शनिवार, 6 नवंबर 2010

नपुंसकता

हमारे देश में लगभग 11 करोड दंपत्ति संतान सुख से वंचित हैं और इनमें से 40 प्रतिशत मामलों में पुरूष की कमियों के कारण बच्चा नहीं हुआ। विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार देश में 4 करोड पुरूषों के नपुंसक होने का अनुमान है। लेकिन पुरूष संकोच और शर्म के कारण इलाज नहीं कराते और सारा दोष अपनी पत्नियों पर मढ देते हैं। लेकिन यह जरूरी नहीं की जो पुरूष बांझ हो वह नपुंसक हो। किसी पुरूष का बांझ होना और नपुंसक होना दोनों अलग बातें हैं। संभोग न कर पाना नपुंसकता कहलाता है। लेकिन संभोग करने की शक्ति होते हुए भी स्त्री को गर्भवती न कर पाना बांझपन कहलाता है।
पुरूषों में नपुंसकता कई कारणों से हो सकती है। पुरूषों में बांझपन का सबसे बडा कारण वीर्य दोष पाया जाना होता है। शुक्राणु कमजोर होने की वजह से पुरूष स्त्री को गर्भवती नहीं कर पाता। जबकि स्वस्थ पुरूष के वीर्य की 15 बूंदों में 7 करोड से ज्यादा शुक्राणु होते हैं। लेकिन इनमे से अधिकांश शुक्राणुओं का सक्रिय और स्वस्थ होना आवश्यक है। यदि अधिकांश शुक्राणु अस्वस्थ और निष्क्रिय होंगे तो गर्भधारण नहीं हो पाएगा। वीर्य दोष के कई कारण हो सकते हैं। जैसे आहारविहार, चोट, मानसिक परेशानी, गलसुआ, बेरिकोसील और एक्सरे के दुष्प्रभाव की वजह से पुरूष का वीर्य दूषित हो जाता है और उसमें प्रजनन करने की क्षमता नहीं रहती। कई बार शुक्राणुओं का निमार्ण तो निरंतर होता रहता है लेकिन वे वीर्य में अनुपस्थित पाएं जाते हैं। नपुंसकता: पुरूषों में बांझपन का एक कारण नपुंसक होना भी हो सकता है। यदि पुरूष की शारीरिक संरचना में कोई जन्मजात विकार हो तो वह संबंध बनाने में विफल रहता है। कई बार समय पर पुरूष का अंग उत्तेजित नहीं हो पाता, इस वजह से भी व्यक्ति संभोग नहीं कर पाता। और कई बार व्यक्तियों में शीघ्रपतन जैसी समस्याएं भी देखने को मिलती है। शीघ्रपतन भी बांझपन का एक कारण होता है। शीघ्रपतन होने के कारण शुक्राणुओं और अंडाणुओं का संपर्क नहीं हो पाता। तनाव: तंबाकू और सिगरेट के अत्यधिक सेवन से भी शुक्राणुओं की बनावट और संख्या पर दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं। पुरूष जननेंद्रिय को गरम कर देने वाले वातावरण में काम करने से पुरूषों में बांझपन हो सकता है। इसी कारण से कारखानों, भटि्टयों, जहरीले रसायन और एक्सरे जैसी किरणों वाले माहौल में काम करने वाले पुरूषों में बांझपन के खतरा ज्यादा होता है। अत्यधिक तनाव में रहने वाले पुरूष शारीरिक क्षमताओं के होने के बाद भी बेमेल मानसिक दशाओं के कारण प्रजनन नहीं कर पाते। चिकित्सकों के अनुसार यदि तनावग्रस्त पुरूष और महिला को एक माह के लिए घर से दूर खुशनुमा माहौल में रखा जाए तो उन्हें संतान सुख प्राप्त हो सकता है। स्वस्थ मन और तन: सफल संभोग के लिए शरीर एवं मन दोनों से व्यक्ति का प्रसन्न और स्वस्थ रहना जरूरी है। संभोग करते वक्त पूर्ण आत्मविश्वास के साथ संबंध बनाने चाहिए। संभोग करते वक्त स्त्री और पुरूष दोनों को सारी चिंताएं छोड भयरहित माहौल में संबंध बनाने चाहिए। मधुमेह से भी पुरूषों में बांझपन आ सकता है। इसी प्रकार थायराइड जैसी बीमारी भी पुरूषों में बांझपन का कारण हो सकती है। जन्मजात शारीरिक नपुंसकता के लिए पुरूषौं को किसी कुशल चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। आजकल ऑपरेशनों के जरिए जन्मजात विकृतियों को ठीक किया जा सकता है। यदि आप में कोई कमजारी है तो किसी अनुभवी एवं कुशल चिकित्सक की सलाह लें। किसी नीम-हकीम के चक्कर में ना पडें(ख़ास ख़बर,16 सितम्बर,2010)।

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