मंगलवार, 20 जुलाई 2010

कहीं चप्पलें न बन जाएं आफत

मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाली तान्या के लिए नौकरी मुसीबत बन गयी, जब से ज्वाइन किया तभी से पैरों में दर्द रहता है, दर्द अधिक होने की वजह से दो-तीन छुट्टी लेकर घर में रहीं तो दर्द ठीक हो गया, लेकिन ऑफिस जाते ही फिर दर्द शुरू हो गया। हार कर वह चिकित्सक के पास गईं, लेकिन सब कुछ सामान्य निकला।

रिपोर्ट आने के बाद चिकित्सक समझ गये और उन्होंने तान्या को प्लेटमफॉर्म वाली चप्पलें पहनने की सलाह दी, इसके बाद पैरों का दर्द गायब हो गया। इसलिए जरूरी है कि कामकाजी महिलाएं चप्पलों का चुनाव सावधानीपूर्वक करें। चप्पलों का सही ढंग से चुनाव न करना कमर, घुटनों, पंजों और एड़ी दर्द का कारण बन सकता है। -हील वाली चप्पलें नहीं पहननी चाहिए। इस तरह के डिजाइन की चप्पलें पहनने से शरीर का पूरा वजन पंजों पर रहता है और उनमें दर्द शुरू हो सकता है। इसलिए प्लेटफॉर्म वाली चप्पलें पहननी चाहिए। -चप्पलों का चुनाव करते समय पैडिंग का विशेष ध्यान रखना चाहिए। पैडिंग यानी ऐड़ी का हिस्सा मुलायम होना चाहिए। सख्त चप्पलें भी दर्द का कारण बन सकती हैं। -चप्पलें ऐसी होनी चाहिए जिसमें पूरा पंजा ग्रिप में रहे। बड़ी या स्टाइलिश चप्पलें पहनने से शरीर का बराबर संतुलन नहीं बन पाता है। इसलिए नाप वाली चप्पलें पहननी चाहिए। -आगे से चपटी चप्पलें पहनने से बचें। इस तरह की चप्पलों से उंगलियों में कसाव अधिक रहता है और अगूंठे पर जोर पड़ता है, जिससे पंजों में दर्द शुरू हो जाता है। -महिलाएं ऑफिस में पूरे दिन चप्पलें पहने रहती हैं, जिससे पंजा आठ से दस घंटे तक एक ही स्थिति में रहता है, जो दर्द का कारण बनता है। इसलिए संभव में ऑफिस में एक-दो बार चप्पल उतारना चाहिए। -शाम को घर लौटने के बाद पैरों को नमक के गुनगुने पानी में डालकर सिकाई करनी चाहिए। -घर पर भी मुलायम चप्पलों का प्रयोग करना चाहिए। -पीटी शूज या अन्य साधारण जूते पहनकर सुबह-सवेरे ताजी हवा खाने के लिए तेज चलना या जॉगिंग नहीं करना चाहिए। इस तरह के जूते पहनकर जॉगिंग करने से पंजों पर जोर पड़ता है। जॉगिंग के लिए अलग जूते आते हैं जो शॉक अब्जॉर्वर होते हैं। उन्हें पहनकर ही तेज चलें या जॉगिंग करनी चाहिए। -जूते पहनने वाली महिलाओं को पैरों के नाखून बराबर काटते रहना चाहिए। -फ्लैट फुट वालों को साधारण जूते नहीं पहनने चाहिए क्योंकि सामान्य पंजों वालों का शरीर का वजह जमीन पर होता है, जबकि फ्लैट फुट वालों का वजन पंजों पर रहता है। -टूटी और घिसी चप्पलें भी नहीं पहचननी चाहिए, ये भी दर्द का कारण बन सकती हैं। -पंजा दर्द होने पर उसे ऊपर नीचे, दाएं-बाएं और गोल-गोल घुमाना चाहिए (मीनाक्षी,हिंदुस्तान,दिल्ली,22.6.2010)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

एक से अधिक ब्लॉगों के स्वामी कृपया अपनी नई पोस्ट का लिंक छोड़ें।