अगले दो तीन महीने बाद बीमा कंपनियां आयुर्वेदिक इलाज का भी खर्च भरेंगी। इस बार दीपावली में आयुर्वेद के देवता धन्वंतरि की पूजा के मौके पर इस पद्धति के भविष्य को लेकर यह एक बहुत बड़ी खबर है।
बुधवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान महासम्मेलन द्वारा मनाई गई धन्वंतरि जयंती में केंद्र सरकार के आयुष विभाग में कार्यरत आयुर्वेद सलाहकार डॉ. एस. शर्मा ने यह जानकारी देकर पूरे देश से आए वैद्यों को खुश कर दिया।
इसके पहले महासम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. देवेंद्र त्रिगुणा ने राष्ट्रपति भवन जाकर राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को अमृत कलश भेंट किया।
डॉ. शर्मा ने समारोह में जानकारी दी कि दो-तीन महीने के अंदर बीमा कंपनियां आयुर्वेद को भी अपना लेंगी। आयुष ने पिछले दिनों मुंबई में राष्ट्रीय बीमा निगम के सामने आयुर्वेद से लकवा, माइग्रेन, मोटापा, फिस्टुला जैसे उन बीस रोगों का ब्यौरा पेश किया जिसका एलोपैथी में इलाज ही नहीं है। निगम आयुर्वेद के इलाज का खर्च वहन करने पर लगभग राजी हो गया है।
वैद्य देवेंद्र त्रिगुणा की अध्यक्षता में हुए समारोह में दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष एवं पूर्व स्वास्थ्य मंत्री योगानंद शास्त्री एवं केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय माकन भी शामिल हुए। माकन ने पेटेंट के माध्यम से देश की आयुर्वेदिक दवा विधियों को विदेशियों द्वारा हड़पने की कोशिशों को नाकाम करने का आह्वान किया। वहीं खुद भी आयुर्वेद के ज्ञाता योगानंद शास्त्री ने कहा कि असाध्य से असाध्य बीमारी का इलाज भी आयुर्वेद में है। वैद्य देवेंद्र त्रिगुणा ने इस मौके पर कहा कि दिल्ली में एम्स की तर्ज पर इस साल अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान का शुरू होना आयुर्वेद के स्वर्णिम भविष्य का आगाज है(नई दुनिया,दिल्ली,4.11.2010)।
शुभ समाचार दिया आपने ।
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