शुक्रवार, 3 दिसंबर 2010

बच्चों के लिए उपयोगी आसन

बच्चों को छोटी उम्र से सेहत के प्रति सचेत करना जरूरी है। ऐसे में उन्हें योगा सिखाएं। दरअसल, बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए कुछ खास आसन बताए गए हैं। इसलिए बच्चों को इनका नियमित अभ्यास करवाएं-

धनुरासन
पेट के बल उलटे लेट जाएं। अब पैरों को घुटनों से मोड़कर हाथों को पीछे ले जाते हुए पैरों के टखने पकड़ लें। सांस भरते हुए आगे से सिर और छाती ऊपर की ओर उठाएं और पैरों को पीछे की ओर खींचते हुए घुटनों और जंघाओं को भी ऊपर उठा लें। यहां पूरा शरीर खिंचा हुआ रहेगा और कमर मुड़कर धनुष की आकृति बना लेगी। सांस सामान्य रखते हुए इस अवस्था में यथाशक्ति रुके रहें और फिर वापस आ जाएं।

पश्चिमोत्तासन
सीधे बैठकर दोनों पैरों को सामने की ओर निकालकर मिला लें। अब हाथों को घुटनों पर रखें और सांस भरते हुए हाथों को ऊपर की ओर उठाएं और सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और हाथों से पैरों के अंगूठों को पकड़ लें। अब माथे को घुटनों पर लगा दें। यहां कमर पूरी आगे की ओर झुक जाएगी। सांस की गति को सामान्य रखते हुए यथाशक्ति रुके रहें और फिर धीरे-से वापस आ जाएं।

त्रिकोणासन
सीधे खड़े होकर हाथ व पैर खोल लें। अब धीरे-धीरे झुकते हुए सीधे हाथ से उलटे पैर को छुएं और दूसरा हाथ ऊपर की ओर ले जाएं। इस पोजिशन में रुककर ऊपर की ओर देखने की कोशिश करें। इस दौरान नॉर्मल गति से सांस लें। यथाशक्ति इस पोजिशन में रुकें और फिर धीरे-धीरे वापस लौट आएं। इसी प्रकार दूसरी ओर से भी करें।

ताड़ासन
सीधे खड़े हो जाएं। अब धीरे-धीरे सांस भरते हुए दोनों हाथों को छाती के सामने लाएं और सीधे हाथ से दाहिने हाथ को पकड़ लें। अब पंजों पर भार डालते हुए शरीर को ऊपर की ओर खींचे और हाथ भी सिर के ऊपर ले जाने की कोशिश करें। सांस को रोककर जितना हो सके, हाथों और शरीर को ऊपर खींचे। इस दौरान बैलंस बिगड़ना नहीं चाहिए। अब सांस छोड़कर वापस आ जाएं। इस प्रक्रिया को आठ-दस बार दोहराएं।

तानासन
शवासन में लेट जाएं। गहरी सांस लेते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं और सीधे हाथ से दाहिने को पकड़ लें। अब जोर लगाते हुए हाथों और शरीर को ऊपर खींचे। अब सांस छोड़ते हुए वापस आ जाएं। इस प्रक्रिया को आठ से दस बार करें।

लाभ
ये आसन बच्चों के शरीर को लचीला बनाते हैं और उनमें सुस्ती नहीं आने देते। इनसे तमाम अंगों व तन्त्रों को बल मिलता है। इनसे कब्ज नहीं होती और बच्चों को खुलकर भूख लगती है। साथ ही ये आसन बच्चों की लंबाई बढ़ाने में भी लाभकारी हैं(नवभारत टाइम्स,25 अक्टूबर,2008)।

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