शनिवार, 4 सितंबर 2010

हरियाणाःएचआईवी के 120 मामले। फरीदाबाद हाई रिस्क एरिया घोषित

एचआईवी/एड्स के मामलों में हरियाणा में फरीदाबाद को हाई रिस्क एरिया घोषित किया गया है। वर्ष 2010 में एचआईवी/एड्स के रिकॉर्ड तोड़ 120 मामले दर्ज किए गए हैं।
अगस्त में एचआईवी पॉजिटिव के 16 नए मामले सामने आए हैं। इनमें से 11 पुरुष और 5 महिलाएं हैं। इनमें से पांच टीबी के पेशेंट भी हैं। तमाम दावों के बीच जिले में लगातार एचआईवी/एड्स का ग्राफ बढ़ रहा है। जागरूकता के नाम पर नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (नाको) और हरियाणा एड्स कंट्रोल सोसायटी (हैक्स) करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन नतीजे कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं।
फजीहत से बचने के लिए अधिकारियों का तर्क है कि जागरूकता आ रही है, तभी लोग एचआईवी की जांच के लिए आगे बढ़ रहे हैं। एचआईवी/एड्स को लेकर लोगों में जागरूकता आ रही है तो मामले घटने की बजाय लगातार बढ़ क्यों रहे हैं? इस प्रश्न पर अधिकारी चुप्पी साध लेते हैं। डब्ल्यूएचओ अलर्ट डब्ल्यूएचओ की कंसल्टेंट डॉ. सुधी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए शुक्रवार को बीके अस्पताल में एचआईवी काउंसलर और प्रमुख टीबी अधिकारी के साथ बैठक की और जागरूकता अभियान को और प्रभावी बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जितने भी मामले पॉजिटिव पाए जाते हैं उन्हें सही ढंग से जांच और एआरटी के लिए रेफर किया जाए। जितने भी टीबी के पेशेंट हों उनकी भी प्रॉपर तरीके से जांच हो और उन्हें एचआईवी जांच के लिए भी भेजा जाए। लगातार बढ़ रहे हैं मामले कई वर्षो की तुलना में वर्ष 2009 में एचआईवी के 153 मामले दर्ज हुए थे। सरकारी अस्पताल के आंकड़ों के तहत इस साल अब तक 120 मामले सामने आए हैं। इनमें से जनवरी में आठ, फरवरी में 13, मार्च में 17, अप्रैल में 15, मई में 11, जून में 10, जुलाई में 30 और अगस्त में 16 मामले आए हैं। क्या कहते हैं अधिकारी डिप्टी सीएमओ डॉ. अशोक गुप्ता का कहना है कि हर वर्ग के लोगों को एचआईवी/एड्स फैलने के कारण व बचाव के बारे में जानकारी होनी चाहिए। जागरूकता इस लाइलाज बीमारी को रोकने का एकमात्र विकल्प है। आईसीटीसी सेंटर आकर इस खतरनाक बीमारी के बारे जानकारी लेनी चाहिए। गेम्स में गंभीर हो सकते हैं हालात जिले में एचआईवी/एड्स को लेकर स्थिति गंभीर बनी हुई है। ऐसे में कॉमनवेल्थ गेम्स को लेकर स्वास्थ्य विभाग की धड़कनें तेज हो गई हैं। विभाग का मानना कि गेम्स में सेक्स वर्कर्स का जाल बढ़ेगा। ऐसे में पीड़ितों की संख्या में इजाफा होने की आशंका है। इस समस्या से निपटने के लिए विभाग ने अपने स्तर पर विकल्प तलाश लिया है। रेडक्रॉस की ओर से टारगेट इंटरवेंशन प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। इनमें रजिस्टर्ड सेक्स वर्कर्स को इस लाइलाज बीमारी के बचाव के बारे में जानकारी दी जाएगी। गौर करने वाली बात यह है कि फरीदाबाद में करीब ढाई हजार सेक्स वर्कर्स ही रजिस्टर्ड हैं जबकि ऑफ द रिकॉर्ड इनकी संख्या बहुत अधिक है।

1 टिप्पणी:

एक से अधिक ब्लॉगों के स्वामी कृपया अपनी नई पोस्ट का लिंक छोड़ें।