बेवजह जांच और ऑपरेशन कर अपनी जेब भरने वाले डॉक्टर व अस्पताल अब सावधान हो जाएं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने हर तरह की प्रमुख बीमारियों के इलाज की आदर्श प्रक्रिया (क्लीनिकल ट्रीटमेंट स्टेंडर्ड प्रोटोकॉल) सुनिश्चित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके बाद भारत में भी विकसित देशों की तरह इलाज की मानक प्रक्रिया तय हो सकेगी और मनमानी जांच और ऑपरेशन पर अंकुश लगेगा। इसका फायदा मरीजों, डॉक्टरों व अस्पतालों को तो मिलेगा ही, स्वास्थ्य बीमा कंपनियों और अस्पतालों का झगड़ा भी दूर हो सकेगा। स्वास्थ्य सचिव सुजाता के. राव ने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में कहा कि अब समय आ गया है कि भारत में भी क्लीनिकल ट्रीटमेंट स्टेंडर्ड प्रोटोकॉल तय किए जाएं। हमें यह प्रक्रिया तेजी से पूरी कर इसे लागू करना होगा। इस प्रक्रिया को तुरंत शुरू करने के लिए मंगलवार को बैठक बुलाई गई है। राव की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक आर.के. श्रीवास्तव और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल, पीजीआई (चंडीगढ़) आदि स्वास्थ्य संस्थानों के विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। इस बैठक में प्रोटोकॉल निर्धारित करने की पूरी प्रक्रिया तय होगी। चिकित्सा प्रोटोकॉल के तहत हर तरह की बीमारियों की जांच, प्रबंधन और इलाज की प्रक्रिया का मानकीकरण हो सकेगा। इसमें चिकित्सा के इस सिद्धांत को भी पूरी जगह दी जाएगी कि हर मामले में इलाज की जरूरत अलग-अलग होती है। इसलिए मानक विधि तय करने में मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधि भी शामिल किए जाएंगे। फेडरेशन ऑफ ऑब्सटेट्रिक एंड गायनाकोलॉजिकल सोसाइटीज ऑफ इंडिया (फॉगसी) जैसे मेडिकल एसोसिएशन अपने-अपने क्षेत्र की चिकित्सा विधियों के बारे में आधुनिकतम जानकारी रखते हैं। इनके साथ मिल कर ही यह तय होगा कि किस बीमारी की किस स्थिति में क्या जांच, प्रबंधन व इलाज हो। एक बार प्रोटोकॉल तय हो जाने पर स्वास्थ्य बीमा कंपनियों और अस्पताल के बीच का झगड़ा भी खत्म हो जाएगा। स्वास्थ्य बीमा कंपनियां आसानी से सिर्फ उन्हीं डॉक्टर और अस्पतालों को अपनी योजना के तहत शामिल कर सकती हैं जो इस स्टैंडर्ड को मानते हों। संसद के इसी सत्र में पारित किए गए क्लीनिकल प्रतिष्ठान विधेयक के तहत गठित होने वाली क्लीनिकल प्रतिष्ठानों के लिए राष्ट्रीय परिषद इन मानकों का पालन करवाएगीश्र(मुकेश केजरीवाल,दैनिक जागरण,दिल्ली,10.8.2010)।
स्वागत है सरकार के इस कदम का .. वास्तव में इस कदम को बहुत पहले उठाए जाने की जरूरत थी !!
जवाब देंहटाएंउम्मीद की जाए की योजना सफल हो ।
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