गुरुवार, 13 जनवरी 2011

इंडोस्कोपी के लिए पिलकैम

इजरायल की गिवेन इमेजिंग लिमिटेड कंपनी ने कुछ साल पहले ऐसा कैप्सूल तैयार किया था, जो इंडोस्कॉपी के दौरान होने वाली दिक्कतों से मुक्ति दिलाता है यानी जिसे खाने के बाद इंडोस्कॉपी अपने आप हो जाएगी।

कितना अच्छा हो कि अगर आप आराम से बैठकर एक कैप्सूल खाएं, पानी पिएं और दिन के सारे काम करें। जिस दौरान आप काम कर रहे होंगे, यह कैप्सूल आपके शरीर के अंदी की सैकड़ों फोटो ले लेगा ,जिनसे डॉक्टर किसी बीमारी का पता कर सकते हैं। इस जादुई कैप्सूल का नाम पिलकैम है। यह रोगी की मदद करने वाला कैप्सूल है, जो तेज काम करता है। कैप्सूल पिलकैम एसबी छोटी आंत की बीमारियों का पता लगाता है तो कैप्सूल पिलकैम ईएसओ भोजन नली और इससे जुड़ी हुई बीमारियों के बारे में जानकारी देता है।

कैप्सूल के बारे में इसके निर्माण से जुड़े रहे वैज्ञानिक युवाल यानाई ने बताया, ‘पिलकैम ईएसओ उच्च क्षमता वाला कैप्सूल है, जिसमें ईमेज के लिए एडवांस आप्टिक्स और ऑटोमेटिक लाइट कंट्रोल दिया जाता है। पिलकैम ईएसओ 2 वीडियो कैप्सूल है, जिसकी क्षमता 11गुणा 26 मिमी और वजन चार ग्राम से कम होता है। यह भोजन नली की प्रति सेकेंड 18 इमेज लेने में सक्षम होता है। इसका इस्तेमाल खासतौर पर कोलन (मलाशय) कैंसर की जांच के लिए किया जाता है।

वे आगे बताते हैं, ‘पांच साल के कठिन प्रयासों के बाद 2001 में इसे बाजार में लाया गया। भविष्य में भारत और सिंगापुर में कंपनी के ऑफिस खोलने का विचार है, जहां इसकी बिक्री बेहतर है। फिलिल अमेरिका इसका सबसे बड़ा बाजार है। इसके मशहूर होने की खास वजह इसका सरल इस्तेमाल है। पिलकैम ईएसओ खाने के दो घंटे पहले रोगी को कुछ न खाने की सलाह दी जाती है।

इसके बाद पहले उसे सौ मिली पानी पिलाते हैं। उसके बाद उसे दाई करवट लिटाकर कैप्सयूल खिलाते हैं और सात मिनट तक हर तीस सेकेंड के बाद एक घूंट पानी पिलाते हैं। सात मिनट के बाद रोगी को सीधा बिठाया जाता है और फिर एक घूंट पानी पिलाकर तीस सेकेंड तक इंतजार करते हैं। इस दौरान रोगी के पेट के अंदर की तस्वीरें ली जा रही होती है। यह कैप्सूल नेचुरली आंत में गति करता रहता है और चौबीस घंटे में छोटी आंत की लगभग सभी तरह की तस्वीरें लेकर चिकित्सकों का काम आसान कर देता है। आठ घंटे की जांच प्रक्रिया में यह अंदर की पचास हजार तस्वीरें ले लेता है।

गिवेन इमेजिंग लिमिटेड कंपनी की स्थापना 1998 में इजरायल के यॉकनीम में हुई थी। पिलकैम की खोज के लिए कंपनी ने इजरायल के अलावा अमेरिका, वियतनाम, जर्मनी, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर के विशेषज्ञों की मदद भी ली थी। माना जा रहा है कि 2004 में वॉल स्ट्रीट जनरल का टेक्नोलॉजी इनोवेशन अवार्ड पाने वाला यह कैप्सूल वास्तव में मेडिकल साइंस के क्षेत्र में एक नए युग का सूत्रपात लाएगा(दीप्ति शर्मा, हिंदुस्तान,दिल्ली,11.1.11)।

3 टिप्‍पणियां:

  1. बेनामीजनवरी 13, 2011

    यह तो एक अच्छी खबर है!

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  2. बेनामीजनवरी 13, 2011

    बहुत ही उपयोगी जानकारी..!

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  3. @सुधीर जी,
    कृपया अपने ब्लॉग की प्रोफाइल दृश्यता सार्वजनिक करें। टिप्पणी के लिंक पर क्लिक करने से आपका ब्लॉग नहीं खुल पा रहा। धन्यवाद।

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