गुरुवार, 13 जनवरी 2011

एल्कलाइन फॉस्फेटेस

एल्केलाइन फॉस्फेटेस एक एंजाइम है जो कि खून में पाया जाता है और मुख्यत: लिवर और हड्डियों में बनता है। यह आंतों और किडनी में भी कम मात्रा में बनता है।

कब कराएं जांच
नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स के पेडिएट्रिक्स न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. जितेंद्र साहू के अनुसार जब भी आपको लिवर या हड्डियों से जुड़ी बीमारी का संदेह हो तो आप यह जांच अवश्य कराएं।

कैसे करें लिवर की बीमारियों की पहचान
जब आपको कमजोरी महसूस हो, भूख में कमी, उल्टियां, पीलिया, पेट में सूजन, स्टूल का रंग हल्का और पेशाब का गहरा नजर आए तो समझों कि आप लिवर की बीमारी से ग्रस्त हो सकते हैं।

कैसे करें हड्डियों से जुड़ी बीमारी की पहचान
जब आपको हड्डियों में दर्द महसूस हो, मामूली चोट से भी फैर्स हो रहे हों या हड्डियां तिरछी हो रही हों तो समझ जाएं कि आप हड्डियों से जुड़ी किसी समस्या से ग्रस्त हो सकते हैं।

कैसे देखें जांच रिपोर्ट
डॉ. साहू कहते हैं कि सामान्य लोगों में इसकी रीडिंग 40 से 150 इंटरनेशनल यूनिट प्रति लीटर होती है। यदि रीडिंग 150 से ज्यादा हो तो लिवर या हड्डियों से जुड़ी बीमारियां होने की संभावना होती है। लिवर की बीमारियां जैसे- वायरल हैपिटाइटिस, हिपैटिक कैंसर, पित्त की नलियों में रुकावट की संभावना हो सकती है। हड्डियों की बीमारियां जैसे- बच्चों में रिकेट्स, बड़ों में ऑस्टियोमलेशिया, पेजेट्स के खतरे हो सकते हैं।

जिंक की कमी या ब्लड ट्रांसफ्यूजन से इसकी रीडिंग 40 से कम हो सकती है। ऐसे बच्चों जो हड्डियों की बीमारी से ग्रस्त हैं और उनकी रीडिंग 40 से कम है तो हो सकता है कि वे हाइपोफॉस्फेटेसिया नामक आनुवांशिक बीमारी से ग्रस्त हैं।

नोटःस्वस्थ बढ़ते बच्चों में एल्केलाइन फॉस्फेट्स की रीडिंग 1000 तक भी हो सकती है। गर्भवती महिलाओं में भी इसकी रीडिंग अपेक्षाकृत ज्यादा हो सकती है।

कहां कराएं जांच
लगभग सभी सरकारी अस्पतालों यह जांच उपलब्ध है। लिवर फंक्शन पैनल के साथ यह जांच रूटीन में लिखी जाती है, जिसके अंतर्गत एएलटी, एएसपी, बिलिरूबिन, एएलपी जैसे जांच आते हैं। सरकारी अस्पतालों में यह मुफ्त और निजी अस्पतालों में भी लगभग 200 रुपये में करवाई जा सकती है(सुषमा कुमारी,हिंदुस्तान,दिल्ली,11.1.11)।

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