ब्लड बैंक की तरह अब मां के दूध का भी संग्रहण किया जा सकेगा, ताकि जरूरतमंद बच्चों की मदद की जा सके। बंगाल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सेठ सुखलाल करनाली अस्पताल (एसएसकेएम) में जल्द ब्रेस्ट मिल्क बैंक खुलने वाला है। यह पूर्वी भारत का पहला और देश का दूसरा बैंक होगा। वर्तमान में महाराष्ट्र में एक ब्रेस्ट मिल्क बैंक चल रहा है। परियोजना में अहम भूमिका निभाने वाले एसएसकेएम अस्पताल के नियो-नैटोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रमुख अरुण सिंह ने बताया कि मां के दूध का कोई विकल्प नहीं। यह नवजात शिशुओं के लिए पोषण का प्राथमिक व एकमात्र स्त्रोत है, जब तक कि वे अन्य तरह के भोजन को खाने व पचाने के लायक नहीं हो जाते। ब्रेस्ट मिल्क बैंक खुलने से उन शिशुओं के लिए दूध की व्यवस्था की जा सकेगी जिनकी माताएं प्रसव के बाद विभिन्न कारणों से उन्हें स्तनपान नहीं करा पातीं। यह समय पूर्व पैदा होने वाले और उन शिशुओं के लिए भी वरदान से कम नहीं होगा, जिनकी मां की प्रसव के दौरान मौत हो जाती है। डा. सिंह ने कहा कि बैंक अगले कुछ महीनों में अस्तित्व में आ जाएगा। इसके लिए स्तनपान कराने वाली माताओं की सहमति से उनके अतिरिक्त दूध का संग्रह किया जाएगा। अस्पताल प्रबंधन इस बाबत रक्तदान शिविर की तरह स्तन दूध दान शिविर का आयोजन करेगा(दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,3.8.2010)।
विदेशों में तो स्त्री के दूध की आईसक्रीम तक बिक रही है :)
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