सोमवार, 11 अक्तूबर 2010

रिटायरमेंट के बाद भी ले सकते हैं हेल्थ पॉलिसी

तीन साल तक ब्रिटेन में रहने के बाद 62 साल की मंजू बेदी जब भारत लौटीं तो उन्हें पता चला कि उनका पुराना हेल्थ प्लान लैप्स हो चुका है। उम्र के इस पड़ाव पर उन्हें हेल्थ इंश्योरेंस की सबसे ज्यादा जरूरत थी। मंजू ने बताया, मेरा स्वास्थ्य फिलहाल काफी बेहतर है, लेकिन आगे क्या होगा, इसके बारे में कोई नहीं जानता। इस उम्र में मैं अपने स्वास्थ्य के साथ किसी तरह का समझौता नहीं करना चाहती हूं। कुछ साल पहले तक मंजू की समस्या का कोई निदान नहीं था। ज्यादातर हेल्थ इंश्योरेंस प्लान 60 साल की उम्र में खत्म हो जाते थे और कोई भी इंश्योरेंस कंपनी उम्र की इस दहलीज पार करने के बाद नई पॉलिसी देने को तैयार नहीं थी। हालांकि, समय के साथ हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के नियम में बदलाव आया। इंश्योरेंस कंपनियों ने वरिष्ठ नागरिकों की जरूरतों के मुताबिक, नए प्लान तैयार किए और हेल्थ पॉलिसी रिन्यू करने की उम्र सीमा बढ़ाकर 100 साल तक कर दी। ऐसे में भले ही आप जवान हों या उम्रदराज, हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के जरिए आप आसानी से हॉस्पिटल बिल के बढ़ते खर्च से राहत पा सकते हैं। हम आपको बाजार में उपलब्ध अलग-अलग विकल्पों की खूबियों और खामियों की जानकारी दे रहे हैं। देर से शुरुआत करने वालों के लिए स्पेशल प्लानफाइनेंशियल रिसर्च एंड कंसल्टेंसी फर्म सेलेंट के सर्वे के मुताबिक, हेल्थ इंश्योरेंस रखने वाले 52 फीसदी लोगों को कंपनी से यह सेवा मिलती है। हालांकि, नौकरी छोड़ने पर पॉलिसी लैप्स हो जाती है। नौकरी छोड़ने के बाद अगर आपके पास अलग से कोई मेडिक्लेम पॉलिसी नहीं है तो आपको महंगे मेडिकल ट्रीटमेंट का बोझ सहना पड़ सकता है। इससे बचने का उपाय यही है कि एक स्पेशल मेडिक्लेम प्लान लें। स्टार हेल्थ इंश्योरेंस के एवीपी (प्रोडक्ट सेल) डी. रामा ने बताया, वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से ज्यादा दो चार होना पड़ता है। इसलिए हमने 60 साल से अधिक उम्र वाले लोगों के लिए विशेष रूप से रेड कारपेट प्लान तैयार किया। बजाज आलियांज, न्यू इंडिया इंश्योरेंस, युनाइटेड इंडिया, ओरिएंटल इंश्योरेंस और नेशनल इंश्योरेंस भी ऐसे ही प्लान मुहैया करा रहे हैं। अगर आप ऐसी मेडिक्लेम खरीदना चाहते हैं तो आपको पहले कुछ मेडिकल टेस्ट करवाने होंगे। इसमें इकोकार्डियोग्राम, अल्ट्रासोनोग्राफी और कोलेस्ट्राल चेकअप शामिल हैं। इसमें आपका जो भी पैसा खर्च होता है, उसका एक हिस्सा ही इंश्योरेंस कंपनियां रिफंड करती हैं, वह भी तब जब आपका एप्लीकेशन स्वीकार कर लिया जाता है। ऐसी मेडिक्लेम पॉलिसी में बुखार से लेकर गंभीर बीमारियों तक का हॉस्पिटलाइजेशन चार्ज कवर होता है। हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में आपको यह बात ध्यान में रखनी होगी कि जितनी देरी से आप इस पॉलिसी को खरीदेंगे, आपको उतना ज्यादा प्रीमियम होगा। उदाहरण के तौर पर अगर आपकी उम्र 35 साल है तो 3 लाख रुपए के कवर के लिए आपको सालाना 4,430 रुपए देने होंगे। हालांकि, अगर आप 60 साल की उम्र में मेडिक्लेम पॉलिसी लेते हैं तो आपको सालाना 14,000 रुपए का प्रीमियम चुकाना होगा। मंजू बेदी ने भी अपनी मेडिक्लेम पॉलिसी लैप्स होने के बाद जब नया मेडिक्लेम प्लान लिया तो उन्हें सालाना 31,000 रुपए का प्रीमियम देना पड़ा। जल्द शुरुआत करने वालों के लिए : अगर आपके रिटायरमेंट को अभी काफी साल बचे हैं और आप इलाज पर होने वाले भारी भरकम खर्च से छुटकारा पाने चाहते हैं तो आपको अभी से तैयार होने की जरूरत है। अगर हम 10 फीसदी सालाना महंगाई के हिसाब से भी आकलन करें तो आपको आज के समय में अगर सर्जरी पर 2 लाख रुपए देने पड़ते हैं तो 15 साल बाद यह खर्च करीब 8.35 लाख रुपए का होगा। इसलिए अच्छा यही है कि शुरूआत जल्द कर दी जाए। मेडिक्लेम इंश्योरेंस की चाह रखने वालों के लिए एक अच्छी खबर यह भी है कि कुछ इंश्योरेंस कंपनियों ने पॉलिसी रिन्यू करने की अवधि को 80 साल तक बढ़ा दिया है। ऐसे में आप अपनी जरूरत के मुताबिक बजाज आलियांज का हेल्थ गार्ड (80 साल), नेशनल इंश्योरेंस का मेडिक्लेम (80 साल) या आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के हेल्थ एडवांटेज (70 साल) में से कोई प्लान ले सकते हैं। रिटायरमेंट के बाद आप अपने बेस प्लान के कवर को बढ़ाने के लिए टॉप अप प्लान भी ले सकते हैं(दिलीप कुमार गुप्ता,दैनिक जागरण,भोपाल,11.10.20101)।

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