बुधवार, 13 अक्तूबर 2010

बच्चों को मुफ्त लगेगा हैपेटाइटिस-बी का टीका

हेपेटाइटिस-बी के संक्रमण से देश में हर साल एक लाख लोग मारे जाते हैं लेकिन इसके टीके की ऊंची कीमत की वजह से अधिकांश नवजात इस सुरक्षा कवच से वंचित ही रह जाते हैं। अब केंद्र सरकार देश भर के सभी बच्चों को यह टीके मुफ्त उपलब्ध करवाने जा रही है। टीकाकरण पर केंद्र सरकार के राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) ने इसे राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने की सिफारिश की है। इसके तहत अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र पर पैदा हुए सभी बच्चों को इसकी 4 खुराकें उपलब्ध करवाई जाएंगी। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुजाता के. राव की अध्यक्षता में राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह ने पाया है कि अब समय आ गया है कि बिना देरी किए इसे राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल कर लिया जाए। दैनिक जागरण के पास मौजूद इस समूह की सिफारिशों में कहा गया है, इस बीमारी के दायरे और इसके सुरक्षित टीके की उपलब्धता को देखते हुए हेपेटाइटिस-बी टीकाकरण को देश भर में लागू कर दिया जाना चाहिए। इस समय देश के सिर्फ 33 चुनिंदा जिलों में बच्चों को ये टीके लगाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी बताते हैं कि अब बच्चों में इसका संक्रमण रोकने के लिए जल्द ही इसे लागू किया जाएगा। इसके तहत अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्रों में होने वाले प्रसव के तुरंत बाद नवजात को इसकी पहली खुराक दी जाएगी। इसके बाद जन्म के छठे, दसवें और चौदहवें सप्ताह में इसकी एक-एक खुराक और दी जाएगी। तकनीकी सलाहकार समूह ने इस कार्यक्रम को जल्द लागू करने के लिए तुरंत क्षेत्रवार योजना बनाने और प्रशिक्षण शुरू करने को कहा है। यह फैसला करने वाली तकनीकी सलाहकार समिति की बैठक में स्वास्थ्य सचिव सुजाता के. राव, स्वास्थ्य शोध सचिव विश्व मोहन कटोच और जैव तकनीक विभाग के सचिव एमके भान के अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के लगभग दो दर्जन विशेषज्ञ मौजूद थे। इसने कहा है कि भारतीय चिकित्सा शोध परिषद (आईसीएमआर) हेपेटाइटिस-बी की संक्रमण दर पर टीकाकरण कार्यक्रम के प्रभाव का अध्ययन भी चलाएगा। समूह के विशेषज्ञों के मुताबिक हेपेटाइटिस-बी के टीके को न सिर्फ बेहद प्रभावी बल्कि अत्यधिक सुरक्षित भी पाया गया है। हिंदुस्तान में अब सस्ती दर पर ये टीके उपलब्ध हैं। लगभग सभी देशों ने अपने राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में इसे शामिल कर लिया है। ऐसे पर्याप्त अध्ययन मौजूद हैं जो बताते हैं कि हेपेटाइटिस-बी के संक्रमण से बढ़ने वाले बीमारियों के बोझ को टीके की मदद से काफी कम किया जा सकता है। ये टीके इस समय बाजार में 10 एमएल के वायल में 5 से 7 सौ रुपये की कीमत पर उपलब्ध हैं। हालांकि यही कंपनियां डॉक्टरों को ये टीके लगभग आधी कीमत पर उपलब्ध करवाती हैं। फैसले पर उठ रहे सवाल इन टीके की भारी कीमत की वजह से राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत इसे शामिल किए जाने के फैसले पर सवाल भी उठाए जा रहे हैं। लोक स्वास्थ्य विशेषज्ञ अनंत फड़के और अशोक काले के मुताबिक इस समय मुफ्त दिए जाने वाले सभी छह टीकों की कीमत प्रति शिशु लगभग 30 रुपये आती है जबकि हेपेटाइटिस बी का टीका अगर सौ रुपये का भी हुआ तो सालाना सरकार को लगभग 250 करोड़ रुपए खर्च करने होंगे। अगर आगे इसे 14 साल की उम्र तक के बच्चों को लगाया जाता है तो सालाना खर्च 1273 करोड़ रुपए पहुंच जाएगा जबकि सरकार मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी पर सालाना दो से सवा दो सौ करोड़ रुपये ही खर्च कर रही है(मुकेश केजरीवाल,दैनिक जागरण,दिल्ली,13.10.2010)।

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