गुरुवार, 4 नवंबर 2010

सर्दियों में त्वचा की देखभाल

बारिश के बीतने और सर्दियाँ आने के बीच तेज धूप का मौसम रहता है। खुश्की का मौसम शुरू होते ही त्वचा की नमी सूखने लगती है। नमी त्वचा का रक्षा कवच होती है जिसके नहीं रहने से कई समस्याएँ खड़ी होने लगती हैं। खुश्क त्वचा को ठीक होने में वक्त लगता है। मौसम की मार से बचने के लिए पहले से तैयारी रखना बहुत जरूरी है।
जैसे ही बारिश बीतती है सूरज की तीखी किरणें त्वचा पर सीधा वार करती हैं। चूँकि बारिश शुरू होते ही सनटैन लोशन ड्रेसिंग टेबलों से गायब हो जाते हैं इसलिए यह तय करने में वक्त लग जाता है कि तीखी धूप से कैसे बचें। किसी क्रीम या लोशन की शरण में आने तक अल्ट्रावॉयलेट किरणें त्वचा पर अपना असर छोड़ चुकी होती हैं। दरअसल, धूप त्वचा की सेहत का सबसे अधिक नुकसान करती है इसलिए किसी भी मौसम में तेज धूप से बचना त्वचा के लिए फायदेमंद होता है। खासतौर पर सुबह ११ से शाम ५ बजे तक की धूप का सामना करना हो तो सनटैन लोशन (२५-४० एसपीएफ) का रक्षा कवच जरूर लगा होना चाहिए। शरीर की त्वचा आती सर्दियों का सामना करने के लिए तैयार रहे इसके लिए समय रहते देखभाल करना ठीक होता है,क्योंकि शॉलों और स्वेटरों की कई तहों के नीचे छुपी त्वचा कई तरह से नजरअंदाज कर दी जाती है। हम में से अधिकांश यह मानते हैं कि सर्दियों में त्वचा की देखभाल की उतनी जरूरत नहीं जितनी गर्मियों के मौसम में होती है। यह सच नहीं है, क्योंकि इस मौसम में भी अल्ट्रावॉयलेट किरणें उतनी ही तीव्रता से हमला करती हैं इसलिए धूप में निकलने से ३० मिनट पहले २५-४० एसपीएफ का सन प्रोटेक्शन लोशन जरूर लगा लें। इस मौसम में हिन्दुओं के बड़े तीज-त्योहार आते हैं इसलिए सभी अपने सर्वश्रेष्ठ रूप में सबके सामने दिखाई देना चाहते हैं। कुछ टिप्सः *नहाने से पहले पानी में एप्सोम साल्ट (मैग्नीशियम सल्फेट) मिला लें। इसे "खस-खस नमक" भी कहा जाता है। यह आसानी से किसी मेडिकल स्टोर पर मिल जाता है। इससे त्वचा साफ करने में मदद मिलती है। *सर्दियों में नहाने के बाद कभी शरीर पर बॉडी क्रीम लगाकर देखिए। आपको महसूस होगा कि त्वचा कितनी तेजी से इसे सोख रही है। यही वजह है कि सर्दियों में नहाने से पहले तेल मालिश की सलाह दी जाती है। आधुनिक युग में तेल मालिश दूर की बात है। आप तो जल्दी से अच्छा बॉडी ऑइल लगाइए और नहा लीजिए। इसके बाद आपको रगड़कर नहीं पोंछना है। याद रखिए कि टॉवेल से थपथपाकर शरीर सुखाना है। रगड़कर पोछेंगी तो त्वचा की नमी और प्राकृतिक तेल दोनों बाहर निकल जाएँगे। शरीर पर रह गई हल्की-सी नमी की मदद से तेल या लोशन त्वचा में जज्ब हो जाएँगे। बचाव के लिए क्या करें- *शहरी जीवन का तनाव और लगातार बदलता हुआ वातावरण शरीर की ऊर्जा सोख लेता है। प्रदूषण और धूल त्वचा की दुश्मन हैं। कामकाजी महिलाएँ घर के बने हुए सौंदर्य उत्पादों की "लक्जरी" का आनंद नहीं ले सकतीं। उनके लिए दौड़ते हुए ब्यूटी पॉर्लर तक जाना और रात को सोने से पहले कोई क्रीम लगा लेने का विकल्प ही शेष रह जाता है। सोने से पहले नाइट क्रीम जरूर लगाएँ, साथ ही पूरे शरीर के स्वास्थ्य पर भी ध्यान दें। आंतरिक स्वास्थ ठीक नहीं रहने पर त्वचा की ऊपरी देखभाल अर्थहीन है। *सर्दियों में शरीर से मृत त्वचा को हटाना अच्छा होता है। इसके लिए नायलॉन का अच्छा लूफा ले लें या बादिंग स्क्रब खरीद लें। बॉडी ऑइल में थोड़ी-सी शकर अथवा नमक मिला लें। इसमें दो- तीन बूँदें इसेंशियल ऑइल की मिला लें। इसे हल्के-से थपथपाते हुए लगा लें। स्क्रबर अथवा लूफा से गोल-गोल घुमाते हुए रगड़कर मैल साफ कर लें। घुटनों, कोहनियों और एड़ियों पर विशेष ध्यान दें। याद रखिए कि इस दौरान शॉवर चालू रहे। *सर्दियों के मौसम की सबसे बड़ी समस्या है वातावरण का कम तापमान। इस मौसम में गर्म पानी से नहाए बगैर नहीं काम नहीं चलता। त्वचा की समस्याओं की जड़ यहीं छिपी है। गर्म पानी की बूँदें त्वचा की सतह को नुकसान पहुँचाती हैं। कोशिश करके देखिए हल्के कुनकुने पानी से किया हुआ स्नान अधिक तरो-ताजगी देगा। ठंड के मौसम में शरीर का तापमान बढ़ाने के लिए हमें बहुत सारी ऊर्जा की जरूरत होती है। इसके लिए ढेर सारे तरल पेय लिए जा सकते हैं। चॉकलेट, मसाला चाय, कॉफी सभी आपको ऊर्जा प्रदान करते हैं(डॉ. अप्रतिम गोयल,सेहत,नई दुनिया,22 अक्टूबर,2010)।

3 टिप्‍पणियां:

  1. ये तो आपने मेरे काम की बात बता दी.. मेरी त्वचा सर्दियों में इतनी रूखी हो जाती है कि दिन भर खिंचाव सा महसूस होता रहता है. कोई भी क्रीम आधे एक घण्टे में बेअसर हो जाती है!

    जवाब देंहटाएं
  2. यहाँ बहुत उपयोगी जानकारी मिली |बहुत बहुत आभार |
    आशा

    जवाब देंहटाएं

एक से अधिक ब्लॉगों के स्वामी कृपया अपनी नई पोस्ट का लिंक छोड़ें।