बल्लभगढ़ सिविल अस्पताल ने एक अनोखी योजना शुरू की है। इसके तहत घर में बेकार पड़ी दवाओं को आप फेंकने के बजाय डोनेट कर सकते हैं। दवाओं का सिर्फ एक्सपायरी डेट बची होनी चाहिए। इन दवाओं को गरीबों में बांटा जाएगा।
मदद है मकसद
इस योजना का मुख्य मकसद शहर के गरीब लोगों की मदद करना है, जो दवा खरीदने में समर्थ नहीं हैं। डोनेशन के जरिए आने वाली दवाओं को गरीब मरीजों को मुफ्त में दिया जाता है। इसके अलावा हर साल लाखों रुपयों की दवाओं को बेकार होने से बचाना और उन्हें फिर से यूज करना भी इस योजना का मकसद है। डोनेशन के लिए स्पेशल काउंटर बनाया गया है। एक सोशल वर्कर को यह काम सौंपा गया है। उन्हें डोनेट की जाने वाली दवाओं का ध्यान रखे और यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है कि दवाएं सीधे गरीब मरीजों के हाथों तक पहुंचे। दवा के अलावा यदि कोई पैसे भी डोनेट करना चाहता है, तो वह सिविल अस्पताल में ऐसा कर मरीजों का भला कर सकता है।
अनोखी योजना
शहर में अब तक इस तरह की योजना किसी अन्य अस्पताल ने शुरू नहीं की है। कई बार ऐसा होता है कि दवाइयां पूरी खत्म होने से पहले ही मरीज ठीक हो जाता है। ऐसे में इन दवाओं को फेंकने की बजाय डोनेट कर दिया जाए तो ये बर्बाद होने से बच जाएंगी और किसी जरूरतमंद के काम भी आ जाएंगी। अस्पताल के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि लोग दवा डोनेट करने के लिए आ रहे हैं। हालांकि इनकी संख्या अभी काफी कम है।
कोट
यह योजना गरीब मरीजों की मदद के लिए शुरू की गई है। डोनेट की गई दवाओं को गरीब मरीजों को दिया जाता है। डोनेट करने वाले को एक पर्ची काट कर दी जाती है। यदि दवाओं को फेंकने की बजाय डोनेट कर दिया जाए, तो इससे काफी पैसा खराब होने से बच सकता है-वाइ. के. गुप्ता, प्रवक्ता, एम्स (दिल्ली)(नवभारत टाइम्स,बल्लभगढ़,20.12.2010)
यह योजना गरीब मरीजों की मदद के लिए शुरू की गई है। डोनेट की गई दवाओं को गरीब मरीजों को दिया जाता है। डोनेट करने वाले को एक पर्ची काट कर दी जाती है। यदि दवाओं को फेंकने की बजाय डोनेट कर दिया जाए, तो इससे काफी पैसा खराब होने से बच सकता है-वाइ. के. गुप्ता, प्रवक्ता, एम्स (दिल्ली)(नवभारत टाइम्स,बल्लभगढ़,20.12.2010)
बड़ी अविस्मरनीय मुलाकात थी . सभी ब्लोगर मित्रो से मिलकर अपार खुशी हुई .आप सबका मिलना मेरे लिए सौभाग्य का विषय है , मुझे यह जानकर बड़ी ख़ुशी हुई कि ब्लोगर अब समाज हित की बात सोंच रहे है . हमारे समाज में ब्याप्त बुराइयों ,कुरीतियों के अलावा संसकृति में आई नई विकृति की ओर ध्यान आकर्षित करने का ऐतिहासिक निर्णय देश के नव-निर्माण में मिल का पत्थर साबित होगा . धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रयास....
जवाब देंहटाएं