आजकल बड़ों के साथ ही तुम यानी कि हमारे स्मार्ट और स्टाइलिश दोस्त भी सेहत और स्टाइल को लेकर बहुत ही कॉन्शस हो गए हैं। युवाओं की देखा-देखी बच्चों में भी सेहत बनाने और स्मार्ट दिखने का ट्रैंड काफी जोर पकड़ रहा है और इसमें उनके घरवाले भी पूरी हेल्प कर रहे हैं। बच्चों में आ रहे सेहत बनाने के इस नए ट्रैंड में कौन सी चीजें ज्यादा कारगर और फेमस हो रही हैं, पेश है विजय मिश्र की रिपोर्टः
बच्चों में हेल्थ को लेकर ज्यादा जागरूकता आयी है, इसमें कोई दो राय नहीं और इसमें बहुत बड़ा योगदान टीवी पर आने वाले बच्चों के कार्यक्रमों का भी रहा है। एक तरफ जहां बच्चों में अपनी नॉलेज को बढ़ाने के लिए इंटरनेट यूज करने की प्रवृत्ति बढ़ रही है तो वहीं दूसरी तरफ ये बच्चे हेल्थ को लेकर भी उतने ही सजग हो रहे हैं। और इसके लिए ये अलग-अलग माध्यमों का सहारा ले रहे हैं, जिनमें खेल-कूद से लेकर योग तक सभी कुछ शामिल है। खेलों के चयन में भी इस बात का विशेष तौर पर ख्याल रखा जाता है कि कौन सा खेल खेलने से बढ़ते शरीर पर अच्छा या बुरा असर पड़ सकता है। मुख्य तौर पर हेल्थ को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए बच्चे आज भी खेल-कूद को ज्यादा प्राथमिकता देते हैं। इनमें खासतौर से बास्केटबॉल, लॉन्ग जंप, पुश अप, जिमनास्ट, डांसिंग, स्विमिंग ज्यादा महत्त्वपूर्ण हैं।
बास्केटबॉल
स्कूलों में बच्चों की लंबाई और स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए मुख्यतौर पर बास्केटबॉल को ही चुना जाता है। आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि बास्केटबॉल खेलना बच्चों की लंबाई के लिए फायदेमंद है। अमूमन यह देखने में आता है कि बच्चों को क्रिकेट और फुटबाल खेलने में ज्यादा आनंद आता है, लेकिन शुरुआती दौर में ये खेल खेलना शरीर के लिए फायदेमंद साबित नहीं होते हैं, क्योंकि इनमें पूरे शरीर के बजाय कुछ खास अंगों का ही ज्यादा उपयोग होता है। बास्केटबॉल के अलावा कुछ और भी ऐसे खेल हैं, जो बच्चों की रुचि के होने के साथ ही काफी लाभप्रद भी हैं, जैसे कि बैडमिंटन, टेबल टेनिस, साइकिलिंग इत्यादि।
डांसिंग
फिटनेस बनाने और शरीर में लचीलापन, फुर्ती लाने के लिए डांसिंग सबसे इंटरटेनिंग जरिया है। इसको करने में जहां बच्चों का भरपूर मनोरंजन होता है, वहीं शरीर के हर अंग की एक्सरसाइज भी हो जाती है। साउथ दिल्ली में रहने वाले पन्द्रह वर्षीय राहुल ने बताया कि मैं रोज स्कूल से आने के बाद शाम को डांसिंग क्लास करने के लिए जाता हूं। जहां मेरा इंटरटेनमेंट तो होता ही है, साथ ही खूब जमकर एक्सरसाइज भी हो जाती है। वहीं गुड़गांव के एक मशहूर डांस क्लब में रोजाना जाकर अभ्यास करने वाली चौदह वर्षीय दीपिका ने कहा कि शुरुआत में तो मुझे डांसिंग क्लास जाने में बहुत ही बोरियत होती थी, लेकिन दस-पंद्रह दिनों के बाद मुझे इसमें बहुत मजा आने लगा और मैंने इसके जरिए अपना दो किलो वजन भी कम कर लिया है।
स्विमिंग
आसान सी लगने वाली स्विमिंग वास्तव में हेल्थ के लिए बेहतरीन एक्सरसाइज है और इसको करने के लिए मेट्रो शहरों के बच्चे बहुत ही दिलचस्पी ले रहे हैं। इसके पीछे मुख्य वजह स्टेटस सिंबल को दिखाना भी है। स्विमिंग सीखने और करने के लिए किसी न किसी क्लब का मेंबर बनना पड़ता है या मोटी फीस देनी पड़ती है, जिसके कारण चाहकर भी इसको करने वालों की संख्या काफी कम है। लेकिन पिछले दो-तीन सालों में स्विमिंग करने वालों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है। स्विमिंग करने से सबसे बड़ा फायदा स्टेमिना बढ़ाने में होता है। इसके साथ ही स्विमिंग ब्रेथ रेट को भी बेहतर बनाता है।
इनडोर गेम
इनडोर गेम बच्चों की फिजिकल हेल्थ से ज्यादा मेंटल हेल्थ को मजबूत करने में ज्यादा कारगर हैं। ऐसे खेलों में फिजिकल लेबर काफी कम होता है। हेल्थ को चुस्त रखने के लिए इनडोर गेम का अपना अलग ही महत्त्व है। ये बच्चे के अंदर क्रिएटिविटी पैदा करने और उसके आई क्यू लेवल को बढ़ाने में सहायक हैं। मेट्रो शहरों में जहां घर बहुत बड़े नहीं होते हैं, वहां पर इनडोर गेम ही बच्चों के मनोरंजन का मुख्य जरिया हैं। इनडोर गेम्स में मुख्य रूप से मेमोरी गेम, क्ले गेम, स्टेट कैपिटल, शतरंज इत्यादि आते हैं।
आउटडोर गेम
शरीर को फुल एनर्जी से भरने के लिए आउटडोर गेम ही बच्चों की नजर में पहले पायदान पर हैं। हां, ये अलग बात है कि आउटडोर गेम खेलने के लिए आपके साथ दोस्तों की एक टीम तो होनी ही चाहिए, क्योंकि आउटडोर गेम खेलने का आनंद तभी आता है जब आपके दोस्तों की टोली आपके साथ मौजूद हो। इसके साथ ही इस तरीके के खेलों से बच्चों के अंदर स्वस्थ माहौल में कॉम्पिटीशन करने की भावना भी आती है। आउटडोर गेम्स के जरिए बच्चे के अंदर समाज में उठने-बैठने से लेकर अपने आपको साबित करने की भी क्षमता डेवलप होती है। आउटडोर गेम्स में प्रमुख हैं फुटबॉल, क्रिकेट, बास्केटबॉल, बालीवॉल, टेनिस, हॉकी, जिमनास्टिक इत्यादि।
योग है सदा के लिए
सबसे लेटेस्ट और लोकप्रिय ट्रैंड है योग। एक सर्वे के मुताबिक, योग करने वाले बच्चों की याददाश्त और बच्चों से कहीं ज्यादा बेहतर होती है। इसके अलावा नियमित तौर पर बीस मिनट का योग करने वाले बच्चों का कॉन्फिडेंस लेवल भी आम बच्चों से अच्छा पाया गया।
फायदेमंद बातें कॉन्फिडेंस बढ़ाने में सहायक शरीर स्वस्थ और आकर्षक बना रहता है अनावश्यक कैलोरी को नियंत्रित करता है बढ़ती प्रतिस्पर्धा में काम करने की क्षमता में होती है वृद्धि शारीरिक और मानसिक ताकत होती है मजबूत
क्या सावधानी बरतें
नए खेल को खेलने से पहले उसकी ट्रेनर से पूरी जानकारी लें अकेले स्विमिंग करने न जाएं आउटडोर गेम खेलते वक्त अपनी क्षमताओं को धीरे-धीरे बढ़ाएं विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें डॉक्टर की सलाह के बिना सप्लीमेंट न लें जरूरत से ज्यादा वेटलिफ्टिंग न करें एक्सरसाइज करते वक्त डंबल अपनी क्षमता के मुताबिक ही उठाएं
एक्सपर्ट की राय
बच्चों की हेल्थ के लिए फ्लेक्सीबिलिटी, स्ट्रेंथ, स्टेमिना और इनडोरेंस एक्सरसाइज प्रमुख हैं। इसके लिए पारंपरिक खेलों की बजाय स्विमिंग, डांसिंग और बास्केटबॉल जैसे खेल ज्यादा महत्त्वपूर्ण हैं।
डॉ. आर.पी. सिंह हेड ऑफ डिपार्टमेंट दिल्ली इंस्टिटय़ूट ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन एंड रिहेबिलिटेशन साइंसेज, पंजाबी बाग
प्रयास
बदलते दौर में हम यही कोशिश करते हैं कि सभी स्कूलों में ज्यादा से ज्यादा खेलों का आयोजन हो सके। सरकार का पूरा ध्यान इस बात पर रहता है कि बच्चों को जितना ज्यादा हो सके, सुविधाएं मुहैया करवाई जा सकें।
प्रदीप कुमार पांडेय चेयरमैन विद्यालय कल्याण समिति, दिल्ली सरकार
(हिंदुस्तान,27.10.2010)
खेलों के महत्व पर स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहतरीन संदेश!
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