सोमवार, 23 अगस्त 2010

अक्टूबर से शुरू होगी 40+ की डायबिटीज जांच

देश के सौ पिछड़े जिलों में अक्टूबर से 40 पार की उम्र के हर व्यक्ति की डायबिटीज जांच की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने रविवार को दैनिक जागरण पहल के कार्यक्रम में इसका एलान किया। यह सुविधा इन जिलों के 700 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और 20 हजार उप केंद्रों के जरिए उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत जल्द ही सभी गर्भवती महिलाओं के लिए डायबिटीज जांच को अनिवार्य करने का भरोसा भी दिलाया। आजाद ने बताया कि देश के 40 पार के सभी लोगों की अनिवार्य डायबिटीज जांच के कार्यक्रम को अंतिम रूप दे दिया गया है। अब दो महीने के अंदर इसे देश के सौ पिछड़े जिलों में शुरू कर दिया जाएगा। दैनिक जागरण पहल की ओर से गर्भवती महिलाओं में डायबिटीज के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए बुलाए गए कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि चूंकि ये इलाके दूर-दराज के हैं और जांच किए जाने वालों की संख्या भी बहुत बड़ी होगी, इसलिए यह काम पूरी तरह ग्लूकोमीटर से ही होगा। इसके लिए मंत्रालय ने बड़ी मात्रा में ग्लूकोमीटर और उसके उपयोग का जरूरी सामान खरीद लिया है। यह खरीद मंत्रालय ने बाजार के मुकाबले 80 फीसदी तक की रियायती कीमत पर की है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गर्भवती महिलाओं में डायबिटीज की जांच नहीं हो पाना चिंता की एक बड़ी वजह है। इसलिए जल्द ही राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत गर्भवती महिलाओं में इस जांच को भी अनिवार्य कर दिया जाएगा। यह जांच स्वास्थ्य मंत्रालय की पहले से मंजूर मधुमेह, हृदय संबंधी रोग और घात (स्ट्रोक) से बचाव और नियंत्रण का राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीडीसीएस) के तहत होगी। मौजूदा पंचवर्षीय योजना में इस कार्यक्रम के लिए 1,660.50 करोड़ रुपये की रकम को मंजूरी प्राप्त है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक भारत में वर्ष 2004 में 3.2 करोड़ मरीज थे, जो 2030 तक बढ़ कर 8 करोड़ हो जाएंगे। जनसंख्या नियंत्रण के लिए आजाद ने एक अनोखी पहल की घोषणा भी की जिसमें गर्भनिरोधक गोलियां और कंडोम घर-घर पहुंचाया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता आशा की मदद की जाएगी और उन्हें इस के लिए बीस प्रतिशत मुनाफा दिया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इससे पहला फायदा यह होगा कि लोग बिना झिझक इसे प्राप्त कर सकते हैं और दूसरा आशा कार्यकर्ता को भी एक काम मिल जाएगा। यहीं नहीं पहले हमारी यह पहल राज्य स्तर तक जाते-जाते दम तोड़ देती थी, लेकिन अब हम इसे कारगर बनाने के लिए केंद्र से सीधे प्राइमरी और सब सेंटर पर गर्भनिरोधक गोलियां और कंडोम उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा टीकाकरण को और कारगर बनाने के लिए उन्होंने इसे सॉफ्टवेयर से जोड़ने की भी बात कही(दैनिक जागरण,दिल्ली,3.8.2010)।

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