सोमवार, 18 अक्तूबर 2010

एड्स चिकित्सा केंद्रों में मिलेगी बीड़ी-सिगरेट से मुक्ति

सुनकर थोड़ा अटपटा लग सकता है, पर यह सच होने वाला है। बहुत जल्द बीड़ी सिगरेट जैसे बुरी आदतों का उपचार एड्स चिकित्सा केंद्रों (एआरटी सेंटर) में शुरू होने वाला है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि देश के सभी एआरटी सेंटरों में तंबाकू रोकथाम अभियान को शामिल करने का खाका तैयार कर लिया गया है। सूत्रों का कहना है कि तंबाकू रोकथाम के इस नए अभियान के लिए देश में मौजूद सभी एआरटी सेंटरों में तैनात डाक्टरों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस वक्त पूरे देश में करीब 369 एआरटी सेंटर में एचआईवी एड्स की रोकथाम और उपचार की सुविधा उपलब्ध है। इन सभी केंद्रों के लिए सरकार और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की ओर से करोड़ों रुपए आवंटित किए जाते हैं। पर उपचार के नाम पर किसी भी केंद्र में नाम मात्र के ही मरीज पहुंच रहे हैं। ऐसे में संसाधनों का सौ फीसदी उपयोग नहीं हो पा रहा है। अधिकारी का कहना है कि इन सभी एआरटी सेंटरों में धूम्रपान रोकने संबंधी योजना भी शुरू कर दी जाए तो इन केंद्रों में काम भी पूरा रहेगा और संसाधनों का सही इस्तेमाल भी हो सकेगा। एक अन्य अधिकारी का कहना है कि धूम्रपान छुडाने के अभियान को एआरटी सेंटरों से जोड़ने पर एड्स के मरीजों की भी संख्या केंद्रों में बढ़ेगी। अधिकारी का तर्क है कि ज्यादातर एचआईवी एड्स के मरीज एआरटी सेंटरों में उपचार कराने या जांच कराने के लिए जाने से हिचकते हैं क्योंकि उन्हे अन्य लोगों द्वारा देख लेने का डर बना रहता है। यदि इस केंद्र में तंबाकू रोकथाम भी जुड़ जाता है तो ज्यादातर लोग बेहिचक अपनी जांच या इलाज कराने के लिए एआरटी सेंटरों में आएंगे(प्रदीप सुरीन,दैनिक भास्कर,दिल्ली,18.10.2010)।

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