नकली दवाओ के बारे मे पुख्ता गुप्त सूचना देने पर सरकार ने दस माह पूर्व पुरस्कार योजना की घोषणा की थी लेकिन देश मे एक भी ऐसा व्यक्ति सामने नही आया है, जिसने ऐसी सूचना देकर 25 लाख रुपए तक की पुरस्कार राशि प्राप्त की हो। अगर ऐसी कुछ सूचनाएं लोगों ने भेजी भी तो वह आपसी रंजिश के तहत या फिर वे सही नही थी। यह पुरस्कार योजना देश मे नकली दवाओ, प्रसाधन सामग्री और मेडिकल उपकरणो के तेजी से बढ़ रहे धंधे को रोकने के लिए शुरू की गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के एक वरिष्ठअधिकारी ने बताया कि मं त्रालय के पास इस अवधि के दौरान 15 से अधिक लोगो ने इस योजना के तहत नकली दवाओ के बारे मे गुप्त सूचनाएं भेजी, लेकिन जब इनकी जांच की गई तो पता चला कि ये आपसी रंजिश की है या फिर सही नही पायी गइ। इसलिए किसी भी व्यक्ति को अब तक पुरस्कार नही दिया गया है। अधिकारी ने बताया कि किसी भी व्यक्ति को यह पुरस्कार नही मिलने के कारण अधिकांश लोग यही सोच रहे है कि यह योजना बंद हो गई है। ऐसा सोचना स्वाभाविक भी है लेकिन ऐसा नही है और योजना आज भी जारी है। इसमें पुख्ता गुप्त सूचना मिलने पर पुरस्कार दिये जाने का प्रावधान है(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,9.8.2010)।
सरकारी इनाम कभी अच्छे और सच्चे कामों के लिए मिला है किसी को ,कास ऐसा हो पाता तो भ्रष्टाचारियों को पकड़ने के लिए किसी सरकारी एजेंसी की जरूरत नहीं परती ...? सार्थक प्रस्तुती ...
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