हिमाचल में मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए गर्भवती महिलाओं का रिकॉर्ड टेलीफोन के जरिये अपडेट किया जाएगा। इसके लिए ब्लॉक स्तर पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं को ढूंढ कर टेलीफोन या मोबाइल फोन सहित पूरा ब्योरा जुटाया जाएगा। इसका पूरा रिकार्ड स्वास्थ्य अधिकारी के पास भी मौजूद रहेगा। जो टेलीफोन के जरिये समय-समय पर गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी लेकर रिकॉर्ड को अपडेट करेंगे। गर्भवती महिलाओं से संबंधित जानकारी जुटाने के लिए प्रदेश में जल्द ही नौ जिलों में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। सोलन, किन्नौर व हमीरपुर जिले में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने का काम पहले चरण में पूरा किया जा चुका है। ब्लॉक स्तर पर गर्भवती महिलाओं का रिकार्ड तैयार करने के लिए प्रदेश में डाटा एंट्री ऑपरेटर को ट्रेनिंग दी गई है। प्रदेश में मातृ मुत्यु दर व छोटे बच्चों की मृत्यु दर को कम करने के लिए गर्भवती महिलाओं को ढूंढने का कार्य जल्द शुरू किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक गर्भवती महिला की नौ माह तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जाने वाले सुविधाओं की पूरी जानकारी रखी जाएगी। प्रसव के पश्चात भी स्वास्थ्य विभाग मां और नवजात की मॉनीटरिंग करेगा। नौ माह तक बच्चे को लगने वाले जरूरी टीके व इस अवधि में दी जाने वाली दवा की खुराक का भी स्वास्थ्य विभाग ध्यान रखेगा। स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. विनोद पाठक का कहना है कि सुरक्षित प्रसव के लिए प्रदेश में महिलाओं की टेलीफोन के जरिये रिकॉर्ड अपडेट किया जाएगा। उनका कहना है इसके लिए गर्भवती महिलाओं को ढूंढ कर पूरा ब्योरा एकत्र किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं को दी जानी वाली सुविधाओं की मॉनीटरिंग स्वास्थ्य अधिकारी टेलीफोन के जरिये करते रहेंगे। इससे स्वास्थ्य कार्यकर्ता पर भी चेक रहेगा। स्वास्थ्य कार्यकर्ता गर्भवती महिलाओं को लगने वाले जरूरी टीके व अन्य सुविधाओं को लेकर लापरवाही नहीं बरत सकेंगे। सुविधाएं देने की जानकारी लेंगे अधिकारी गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पताल में तीन बार चेकअप किया जाता है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को ब्लड प्रेशर, एचबी के अलावा टेटनस का इंजेक्शन व ऑयरन आदि की गोलियां उपलब्ध करवाई जाती हैं। डॉ. पाठक के मुताबिक स्वास्थ्य अधिकारी समय-समय पर गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाल सुविधाओं की जानकारी लेंगे। उनका कहना है कि स्वास्थ्य अधिकारी यह भी जानकारी लेंगे कि कहीं प्रेगनेंसी हाई रिस्क तो नहीं है। क्या गर्भवती महिला को अस्पताल तो नहीं भेजना पड़ेगा। इसके अलावा महिला की प्रसव कहां हुआ। महिला के बेटा हुआ है या कि बेटी इसकी भी टेलीफोन के जरिये जानकारी जुटाई जाएगी(दैनिक जागरण,शिमला,5.10.2010)।
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