जन्म देने वाली मां ही बच्चों के भविष्य की बीमारियों के लिए रक्षा कवच तैयार करेगी। इसके लिए गर्भनाल संरक्षण को बढ़ावा देने के वास्ते, अब सरकारी प्रयास भी तेज कर दिए गए है। आई सीएमआर की सहमति के बाद जल्द ही अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भी कार्ड संरक्षण का काम शुरू किया जाएगा। अभी तक संस्थान कुछ ही मामलों में स्टेम सेल्स संरक्षण का काम कर रहा है । जन्म के बाद नवजात को मां से जोड़ ने वाले गर्भनाल में हजारों की संख्या में स्टेम सेल्स मौजूद होते हैं , इन सेल्स को संरक्षित कर रक्त संबंधी विकार व क्षतिग्रस्त अंगों को सही किया जा सकता है । हालांकि लोगों में गर्भनाल संरक्षण की जागरूकता न होने के कारण दो करोड़ की आबादी में केवल 1500 लोगों ने ही राजधानी में गर्भनाल को सुरक्षित कराया है । निजी कंपनियों के सहयोग से अब गर्भनाल संरक्षण को सरकारी अस्पतालों में भी शुरू करने की पहल की जा रही है । स्वास्थ्य मंत्रालय के उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2007 में जारी आई सीएमआर की गाइडलाइन के बाद इस समय दो दर्जन कंपनियां स्टेम सेल्स संर क्षण पर काम कर रही है । संरक्षण का व्यवसायिक उपयोग न हो इसलिए क्षेत्र में सरकारी दखल बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
कैसे होता है संरक्षण
जन्म के तुरंत बाद 5 घंटे के अंतराल में मां से बच्चे को अलग करने वाली नाल को किट में संरक्षित किया जाता है। प्राइवेट व व्यक्तिगत बैंकिंग के बाद माता पिता को बारकोड कार्ड दिया जाता है, जरूरत पड़ने पर बैंक में इसी बारकोड का मिलान कर नाल को इस्तेमाल किया जाता है । निजी कंपनियां फिलहाल 75 हजार के शुल्क पर 21 साल तक नाल संरक्षण का काम कर रही है। शुल्क को किश्तों में भी अदा किया जा सकता है।
किस बीमारी के लिए कारगर
आईसीएमआर द्वारा कार्ड ब्लड को 78 प्रमुख बीमारियों के इलाज के लिए स्वीकृत किया है जिसमें रक्त संबंधी बीमारियां जैसे थैलीसीमिया व हीमोफीलिया मस्तिष्क संबधी बीमारी हेपेटाइटिस, किडनी, दिल व मधुमेह आदि का इलाज किया जा सकता है। दरअसल क्षतिग्रस्त अंग में संरक्षित स्टेम सेल्स प्रत्यारोपित की जाती हैं, स्टेम सेल्स ही वह मात्र सेल्स होती है, जिनमें अपनी तरह की कई सेल्स बनाने की क्षमता होती है(हिंदुस्तान,दिल्ली,19.9.2010)।
सार्थक और सराहनीय प्रस्तुती ,लेकिन आम लोगों के लिए इसे संरक्षित करने में पैसे की ही समस्या आगे आएगी ....सरकार तो आम लोगों के लिए कुछ करना ही नहीं चाहती ...
जवाब देंहटाएंबहुत सराहनिए और ज्ञान वर्धक पोस्ट. शुक्रिया. इस जानकारी के लिए.
जवाब देंहटाएं