केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुडगांव-बादली रोड़ पर बाढ़सा के समीप बनने वाले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के विस्तार पटल की योजना में फेरबदल करके यहां अब भरा-पूरा नया एम्स विकसित करने का फैसला किया है।
प्रस्तावित नए संस्थान का पूरा प्रशासनिक ढांचा दिल्ली के एम्स से स्वतंत्र होगा और इसके निर्माण का कार्य अगले एक साल के भीतर आरंभ हो जाएगा। यदि सब कुछ तय योजना के मुताबिक हुआ तो सैंकड़ों करोड़ की लागत से बनने वाला नया अस्पताल तीन साल के भीतर काम करना शुरू कर देगा।
संस्थान में अंतरराष्ट्रीय स्तर के 11 सुपर स्पेशलिटी केंद्र भी बनाए जाने की योजना है। इस आशय के पुख्ता संकेत केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के सुजाता राव और एम्स के आला अधिकारियों के पिछले दिनों बाढ़सा दौरे के बाद मिले हैं। इस दौरान राव ने मौके पर मौजूद रोहतक के सांसद दीपेंद्र हुड्डा, मुख्यमंत्री सचिवालय व स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को भरोसा दिलाया कि परियोजना पर बहुत जल्द काम शुरू होगा। मंत्रालय अगले 45 दिनों में संस्थान के निर्माण के लिए आर्किटैक्टों से कार्य में अभिरुचि की निविदाएं आमंत्रित कर लेगा।
साथ ही उन्होंने हरियाणा सरकार द्वारा केंद्र को मुफ्त पट्टे पर मुहैया कराई गई 300 एकड़ जमीन की चारदीवारी प्रदेश के लोकनिर्माण विभाग से कराने को कहा जिसका पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी। स्वास्थ्य सचिव के संकेत पर लोकनिर्माण विभाग ने आने वाले 16.5 करोड़ रुपए के संभावित खर्च का आकलन स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज दिया है। मंत्रालय से इस पैसे की स्वीकृति मिलते ही लोकनिर्माण विभाग चारदीवारी बनाने का काम शुरू कर देगा।
क्या थी दिक्कत
हालांकि राज्य सरकार ने सांसद दीपेंद्र हुड्डा के ड्रीम प्रोजेक्ट कहे जाने वाले इस प्रस्तावित परिसर के लिए जमीन पिछले साल ही मंत्रालय को सौंप दी थी लेकिन केंद्र यह तय नहीं कर पा रहा था कि यहां दिल्ली के एम्स परिसर का विस्तार पटल खोला जाए या भरा-पूरा नया संस्थान विकसित हो। केंद्रीय योजना आयोग भी बात-बेबात पर परियोजना में अड़ंगा लगा रहा था।
मौजूदा एम्स की फैकल्टी यहां आने को तैयार नहीं थी और दिल्ली बैठकर नए संस्थान का प्रशासनिक नियंत्रण व संचालन संभव नहीं था। ऐसे में अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यहां भरा-पूरा नया एम्स परिसर विकसित करने का फैसला किया है। नए संस्थान का संचालन एम्स दिल्ली के पैट्रन पर ही होगा।
आरंभ से ही नए परिसर को बाढ़सा लाने के लिए प्रयासरत रोहतक के सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा केंद्र द्वारा परियोजना में तेजी लाए जाने के आश्वासन से खासे उत्साहित हैं। उनका कहना है कि बाढ़सा का नया एम्स केवल हरियाणा नहीं बल्कि उ.प्र, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब व उत्तराखंड जैसे राज्यों के लिए वरदान साबित होगा।
दैनिक भास्कर से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि नया परिसर मिलेनियम सिटी गुडगांव सीमा से बादली की ओर महज साढ़े चार किलोमीटर की दूरी पर है और यहां पंहुचने के लिए न केवल बेहतरीन सड़क मार्ग बल्कि रेल व दिल्ली हवाई अड्डे की सुविधा भी मौजूद हैं। नए परिसर तक 11 राष्ट्रीय व प्रादशिक राजमार्गो के जरिए सात राज्यों के लोगों के लिए पंहुचना बेहद आसान है(दैनिक भास्कर,दिल्ली,8.8.2010)।
उम्मीद करते हैं कि सरकार इसे चला भी पायेगी । कहीं पी पी पी के अंतर्गत इसे भी प्राइवेट हाथों में सौंप दिया तो बेचारे गरीबों का तो भगवान ही रखवाला है ।
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