हिमाचल प्रदेश में गैर-सरकारी अस्पतालों में अब सरकारी कर्मचारियों का इलाज और आसान हो जाएगा। सरकारी सूची में शामिल (इंपैनल) किए गए नए प्राइवेट अस्पतालों में भी अन्य अस्पतालों की तरह मेडिकल बिल री-इंबर्स किए जाएंगे। अभी तक स्वास्थ्य विभाग के साथ देश और राज्य के 172 सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों का इस सुविधा से जोड़ा गया है।
अब कुछ और अस्पतालों में यह सुविधा शुरू की जाएगी। वहीं, सरकार ने नए अस्पतालों को इस सुविधा से जोड़ने के नियम भी सख्त कर दिए हैं। नए सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों और प्रयोगशालाओं को इस सूची में शामिल करने के लिए नई नीति बनाई जाएगी। अगर यह अस्पताल सरकार के नियमों पर सही न उतरे तो इन्हें इस सुविधा से वंचित कर दिया जाएगा।
प्रधान स्वास्थ्य सचिव पीसी धीमान ने बताया कि नई नीति के लिए स्वास्थ्य विभाग को विशेष निर्देश दिए गए हैं। अन्य राज्यों के अस्पतालों के बिल पीजीआई के रेट पर और राज्य के अस्पतालों के बिल आईजीएमसी आरकेएस के रेट पर री-इंबर्स होते हैं। अभी विभाग के साथ देश और राज्य के 24 सरकारी अस्पताल शामिल हैं। राज्य के प्राइवेट 96 और अन्य राज्यों के 52 अस्पताल भी इस योजना के तहत लिए गए हैं। नई नीति के तहत सभी अस्पतालों में स्टाफ, चिकित्सा सुविधाओं का ध्यान रखा जाएगा।
मरीजों को मिलेंगी सुविधाएं
प्रदेश रोगी कल्याण समिति के परियोजना अधिकारी डॉ. हरदयाल चौहान ने बताया कि नई नीति पर काम चल रहा है। इसमें मरीज की सुविधाओं का ध्यान रखा जाएगा। अस्पतालों को पूरी तरह आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। इसी तरह प्रयोगशालाओं के लिए नए मानक तय किए जाएंगे। अभी तक जो अस्पताल पहले से इसमें शामिल हैं उनका अनुबंध तय समय तक जारी रहेगा। जब उनके अनुबंध की समयावधि खत्म हो जाएगी तो उन अस्तपालों को नए नियमों पर खरा उतराना होगा। उसके बाद ही इन अस्पतालों को किया जाएगा(Dainik Bhaskar,Shimla,15.6.2010)।
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