मंगलवार, 31 अगस्त 2010

सरकार बांटेगी सैनिटरी नैपकिन

*अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 150 जिलों की किशोरियों को मुफ्त में केंद्र देगा यह सुविधा *इससे नवजात शिशु मृत्यु दर और मातृत्व मृत्यु दर में कमी लायी जा सकेगी सार्थक पहल
नवजात शिशु मृत्यु दर और मातृत्व मृत्यु दर में कमी लाने के लिए सरकार देश भर के चिकित्सकों को तैयार कर रही है। इसके साथ ही केन्द्र ने अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करने के लिए देश के करीब 150 जिलों की किशोर लड़कियों को सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराने की योजना बनायी है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को यहां ’वैश्विक मानसिक स्वास्थ्य सम्मेलन‘ का उद्घाटन करते हुए कहा कि सामान्य डाक्टरों को आपातकालीन सेवाओं में जीवन रक्षक कौशल के साथ शामिल होने के लिए तैयार किया जा रहा है। इनकी सेवाओं से नवजात शिशु मृत्यु दर और मातृत्व मृत्यु दर में कमी लायी जा सकेगी। उन्होंने बताया कि जननी सुरक्षा योजना मातृत्व मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से बनायी गयी थी पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान 10 लाख से अधिक गर्भवती महिलाओं को इसका लाभ मिला है। आजाद ने कहा कि इस कार्यक्र म को अमल में लाने के लिए वर्तमान में सात लाख महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को देश के विभिन्न भागों में तैनात किया जा चुका है। सरकार इस योजना पर मोटी रकम खर्च कर चुकी है। स्वास्थ्य मंत्री ने देश में किशोरवय में गर्भावस्था की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार की घटनाओं से देश में नवजात शिशु मृत्यु और मातृत्व मृत्यु दर में वृद्धि होती है। उन्होंने इस मुद्दे पर सम्मेलन में बहस करने का आह्वान करते हुए कहा कि वे तरीके निकाले जाने चाहिए जिससे हम किशोर वर्ग को अच्छी से अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करा सकें। आजाद ने कहा कि देश में ऐसे 150 जिलों की पहचान कर ली गयी है जहां अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करने के लिए किशोर लड़कियों को सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराये जाएंगे। सरकार प्राइमरी स्वास्थ्य केंद्रों और पंचायत स्तर पर भी महिलाओं को गर्भनिरोधक उपलब्ध कराएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने देश में कम स्वास्थ्य मानक वाले 264 ऐसे जिलों की पहचान कर ली है। ऐसे जिलों को स्वास्थ्य अवसंरचना और स्वास्थ्य कार्यकताओं के कौशल उन्नयन के निर्माण में अतिरिक्त समर्थन दिया जा रहा है । उन्होंने कहा कि अतिरिक्त प्रोत्साहन के रूप में 40 प्रतिशत अतिरिक्त राशि उपलब्ध करा कर इन स्थानों पर सेवारत डाक्टरों को बढ़ाया जाएगा। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया ने इस अवसर पर स्वास्थ्य सेवाओं पर होने वाले सार्वजनिक व्यय में तीन गुना वृद्धि का समर्थन किया जो वर्तमान समय में सकल घरेलू उत्पाद का केवल 1.2 प्रतिशत है(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,31.8.2010)।

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