रविवार, 12 दिसंबर 2010

ब्रह्मचर्य की शक्ति बढ़ती है "गुप्तासन" से

ब्रह्मचर्य का पालन करना अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है परंतु आजकल की दिनचर्या में यह कार्य काफी मुश्किल हो गया है। ब्रह्मचर्य के पालन के लिए गुप्तासन करें, इससे कुछ ही दिनों में ब्रह्मचर्य शक्ति विकसित हो जाती है।

गुप्तासन की विधि
सुखासन यानि सामान्य आसन में बैठ जाएं, जैसे हम आलथी-पालथी मारकर बैठते हैं। अब बाएं पैर की एड़ी को सिवनी नाड़ी से लगाएं एवं दबाएं। दाहिने पैर की अंगुलियों को बाएं पैर की जांघों और पिंडलियों के बीच फंसाएं। सांस की क्रिया सामान्य रखें। बिना किसी चिंता, विचार के ऐसे ही कुछ क्षण बैठे रहें। मन शांत एवं स्थिर रखें।

गुप्तासन के लाभ
इस आसन से शरीर को आंतरिक शक्ति मिलती है। चेहरा और त्वचा पर चमक आती है। आंखों की रोशनी बढ़ती है और बीमारियां की रोकथाम होती है। स्वप्नदोष, काम विकार शांत होते हैं। ब्रह्मचर्य शक्ति बढ़ती है। पूरे शरीर के कई विकार नष्ट होते हैं(दैनिक भास्कर,उज्जैन,11.12.2010)।

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