससे इसके पचने में आसानी होती है और धमनियों में ब्लॉकेज की आशंका कम हो जाती है। लेकिन रात के समय कम मसालेदार और कम गरम भोजन लेना ही उचित रहता है। बहुत स्वाद लगे, तब भी सीमित भोजन करें। खाने के तुरंत बाद ठंडा पानी न पीएं। आधा घंटा बाद पानी लें। भोजनोरांत थोड़ा टहलने के बाद ही सोएं(हिंदुस्तान,दिल्ली,16.1.11)।
very good information sir.
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