क्या आप भी मोटापे से परेशान हैं। इससे निजात पाने के लिए डायटिंग और योग के तमाम फार्मूले आजमा रहे हैं। शरीर तोड़ कसरत में पसीना अथवा बाजारू दवाओं पर रुपये बहा रहे हैं। तो अब इन पुराने टोटकों छोडि़ए। क्योंकि देश की सबसे पुरानी व सस्ती चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद इन तामझाम के बिना भी मोटापा दूर कर आपकी इकहरे शरीर की चाहत पूरी कर सकता है। आयुर्वेदीय शास्त्रोपलब्ध संदर्भो और चिकित्सकीय अनुभवों के आधार पर राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय हंडिया में 27 औषधियों से बनाए गए मेदोहर योग के शोध ने मोटापा घटाने में उत्साहजनक परिणाम दिए हैं। कमाल यह है कि इसमें बिना भूख कम किए ही मोटापा कम किया जा सकता है। साथ ही, वसा पर नियंत्रण रख यह महाऔषध मोटापे से होने वाली तमाम बीमारियों से भी निजात दिलवाती है। मेदोहर योग पर शोध कर रहे डॉ.जीएस तोमर और डॉ.आरके दुबे का दावा है कि इस महाऔषध के जरिए प्रतिमाह दो से तीन किलोग्राम वजन घटाया जा सकता है।
शोध के दौरान पिप्पली, पिप्पलामूल, चव्य, चित्रक, विडंग, मस्तक, कटकी, अर्जुन व पुष्करमूल, कांचनार, गुग्गलु, तेजपत्र,अरणी, विलायती और इमली आदि 27 औषधियों से निर्मित योग का चयन मेदो रोगियों में मेदोहर प्रभाव के चिकित्सकीय अध्ययन के लिए किया गया। शोध कार्य के लिए 35 मेदो रोगियों का चयन किया गया। औषधियों के प्रभाव के अध्ययन के लिए शास्त्रोक्त लक्षणों, शरीर के भार,बीएमआई, कटि एवं नितंब परिधि, बाइसेप्स-ट्राइसेप्स, स्किन फोल्ड थिकनेस और रक्तगत कोलेस्ट्राल को मुख्य आधार रखा गया। रोगियों को मेदोहर योग वटी के रूप में प्रतिदिन भोजन से 15 मिनट पूर्व सुबह व शाम दो माह तक दिया गया। इस दौरान रोगियों को पूर्ववत की तरह ही सामान्य आहार-विहार के लिए कहा गया। मेदोहर योग के प्रभाव का एक और दो माह की अवधि पर किया गया। दो माह के बाद रोगियों में मेदो रोग के लक्षणों में सांख्यिकी दृष्टि से महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिला।
शरीर भार में 4.8 प्रतिशत कमी, बीएमआई में 3.9 प्रतिशत, कटि एवं नितंब परिधि में क्रमश: 4.5 व 3.2 प्रतिशत की कमी आई। इसके अलावा बाइसेप्स व ट्राइसेप्स और स्किन फोल्ड थिकनेस में क्रमश: 10.7 व 9.4 प्रतिशत का सुधार सामने आया। रक्तगत कोलेस्ट्राल में भी 6.2 प्रतिशत की कमी आई। डॉ. तोमर के मुताबिक मेदोहर योग के इस्तेमाल से रोगियों में किसी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं पाया गया, जबकि बाजार में मोटापा घटाने के नाम पर बेची जा रहीं दवाओं से लोगों में यह समस्या होती है। दरअसल, इन कथित हर्बल दवाओं में केमिकल का भी प्रयोग किया जाता है जो भूख कम कर देती हैं(अमित पांडेय,दैनिक जागरण,इलाहाबाद,9.12.2010)।
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जवाब देंहटाएंBahut Khub
जवाब देंहटाएंअच्छा परिणाम लगता है ।
जवाब देंहटाएंजब डॉक्टर साहब ने प्रामाणिकता की मुहर लगा दी तो फिर हम तो साधारण व्यक्ति ठहरे. वैसे यह औषधि बड़े शहर की महिलाओं के लिए विशेष तौर पर लाभकारी सिद्ध होगी!
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