शनिवार, 6 नवंबर 2010

मधुमेह का आर्थिक समीकरण

मधुमेह पूरे परिवार पर भारी पड़ता है। शरीर को इस बीमारी से होने वाली क्षति को ठीक कराने के चक्कर में परिवारों की कमर टूट जाती है। कई बार मरीज अर्थाभाव के चलते इलाज से ही किनारा कर लेते हैं और असमय बिस्तर पकड़ लेते हैं। वर्तमान में भारत न सिर्फ डायबिटीज की राजधानी है, वरन विश्व का हर ७वाँ डायबिटीज पीड़ित व्यक्ति भारतीय है। डायबिटीज में व्यक्ति के रक्त में सिर्फ शकर अथवा ग्लूकोज की मात्रा ही नहीं बढ़ती है बल्कि प्रोटीन एवं वसा में भी बहुत बदलाव आते हैं। इस बदलाव की वजह से शरीर में गंभीर समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जो उचित इलाज एवं मार्गदर्शन के अभाव में मस्तिष्क से लेकर पैर के नाखून तक अपना दुष्प्रभाव डालती है। डायबिटीज के हमारे शरीर पर दुष्प्रभाव से पूर्णतः बचा जा सकता है परन्तु उचित इलाज़ के अभाव में यदि हमारे शरीर में डायबिटीज के दुष्प्रभाव हो जाएं तो वर्तमान में उपलब्ध इलाज़ द्वारा उन्हें पूर्णतः ठीक करना नामुमकिन है। डायबिटीज का उचित इलाज़ न होने पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं। विशेषज्ञ द्वारा डायबिटीज के इलाज़ का प्रतिमाह खर्च लगभग 1500 से 2000 रूपए होता है। उचित इलाज़ एवं मार्गदर्शन द्वारा डायबिटीज रोगी भी स्वस्थ एवं सामान्य जीवन जी सकता है। ज़रूरत है तो सिर्फ सही दिशा में क़दम बढ़ाने की। डायबिटीज में होने वाले गंभीर परिणाम एवं इलाज में होने वाले संभावित खर्चः १. हृदयाघात (हार्टअटैक) बायपास सर्जरी अथवा एंजियोप्लास्टी लगभग- २ लाख रु.। २. लकवा (पैरालिसिस) जीवनपर्यंत दूसरे पर निर्भरता, लगभग- १५,००० हजार रु. प्रतिमाह ३. गुर्दे खराब होना जीवनपर्यंत डायलिसिस, (डायबिटिक नेफ्रोपैथी)-२०-२५ हजार रु. प्रतिमाह ४. डायबिटिक रेटिनोपैथी/ग्लूकोमा पूर्णतः अथवा आंशिक अंधत्व संभावित खर्च ३०-३५ हजार रु.। ५. डायबिटिक न्यूरोपैथी (तंत्रिका रोग) प्रतिमाह खर्च- ५-१० हजार रु.। ६. डायबिटिक फुट/गैंगरिन पैर काटने का कारण, स्थायी अपंगता इलाज का खर्च १ लाख रु.। ७. पेट संबंधित परेशानी डायबिटिक गैस्ट्रोपैथी एवं डायरिया ५-७ हजार रु. माह। (एम्स के मधुमेह, थायराइड, बाँझपन एवं हारमोंस विशेषज्ञ डॉ. अजय गुप्ता का यह आलेख नई दुनिया के सेहत परिशिष्ट में 22 अक्टूबर को प्रकाशित हुआ है)

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