ब्लॉगिंग ने हममें से कईयों की नींद हराम कर रखी है। ज़रूरी काम जैसे-तैसे निपटाया और फिर मौका मिलते ही ब्लॉगिंग चालू। इस ओर अभी ध्यान कम दिया जा रहा है,मगर यह सच है कि अधिकतर लोगों में ब्लॉगिंग की लत वही रूप लेती जा रही है जो टीवी पर कार्टून देखने के प्रति बच्चों में होती है और जिसे छुड़ाने के लिए बड़े-बड़े लेख छपते रहते हैं। ब्लॉगिंग आपसे कुछ नहीं लेता-सिवाए समय के। और सबसे क़ीमती है समय। ज़ाहिर है,इस आदत का असर न सिर्फ व्यक्ति के स्वास्थ्य और सामाजिकता पर बल्कि उसके दाम्पत्य जीवन और परिवार में अंतर्संबंधों पर भी परोक्ष रूप से पड़ता होगा। सूरमा ब्लॉगरों के लिए,आज नई दुनिया में शशि सिंघल का एक आलेख ब्लॉगिंग से पैदा तनाव को कम करने के गुर बता रहा हैः
"कहते हैं टेंशन लेने की नहीं देने की चीज है । यह जानते हुए भी आज कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसकी जिंदगी में टेंशन ने डेरा न जमा रखा हो । यदि यह कहें कि हर दस व्यक्ति में से नौ व्यक्ति टेंशन की गिरफ्त में हैं तो गलत न होगा। आज तनाव (टेंशन ) लोगों के जीवन का सबसे बड़ा शत्रु बनकर सामने आ गया है । आज हालात यह है कि एक टेंशन खत्म नहीं होती दूसरी पांव पसार लेती है । औरों की तो क्या कहें अब आप ही जहां काम कर रहे हैं वहां हर दिन टेंशन । कभी काम की तो कभी समय से घर पर पहुंचने की । कभी बॉस से डांट की तो कभी बाहर जाने की। अब हिन्दी ब्लॉगिंग को ही ले लीजिए । इसने हमारी इस टेंशन को काफी हद तक दूर करने की कोशिश की है। फिर भी टेंशन है कि जाने का नाम ही नहीं लेती । अब देखो न ब्लॉग पर अपनी बात या आलेख लिखकर हमें इंतजार रहता है कि कितने लोग हमारे ब्लॉग पर आए और अपनी टिप्पणी कर टिपियाये है । हमें इस बात की टेंशन रहती है कि क्या कुछ करें जिससे हमारे ब्लॉग पर टिपियाने वालो की संख्या दो, चार , सात, पंद्रह, पचास नहीं सैकड़ो में पहुंचे । भले ही यहां हम कमाई की टेंशन नहीं करते मगर टेंशन रहती है ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपना ब्लॉग पहुंचाने की । कहने का मतलब है टेंशन रूपी शत्रु से हमें किसी अन्य के सहारे की नहीं वरन स्वयं अपने को संभालने और नियंत्रित करने की आवश्यकता है । जीवन के सुचारू संचालन के लिए तनाव मुक्त ( टेंशन फ्री ) होना जरूरी है । आप कहेंगे कि ऐसा हम क्या करें जो हम तनाव से मुक्त रहें । आखिर कौन नहीं चाहता तनाव से मुक्त रहना । तो आइए यहां हम कुछ टिप्स दे रहें है जो आपको टेंशन फ्री होने में सहायक रहेंगे -
* टेंशन के पलों में लंबी व धीमी सांस लें । सांस को कुछ क्षणों के लिए सीने में रोके रहें और फिर धीमी गति से बाहर छोड़े । इस प्रक्रिया को करने में नाक का प्रयोग करें।
* खुला ठहाका मारें जो बड़े से बड़े तनाव को कम करता है ।
* रोजमर्रा के काम से निपटने के बाद ठंडा जल या फलों का रस पीएं । इसके बाद दस मिनट तक किसी शांत स्थान पर आंखें मूंदकर बैठें ।
* तनाव से निपटने के लिए खुद से बातें करें । जब किसी भी समस्या पर आप अपने से बात करते हैं तो आपके दिमाग में एक से बढकर एक सुझाव आएंगे और इससे आपको संतुष्टि मिलेगी । भले ही इससे समस्या का समाधान न हो सके मगर आप उस समस्या में घिरने से बच जाएंगे।
* धीमा व मधुर संगीत तनाव को दूर करने का अच्छा साधन है । अपनी पसंद के गाने, गजलें व भक्ति संगीत सुनना चाहिए । संगीत एक सी अचूक दवा है जो तनाव के साथ अन्य व्याधियों को भी दूर भगाता है।
* व्यायाम भी तनाव को दूर करता है । व्यायाम व सैर करना स्वास्थ्य , मस्तिष्क के लिए भी लाभदायक है। कामकाज की भागमभाग के बीच अपने लिए थोड़ा सा समय निकालना बहुत जरूरी है । यह समय बिलकुल खाली हो। इस दौरान आपको कुछ नहीं करना है । बस इसका उपयोग अपने व्यक्तित्व के निखार व अपनी रुचियों को बढ़ाने में करें।
* टेंशन में घिरने पर कोशिश करें कि जो विषय आपकी टेंशन का कारण है उसे जेहन से निकालकर किसी अन्य विषय पर ध्यान केंद्रित करें ।
* अगर किसी भी तरह तनाव से बाहर न आ पाएं तो कोशिश करें कि अपने दोस्तों के साथ लॉन्ग ड्राइव पर निकल जाएं । यदि यह संभव न हो तो दोस्तों से फोन पर ही गपशप कर अपना मूड फ्रेश करें ।
* विशेषकर हिन्दी ब्लॉगर उक्त सभी बातों पर ध्यान देते हुए यह भी ध्यान दें कि वे ब्लॉग पर पोस्ट लिखते रहें, टिपियाने वालों की संख्या पर ध्यान न दें। क्योंकि जरूरी नहीं कि जिसने आपकी पोस्ट पढ़ी है वह टिपियाए भी । धैर्य रखें व शांत मन से काम लें।"
"कहते हैं टेंशन लेने की नहीं देने की चीज है । यह जानते हुए भी आज कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसकी जिंदगी में टेंशन ने डेरा न जमा रखा हो । यदि यह कहें कि हर दस व्यक्ति में से नौ व्यक्ति टेंशन की गिरफ्त में हैं तो गलत न होगा। आज तनाव (टेंशन ) लोगों के जीवन का सबसे बड़ा शत्रु बनकर सामने आ गया है । आज हालात यह है कि एक टेंशन खत्म नहीं होती दूसरी पांव पसार लेती है । औरों की तो क्या कहें अब आप ही जहां काम कर रहे हैं वहां हर दिन टेंशन । कभी काम की तो कभी समय से घर पर पहुंचने की । कभी बॉस से डांट की तो कभी बाहर जाने की। अब हिन्दी ब्लॉगिंग को ही ले लीजिए । इसने हमारी इस टेंशन को काफी हद तक दूर करने की कोशिश की है। फिर भी टेंशन है कि जाने का नाम ही नहीं लेती । अब देखो न ब्लॉग पर अपनी बात या आलेख लिखकर हमें इंतजार रहता है कि कितने लोग हमारे ब्लॉग पर आए और अपनी टिप्पणी कर टिपियाये है । हमें इस बात की टेंशन रहती है कि क्या कुछ करें जिससे हमारे ब्लॉग पर टिपियाने वालो की संख्या दो, चार , सात, पंद्रह, पचास नहीं सैकड़ो में पहुंचे । भले ही यहां हम कमाई की टेंशन नहीं करते मगर टेंशन रहती है ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपना ब्लॉग पहुंचाने की । कहने का मतलब है टेंशन रूपी शत्रु से हमें किसी अन्य के सहारे की नहीं वरन स्वयं अपने को संभालने और नियंत्रित करने की आवश्यकता है । जीवन के सुचारू संचालन के लिए तनाव मुक्त ( टेंशन फ्री ) होना जरूरी है । आप कहेंगे कि ऐसा हम क्या करें जो हम तनाव से मुक्त रहें । आखिर कौन नहीं चाहता तनाव से मुक्त रहना । तो आइए यहां हम कुछ टिप्स दे रहें है जो आपको टेंशन फ्री होने में सहायक रहेंगे -
* टेंशन के पलों में लंबी व धीमी सांस लें । सांस को कुछ क्षणों के लिए सीने में रोके रहें और फिर धीमी गति से बाहर छोड़े । इस प्रक्रिया को करने में नाक का प्रयोग करें।
* खुला ठहाका मारें जो बड़े से बड़े तनाव को कम करता है ।
* रोजमर्रा के काम से निपटने के बाद ठंडा जल या फलों का रस पीएं । इसके बाद दस मिनट तक किसी शांत स्थान पर आंखें मूंदकर बैठें ।
* तनाव से निपटने के लिए खुद से बातें करें । जब किसी भी समस्या पर आप अपने से बात करते हैं तो आपके दिमाग में एक से बढकर एक सुझाव आएंगे और इससे आपको संतुष्टि मिलेगी । भले ही इससे समस्या का समाधान न हो सके मगर आप उस समस्या में घिरने से बच जाएंगे।
* धीमा व मधुर संगीत तनाव को दूर करने का अच्छा साधन है । अपनी पसंद के गाने, गजलें व भक्ति संगीत सुनना चाहिए । संगीत एक सी अचूक दवा है जो तनाव के साथ अन्य व्याधियों को भी दूर भगाता है।
* व्यायाम भी तनाव को दूर करता है । व्यायाम व सैर करना स्वास्थ्य , मस्तिष्क के लिए भी लाभदायक है। कामकाज की भागमभाग के बीच अपने लिए थोड़ा सा समय निकालना बहुत जरूरी है । यह समय बिलकुल खाली हो। इस दौरान आपको कुछ नहीं करना है । बस इसका उपयोग अपने व्यक्तित्व के निखार व अपनी रुचियों को बढ़ाने में करें।
* टेंशन में घिरने पर कोशिश करें कि जो विषय आपकी टेंशन का कारण है उसे जेहन से निकालकर किसी अन्य विषय पर ध्यान केंद्रित करें ।
* अगर किसी भी तरह तनाव से बाहर न आ पाएं तो कोशिश करें कि अपने दोस्तों के साथ लॉन्ग ड्राइव पर निकल जाएं । यदि यह संभव न हो तो दोस्तों से फोन पर ही गपशप कर अपना मूड फ्रेश करें ।
* विशेषकर हिन्दी ब्लॉगर उक्त सभी बातों पर ध्यान देते हुए यह भी ध्यान दें कि वे ब्लॉग पर पोस्ट लिखते रहें, टिपियाने वालों की संख्या पर ध्यान न दें। क्योंकि जरूरी नहीं कि जिसने आपकी पोस्ट पढ़ी है वह टिपियाए भी । धैर्य रखें व शांत मन से काम लें।"
"टेंशन में घिरने पर कोशिश करें कि जो विषय आपकी टेंशन का कारण है उसे जेहन से निकालकर किसी अन्य विषय पर ध्यान केंद्रित करें ।"
जवाब देंहटाएंइसका मतलब तो ये हुआ कि अब हमें ब्लागिंग छोड ही देनी चाहिए :)
han yeh jankari to zaroor kaam aane wali hai :)
जवाब देंहटाएंअगर ज्यादा टेंशन हो तो उसे दुसरे को दे दें....इससे भी कमीने दिल को काफी सुकुन मिलता है।...
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